Thursday, September 12, 2019

RTI APPLICATION

166A, 409, 336 व 120B IPC/ भारतीय दंड संहिता के तहत मेरे विद्यालय के संबंध में एफआईआर दर्ज।
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सिणली जागीर में मैंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की है। वर्तमान मेरे विद्यालय का नाम राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय सिणली जागीर हैं।
मेरे विद्यालय में सरकार द्वारा नया भवन स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ। बजट था लगभग 60 लाख। एक दिन मुझे मेरे एक साथी ने बताया कि हमारे विद्यालय में नये कमरे बन रहे हैं और नीव मे रेत डाली जा रही है तथा सामग्री बहुत ही घटिया स्तेमाल की जा रही है तथा सारे लोग मिले हुए हैं बजट का बंदरबांट करके हड़प रहे हैं और ऐसे घटिया क्लास रूम बन गया तो वह एक दिन गिरेंगे ही गिरेंगे, इसलिए इस कार्य को रुकवाकर ठीक करवाना होगा।
मैं मौके पर गया, शिक्षकों से बातचीत की तथा वहां पर कार्यरत मजदूरों से भी बातचीत की लेकिन कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला और मुझे उम्मीद भी नहीं थी।
फिर मैने फोटोग्राफी की और 20 अक्टूबर 2016 को एक शिकायत दर्ज करवाई। मुझे उम्मीद थी कि भले ही हमेशा जनप्रतिनिधि, नेता व अधिकारी मेरे खिलाफ रहते हो लेकिन इस बार मासूम बच्चों की जिन्दगी का सवाल है इसलिए जनप्रतिनिधि भी मेरी शिकायत मे मेरे फेवर में आएंगे और खराब क्वालिटी के निर्माण को रुकवा कर सही काम करने हेतु पैरवी करेंगे। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। सारे जनप्रतिनिधि, नेता व अधिकारी मेरे खिलाफ हो गए, विशेषकर राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री श्री अमराराम चौधरी जो हमारे पचपदरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी थे तथा हमारे गांव के जनप्रतिनिधि श्री ओम प्रकाश पालीवाल तथा कई अन्य भी।
सभी ने ग्राम पंचायत धारासर, तहसील चौहटन, जिला बाड़मेर निवासी कॉन्टेक्टर का फेवर लिया और मेरी शिकायत की जांच करने वाले अधिकारी और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों को कहा कि इस शिकायत को बंद करो और जैसा काम चल रहा है वह चलने दो। मेरी शिकायत की जांच करने वाले अधिकारीयों व यशवंत चौधरी, सहायक अभियंता (रमसा-बाड़मेर) जो पहले बालोतरा पंचायत समिति में रहा हुआ है और अव्वल दर्जे का भ्रष्ट व्यक्ति हैं जो चंद पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है ने मिलकर मेरी शिकायत की जांच कर ली और सहायक अभियंता (रमसा-बाड़मेर) यशवंत चौधरी ने दिनांक 09/11/2016 को मेरी शिकायत यह कहकर बंद कर दी की मौके पर नीव का कार्य चल रहा है तथा कार्य मापदंड के अनुसार संतोषजनक पाया गया है। अतः शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा झूठी शिकायत की है। उक्त प्रकार से दूषित जांच रिपोर्ट बनाकर मेरी शिकायत को बंद कर दिया। उक्त शिकायत को बंद करने की लीपापोती में दयाराम चौधरी, पूर्व ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफीसर, बालोतरा, सीडीपीओ बालोतरा, मेरे गांव के ग्राम सेवक मोहन सिंह व मेरे गांव के पटवारी नरपत राम आदि ने साइन व रिपोर्ट करने भी खुद को शामिल किया हैं।
चूँकि सभी नेता और अधिकारीगण लॉबिंग किए हुए थे वह बड़े ही कॉन्फिडेंस में थे कि ऐसी कई शिकायतें आती जाती है कुछ नहीं होना है कर दो लीपापोती, और उन्होंने वास्तव में ऐसा कर भी दिया। लेकिन हर बार इतने घृणित, पापयुक्त व अपराधिक कार्यों में किस्मत भी साथ नहीं देती, और हुआ भी वही जिसकी आशंका थी। क्योंकि इस बार ऊपरवाले की कृपा से अच्छी बारिश हुई और हमारे गांव में भी अच्छी बारिश हुई।
मुझे मेरे सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई थी विद्यालय जर्जर अवस्था में पहुंच गया है और स्थिति ऐसी है कि कभी भी गिर सकता है और कोई भी हादसा हो सकता है। मैं मौके पर गया तो वास्तव में विद्यालय जर्जर अवस्था में पहुंच चुका था और मैंने देखा कि पिछले 2 सालों में दो से तीन बार उस विद्यालय की मरम्मत भी कर दी गई है मैंने विद्यालय के शिक्षकों से बात की तो उन्होंने दो-तीन बार मरमत करने की बात स्वीकार की जा चूकी है। वर्तमान में नव निर्मित क्लास के कमरों में शिक्षकों ने बच्चों को बिठाना बंद कर दिया है क्योंकि हादसे की आशंका हर समय बनी रहती है इसलिए ऐसे कमरों में बच्चों को बैठाकर कोई भी शिक्षक रिस्क नही लेना चाहेगा, वह भी तब जब बात अपनी नौकरी की आती है।
इसलिए मैंने परसों दिनांक 09 सितंबर 2019 को पुलिस थाना बालोतरा में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0417/2019 अंतर्गत धारा 166A, 409, 336 व 120B IPC/भारतीय दंड संहिता के तहत FIR दर्ज करवाई है।
एक बात मुझे अच्छे से समझ में आ गई कि यह नेता लोग चंद वोटों के लिए सैकड़ों बच्चों की मौत का सौदा भी कर सकते हैं और यह लोकसेवक गण अपने आकाओं के कहने पर और चंद पैसों के लालच में अत्यंत निम्नतर स्तर तक गिर सकते हैं। आप इस बात का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि उन्होंने रेत से भरी हुई नीव को भी मापदंड अनुसार बता दिया, जैसा कि आप फोटो में देख सकते हैं कि किस तरह घटिया स्तर के पत्थरों पर सूखी रेत डालकर क्लास रूम खड़े कर दिये है। खुदा-न-खास्ता कभी हादसा हो गया तो सैकड़ों बच्चों की जान जाएगी।
मुझे उम्मीद है कि दूषित जांच करने वाले अधिकारियों, रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों कई अन्य फेवर करने वालों तथा कार्यकारी एजेंसी की खैर नहीं।
एक बात और यह है कि मैं जानता हूं कि मेरी इस पोस्ट को काफी सारी लोकसेवक, नेता व जनप्रतिनिधि पढ़ रहे हैं। मैं उनसे एक बात कहना चाहूंगा कि यह मामला बच्चों के जीवन से जुड़ा हुआ मामला है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इस मामले मे अपराधियो का सहयोग नही करें व फालतू की टांग नहीं अड़ाये या किसी भी प्रकार से अड़ंगा डालने का प्रयास नही करें अन्यथा परिणाम काफी काफी गम्भीर हो सकते हैं। जांच मे संदेह उत्पन होने पर इसमें कभी भी उच्च स्तरीय जांच हो सकती हैं।
जय हिंद।
भारत माता की जय।Image may contain: text


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