Monday, April 29, 2019

किसी भी मामले में बैंक और बैंक कर्मचारी के खिलाफ शिकायत कैसे करें

किसी भी मामले में बैंक और बैंक कर्मचारी के खिलाफ शिकायत कैसे करें ?
Bank Lokpal Comlaint Kaise Kare –कई बार ऐसा देखा गया है | की कुछ Bank अपने ग्राहकों के साथ बहुत बुरा बर्ताव करते हैं | जैसे Bank अकाउंट खोलने अथवा बंद करने में आनाकानी करना , पूर्व सूचना के बगैर सर्विस चार्ज काट लेना , बिना उचित कारण बताए लोन आवेदन को रद्द कर देना, बिना किसी ठोस वजह के लोन देने से मना करना , क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरने के पश्चात भी अतिरिक्त शुल्क काट लेना , बिना वजह Bank कर्मचारी ग्राहकों से चिढ जाने पर ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करना और उन्हें सुविधाएं ना प्रदान करना , Bank कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के साथ ऐसे दुर्व्यहार करना आजकल आम होता जा रहा है |
प्राइवेट सेक्टर के कुछ बैंकों को छोड़कर सरकारी Bank कर्मचारी ज्यादातर ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं | ऐसी स्थिति में ग्राहक बैंकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाते हैं | और वह उन सभी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं | जिन्हें प्राप्त करना उनका कानूनन अधिकार है |
भारतीय रिजर्व Bank ने ग्राहक के साथ Bank कर्मचारियों द्वारा किए गए किए जा रहे दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने और ग्राहकों को Bank द्वारा उचित सुविधा प्रदान करने के लिए बैंकों के लिए कई विशेष नियम बनाए हैं | भारतीय रिजर्व Bank ने Bank ग्राहकों को लोकपाल जैसे मजबूत अधिकार प्रदान किए हैं | जिसके अंतर्गत ऐसे Bank कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करके ग्राहक Bank और बैंक कर्मचारियों को भी सबक सिखा सकते हैं | जिससे वह उनके साथ ही नहीं बल्कि अन्य ग्राहकों के साथ भी दुर्व्यवहार नहीं कर सकेंगे Bank
आप इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगें – Lokpal Comlaint Kaise Kare ? , भारतीय स्टेट बैंक शिकायत कैसे करें ? , बैंक मैनेजर की शिकायत कैसे करें ? , बैंक के खिलाफ शिकायत कैसे करें ? , भारतीय रिजर्व बैंक में शिकायत कैसे करें ? , भारतीय स्टेट बैंक खाता शिकायत कैसे करें ? , शिकायत दर्ज कैसे करें ? रिजर्व बैंक शिकायत कैसे करें ? , बैंकिंग लोकपाल भोपाल , बैंकिंग लोकपाल कानपुर का मोबाइल नंबर, भारतीय स्टेट बैंक शिकायत कैसे करें ? , बैंक की शिकायत कैसे करें ?
