काफी सारे भारतीयों को इंस्टैंट लोन के कुचक्र में फंसाया गया है। ये फर्जी कंपनियां 36% की ब्याज दर से लोन देती थीं। यदि कोई लोन दे पाने में असमर्थ होता तो उन्हें बदनाम करने के पूरी कोशिश की जाती, इस मानसिक प्रताड़ना के कारण कई लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी
हाल ही के कुछ दिनों में यह सामने आया की कैसे एक चीनी नागरिक की करतूत के बदौलत काफी सारे भारतीयों को इंस्टैंट लोन के कुचक्र में फंसाया गया. ये फर्जी कंपनियां 36% की ब्याज दर से लोन देती थी (और ये बात काफी बार लोन देते समय बतायी नहीं जाती थी) और यदि कोई लोन दे पाने में असमर्थ होता तो उन्हें बदनाम करने के पूरी कोशिश की जाती..(ये लोग फोन का सारा डाटा गिरवी रख लेते थे). इस मानसिक प्रताड़ना के कारण कई लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़.
दोस्तों, आज काफी लोग अपने फोन पर ऐसी ऐप्स डाउनलोड कर लेते हैं. जिनमें से काफी ऐप्स तो फर्जी ही होती है और सिर्फ और सिर्फ चुराने के बनाई जाती है. लाखों भारतीयों का आधार कार्ड और पैन कार्ड का डाटा लिया जाता है. जो कुछ ऐप्स लोन देती भी है तो हिडन चार्जेजे क नाम पर इतना ब्याज थोप देती है कि उसे चुकाना दूभर हो जाता है.
यह सब रुकना चाहिए.. और इसमें आप सभी मदद करेंगे तभी यह रुक सकता है.
हम सरकार से मांग करते है कि एक ऐसी संस्था बनाई जाए
1.जो सभी फाइनेंस एप्स की स्वतंत्रतापूर्वक जांच करें.
2. कोई भी फाइनेंस से जुड़ी ऐप्प ऐप्पस्टोर पर आने से पहले उसकी इस संस्था द्वारा इसकी वैधता की जांच करवाना अनिवार्य किया जाए और इसके लिए गूगल और एप्पल को निर्देशित किया जाए.
3. फाइनेंस एप्स से संबंधित सभी वाद विवाद को निपटान करने की जिम्मेदारी इसी संस्था की हो.
4. यह संस्था केवल भारत सरकार के लिए उत्तरदायी हो.
दोस्तों.. यदि भारत मे यह हो पाता है तो यह डिजिटल दुनिया मे एक पारदर्शिता की क्रांति की तरह होगा और देशहित मे होगा. आपका एक एक हस्ताक्षर इसमें मील का पत्थर साबित होगा.
धन्यवाद..।।।
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