Bank या बैंक कर्मचारी परेशान करें तो क्या करें –
Bank द्वारा ग्राहकों से लोन , क्रेडिट कार्ड आदि की बकाया राशि वसूलने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं | तरह तरह की प्रताड़ना देकर उनसे पैसे वसूल किए जाते हैं | कई बार तो ऐसा देखा गया है | कि Bank की गलती से ऐसे ग्राहकों को भी प्रताड़ित किया जाता है | जिन्होंने Bank से किसी प्रकार का लोन लिया तक नहीं होता है | हाल में ही मुबई से एक मामला सुनाने को मिला था | जहाँ एक 81 साल रिटायर्ड शिक्षिका लक्ष्मी भंडारकर को बैंकों द्वारा धमकी भरी कॉल आने लगी | जिससे वह अत्यधिक भयभीत हो गई |
और जब भी कोई कॉल आती वह डर जाती | उनका दोष कुछ भी नहीं था | उनके बेटे ने क्रेडिट कॉर्ड से ना कोई खरीदारी की थी | और ना ही कैश निकला था | फिर भी Bank द्वारा उन पर बकाया पैसे दिखाए जा रहे थे | और बार-बार कॉल करके मैं परेशान किया जाता जा रहा था | जब उनके परिवार ने पुलिस से संपर्क किया | तब जाकर उनकी समस्याओं का समाधान हुआ |
इसके साथ ही आजकल Bank ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करने में जरा सा भी हिचकते नहीं है | अक्सर देखा गया है | कि Bank , अकाउंट खोलने में या बंद करने में आनाकानी करते हैं | क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरने पर भी अतिरिक्त शुल्क अदा वसूलते हैं , बिना किसी सूचना के सर्विस चार्ज काट लेते हैं , बिना किसी उचित कारण दर्शाए लोन का आवेदन रद्द कर देते हैं / लोन देने से मना करते हैं , बिना वजह ग्राहकों को परेशान करते हैं , और ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं प्रदान करते हैं | जिसके कारण ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है | लेकिन अब ऐसा नहीं है | ग्राहक चाहे तो ऐसे Bank और Bank कर्मचारियों को भी उनकी नानी याद दिला सकते हैं |
Bank के खिलाफ शिकायत कैसे करें –
यदि आप भी Bank द्वारा किसी प्रकार से प्रताड़ित किए जा रहे हैं | आप को मिलने वाली सुविधाएं Bank द्वारा प्रदान नहीं की जा रही है | Bank अपनी मनमानी कर रहे हैं | बिना वजह आपके लोन को रिजेक्ट कर रहे हैं | और अन्य कई तरह की सुविधाओं से आपको वंचित कर रहे हैं | तो आप भी ऐसे Bank और Bank कर्मचारियों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा कर उन्हें सबक सिखा सकते हैं | Bank Lokpal Comlaint Kaise Kare ?एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए –
अन्याय करने वाले से ज्यादा दोषी अन्याय सहने वाला होता है |
Bank और Bank के कर्मचारियों के खिलाफ आप तीन तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं –
पहले अपने Bank में लिखित शिकायत करें –
हर Bank में एक शिकायत सेल होता है | आप इस शिकायत पर सेल में जाकर Bank अफसरों से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं | आप को लिखित रुप में Bank अफसरों से अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए |
टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं –
अफसरों के पास शिकायत दर्ज कराने के साथ ही आप Bank के टोल फ्री नंबर पर भी कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं | अपनी शिकायत दर्ज कराने के पश्चात अपनी कंप्लेंट ID जरूर प्राप्त कर लें |आजकल सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के अपने टोल फ्री नंबर हैं | जहां आप आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं |
Bank की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराएं –
टोल फ्री नंबर किस अतिरिक्त आप Bank की ऑफिशियल वेबसाइट मेल मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के लिए ये है bobhopal@rbi.org.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं | अपनी शिकायत दर्ज कराने के पश्चात आपको कंप्लेंट नंबर मिलेगा | जिससे आपको अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए | शिकायत दर्ज कराने के पश्चात आपसे Bank अधिकारी संपर्क करेंगे | और कम से कम समय के अंदर आपकी समस्याओं का निपटारा करेंगे |
30 दिनों तक इंतजार करें –
Bank शिकायत सेल , Bank के टोल फ्री नंबर अथवा Bank की वेबसाइट पर शिकायत करने के पश्चात आप को कम से कम 30 दिनों तक का इंतजार करना चाहिए | 30 दिन के अंदर Bank द्वारा आपकी शिकायत का समाधान किया जाएगा | और यदि 30 दिनों के बाद भी Bank ने आपकी समस्या का निवारण नहीं किया है | और आपको Bank द्वारा किसी प्रकार का संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है | औरै या Bank द्वारा दिए गए जवाब से आप संतुष्ट नहीं हैं | तो आप Bank लोकपाल / Banking Ombudsman से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं | और अपनी शिकायत का समाधान प्राप्त कर सकते हैं | और अपने
बैंकिंग लोकपाल क्या होता है –
Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल एक ऐसा वरिष्ठ अधिकारी होता है | जो Banking सेक्टर से जुड़ी उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण करने के लिए आरबीआई अर्थात भारतीय रिजर्व Bank ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त किया जाता है | Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल को बैंकिंग ओंबड्समैन भी कहा जाता है | Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल , बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी ग्राहकों की सभी शिकायतों का निराकरण करते हैं | मौजूदा समय में 15 Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल नियुक्त किए गए हैं | जिनके ऑफिस अधिकतर राज्यों की राजधानी में होते हैं |
Bank Lokpal Comlaint Kaise Kare ?बैंकिंग लोकपाल के अंतर्गत सभी क्षेत्रीय ग्रामीण Bank , अनुसूचित प्राथमिक सहकारी Bank और अनुसूचित वाणिज्यिक Bank भी शामिल है | Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं | यहां शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है | Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल आपकी शिकायत को 30 दिनों के अंदर सॉल्व करेंगे | और Bank के खिलाफ उचित कार्यवाही करके आपको आपका हक दिलाएंगे जिनके आप हकदार हैं |
बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करने से पहले ध्यान रखें –
बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने से पहले आपको अपनी शिकायत Bank अधिकारियों से लिखित रूप में करनी चाहिए |यदि Bank के वरिष्ठ अधिकारी आपकी शिकायत नहीं सुनते हैं | अथवा आनाकानी करते हैं , तो आप बैंकों के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा कर अपनी कंप्लेंट ID प्राप्त कर लें | अथवा Bank की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं|इन जगहों पर शिकायत दर्ज कराने के पश्चात आपको कम से कम 30 दिनों तक इंतजार करना चाहिए |इस दौरान यदि आपकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है | अथवा आपको संतोषजनक नहीं लगता है | तब आप आगे बढ़कर Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |
किस प्रकार के मामलों में बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करनी चाहिए –
बैंकिंग लोकपाल से आप निम्नलिखित मामलों में शिकायत दर्ज ( Bank Lokpal Comlaint Kaise Kare ?) करा सकते हैं –
किसी भी तरह के भुगतान या चेक , ड्राफ्ट , बिल के कलेक्शन में देरी होने अथवा ना होने की स्थिति में आप लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |आरबीआई द्वारा निर्धारित किए गए शुल्क से ज्यादा शुल्क लेने / वसूलने की स्थिति में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |Bank द्वारा की जा रही लापरवाही या किसी वजह से आपके चेक के भुगतान में की जा रही देरी के मामले में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकते हैं |यदि कोई Bank आपका Bank अकाउंट खोलने अथवा बंद करने में आनाकानी करता है | तो ऐसी स्थिति में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं |आरबीआई द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार Bank द्वारा आपको ब्याज ना प्रदान करने अथवा निर्धारित ब्याज दर से अधिक ब्याज वसूलने में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकते हैं |आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार क्रेडिट कार्ड संबंधी किसी भी प्रकार के नियमों के उल्लंघन करने पर भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं |यदि Bank का आपको आपके हक के किसी सुविधा अथवा सर्विस देने से मना करता है | तो भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |अगर कोई Bank भुगतान लेने से मना करता है | तो भी आप शिकायत कर सकते हैं |यदि Bank बिना किसी ठोस कारण बनता है | आपके लोन आवेदन को रद्द करता है | तो ऐसी स्थिति में भी आप Bank लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |अगर कोई Bank आपको बिना किसी उचित कारण बताए डिपॉजिट अकाउंट खोलने से मना करता है | तो भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं |यदि कोई Bank आप को पहले से सूचना दिए बिना ही किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क वसूलता है | तो भी आप अपनी शिकायत Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास कर सकते हैं |या फिर कोई Bank आपको बिना उचित कारण बताए आपके अकाउंट को जबरन बंद करना है | तो भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कर सकते हैं |यदि कोई Bank आपके अकाउंट को बंद करने से मना करता है | अथवा देरी करता है | तो भी आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं |बैंकों द्वारा पारदर्शी रूप से सभी नियमों का पालन ना करने की स्थिति में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकते हैं |बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व Bank द्वारा निर्धारित निर्देशों का उल्लंघन करने और आपको मिलने वाली सुविधाओं से वंचित करने पर भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं |ड्राफ्ट भुगतान आदेश और बैंकर्स चेक आदि को जारी करने में देरी करना अथवा जारी करने से मना करने के मामले में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं |सिक्कों को बिना किसी विशेष और पर्याप्त कारण बताएं लेने से मना करने के संबंध में मैं भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कर सकते हैं |SMS के नाम पर बिना किसी पूर्व सूचना के अनुचित शुल्क वसूलने के मामले में भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं |किसी काम को निर्धारित समय पर पूरा ना करने पर भी आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कर सकते हैं |Bank के लिखित निर्देशों के बावजूद भी यदि किसी सेवा लोन के अलावा मुहैया कराने में देरी की स्थिति में भी आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं |
बैंकिंग लोकपाल आपकी शिकायत कब और क्यों खारिज कर सकता है –
निम्नलिखित स्थिति में बैंकिंग लोकपाल ( Bank Lokpal Comlaint Kaise Kare ?) आपकी शिकायत को खारिज भी कर सकता है –
यदि ग्राहक ने पहले Bank में लिखित शिकायत ना दर्ज की हो |Bank द्वारा जिस तय समय सीमा के अंडर ग्राहक की शिकायत का समाधान करना है | वह समय सीमा अभी समाप्त ना हुई हो |ग्राहक ने अदालत , उपभोक्ता फोरम में पहले से शिकायत दर्ज की हो |Bank में शिकायत दर्ज किए हुए 1 साल से ज्यादा समय हो चुका हो |
इससे मिलने वाले मुआवजे की सीमा –
शिकायतकर्ता को 1000000 रुपए तक अथवा वास्तव में उसका जितना नुकसान हुआ है | दोनों में से जो भी कम होगा | उतना मुआवजे के रूप में Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल द्वारा दिलाया जा सकता है |मानसिक पीड़ा और प्रताड़ना के लिए Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल द्वारा अधिकतम ₹100000 तक का मुआवजा दिलाया जा सकता है |लेकिन यह मामला केवल क्रेडिट कार्ड ऑपरेशन से संबंधित शिकायतों तक ही सीमित है |
यदि आप Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल द्वारा कराए गए समझौते अथवा फैसले से सहमत नहीं है | तो क्या करें –
तो आप 30 दिनों के अंदर किसी अपीलेट अथॉरिटी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं | इस मामले में अपीलेट अथॉरिटी आरबीआई के डिप्टी गवर्नर है | आप कंज्यूमर रिड्रेसल फोरम के पास भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं | आप इसे इस तरह समझ सकते हैं –
पहला कदम – आपको 30 दिनों के अंदर ही आपको रिजर्व Bank ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर पास से संपर्क करना होगा |
दूसरा कदम – आप ऐसे उपभोक्ता फोरम से भी संपर्क कर सकते हैं | जो Bank से जुड़ी शिकायत का निराकरण करता है |
तीसरा कदम – आप Bank के खिलाफ अदालत में केस फाइल कर सकते हैं |
बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कैसे दर्ज कराएं –
आपको सादे कागज पर अपनी शिकायत लिखकर लोकपाल के ऑफिस में जमा करना होगा | आपको लोकपाल के उस ऑफिस में शिकायत दर्ज करानी है | जिसके अंतर्गत आपकी Bank ब्रांच आती है | आपके क्षेत्र की Bank किस लोकपाल के अंतर्गत आती है | या जानकारी आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं |
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले मामलों में –
क्रेडिट कार्ड के मामलों में अक्सर कारोबार करने वाले बैंकों का सारा रिकॉर्ड और सिस्टम सेंट्रलाइज्ड होता है | ऐसी स्थिति में आपका घर जिस लोकपाल के क्षेत्र के अंतर्गत आता है | आप उस लोकपाल के ऑफिस अथवा ईमेल पते पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं |
शिकायत दर्ज करने के लिए विभिन्न Banking Ombudsman / लोकपाल के नाम , इमेल ID फैक्स नंबर और पता –
शिकायत दर्ज कराने के लिए पता , फोन नंबर , फैक्स नंबर और ईमेल ID यहां पर आपको विभिन्न लोकपाल के क्षेत्र और उनके पता आदि की पूरी जानकारी दी जा रही है | आप अपने क्षेत्र के लोकपाल के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं –
1. Ahmedabad –
Shri G J Raju
C/o Reserve Bank of India
La Gajjar Chambers, Ashram Road
Ahmedabad-380 009
STD Code: 079
Tel. No. 26582357/26586718
Fax No. 26583325
Email : boahmedabad@rbi.org.in
Area – Gujarat, Union Territories of Dadra and Nagar Haveli, Daman and Diu
2. Bengaluru –
Ms. C R Samyuktha
C/o Reserve Bank of India
10/3/8, Nrupathunga Road
Bengaluru -560 001
STD Code: 080
Tel. No. 22210771/22275629
Fax No. 22244047
Email : bobangalore@rbi.org.in
Area – Karnataka
3. Bhopal –
Shri V K Nayak
C/o Reserve Bank of India
Hoshangabad Road
Post Box No. 32, Bhopal-462 011
STD Code: 0755
Tel. No. 2573772/2573776
Fax No. 2573779
Email : bobhopal@rbi.org.in
Area- Madhya Pradesh
4. Bhubaneswar –
Shri S Behera
C/o Reserve Bank of India
Pt. Jawaharlal Nehru Marg
Bhubaneswar-751 001
STD Code: 0674
Tel. No. 2396207/2396008
Fax No. 2393906
Email : bobhubaneswar@rbi.org.in
Area – Odisha
5. Chandigarh –
Shri J L Negi
C/o Reserve Bank of India
4th Floor, Sector 17
Chandigarh
Tel. No. 0172 – 2721109
Fax No. 0172 – 2721880
Email : bochandigarh@rbi.org.in
Area – Himachal Pradesh, Punjab, Union Territory of Chandigarh and Panchkula, Yamuna Nagar and Ambala Districts of Haryana.
6. Chennai –
Shri R. Lakshmi Kanth Rao
C/o Reserve Bank of India
Fort Glacis, Chennai 600 001
STD Code: 044
Tel No. 25395963 / 25395964
Fax No. 25395488
Email : bochennai@rbi.org.in
Area – Tamil Nadu, Union Territories of Puducherry (except Mahe Region) and Andaman and Nicobar Islands
7. Guwahati –
Smt Anandita Bhattacharya
C/o Reserve Bank of India
Station Road, Pan Bazar
Guwahati-781 001
STD Code: 0361
Tel.No.2542556/2540445
Fax No. 2540445
Email : boguwahati@rbi.org.in
Area – Assam, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland and Tripura
8. Hyderabad –
Smt Reeny Ajit
C/o Reserve Bank of India
6-1-56, Secretariat Road
Saifabad, Hyderabad-500 004
STD Code: 040
Tel. No. 23210013/23243970
Fax No. 23210014
Email : bohyderabad@rbi.org.in
Area – Andhra Pradesh and Telangana
9. Jaipur
Smt Madhavi Sharma
C/o Reserve Bank of India,
Ram Bagh Circle,
Tonk Road, Post Box No. 12
Jaipur-302 004
STD Code: 0141
Tel. No. 0141-5107973
Fax No. 0141-2562220
Email : bojaipur@rbi.org.in
Area – Rajasthan
10. Kanpur
Smt Supriya Pattnaik
C/o Reserve Bank of India
M. G. Road, Post Box No. 82
Kanpur-208 001
STD Code: 0512
Tel. No. 2306278/2303004
Fax No. 2305938
Email : bokanpur@rbi.org.in
Area – Uttar Pradesh (excluding Districts of Ghaziabad, Gautam Buddha Nagar, Saharanpur, Shamli (Prabudh Nagar), Muzaffarnagar, Baghpat, Meerut, Bijnor and Amroha (Jyotiba Phule Nagar)
11. Kolkata
Smt. Reena Banerjee
C/o Reserve Bank of India
15, Netaji Subhash Road
Kolkata-700 001
STD Code: 033
Tel. No. 22304982
Fax No. 22305899
Email : bokolkata@rbi.org.in
Area – West Bengal and Sikkim
12. Mumbai
Smt. Ranjana Sahajwala
C/o Reserve Bank of India
4th Floor, RBI Byculla Office Building,
Opp. Mumbai Central Railway Station,
Byculla, Mumbai-400 008
STD Code: 022
Tel No. 23022028
Fax : 23022024
Email : bomumbai@rbi.org.in
Area – Maharashtra and Goa
13. New Delhi (I)
Smt. Anupam Sonal
C/o Reserve Bank of India,
Sansad Marg, New Delhi
STD Code: 011
Tel. No. 23725445/23710882
Fax No. 23725218
Email : bonewdelhi@rbi.org.in
Area – Delhi
14. Patna
Smt. Nandita Singh
C/o Reserve Bank of India
Patna-800 001
STD Code: 0612
Tel. No. 2322569/2323734
Fax No. 2320407
Email : bopatna@rbi.org.in
Area – Bihar
15. Thiruvananthapuram
Shri H N Iyer
C/o Reserve Bank of India
Bakery Junction
Thiruvananthapuram-695 033
STD Code: 0471
Tel. No. 2332723/2323959
Fax No. 2321625
Email : bothiruvananthapuram@rbi.org.in
Area – Kerala, Union Territory of Lakshadweep and Union Territory of Puducherry (only Mahe Region).
16 New Delhi (II)
Shri R S Amar
C/o Reserve Bank of India
Sansad Marg, New Delhi
STD Code: 011
Tel. No. 23724856
Fax No. 23725218-19
Email : bonewdelhi2@rbi.org.in
Area – Haryana (except Panchkula, Yamuna Nagar and Ambala Districts) and Ghaziabad and Gautam Budh Nagar districts of Uttar Pradesh
17 Dehradun
Shri H S Khitaulia
C/o Reserve Bank of India
74/1 GMVN Building, 3rd floor,
Rajpur Road,
Dehradun – 248 001
STD Code : 0135
Telephone : 2742003
Fax : 2742001
Email : bodehradun@rbi.org.in
Area – Uttarakhand and seven districts of Uttar Pradesh viz., Saharanpur, Shamli (Prabudh Nagar), Muzaffarnagar, Baghpat, Meerut, Bijnor and Amroha (Jyotiba Phule Nagar)
18 Ranchi
Shri Sanjiv Dayal
C/o Reserve Bank of India
4th Floor, Pragati Sadan,
RRDA Building,
Kutchery Road, Ranchi Jharkhand 834001
STD Code : 0651
Telephone : 2210512
Fax : 2210511
Email : boranchi@rbi.org.in
Area – Jharkhand
19 Raipur
Shri. Keshab Korkora
C/o Reserve Bank of India
54/949, Shubhashish Parisar, Satya Prem Vihar
Mahadev Ghat Road, Sundar Nagar, Raipur- 492013
STD Code : 0771
Telephone: 2242566
Fax : 2242566
Email : boraipur@rbi.org.in
Area – Chhattisgarh
20 Jammu
Shri P Shimrah
C/o Reserve Bank of India,
Rail Head Complex,
Jammu- 180012
STD Code : 0191
Telephone: 2477617
Fax : 2477219
Email: bojammu@rbi.org.in
Area – State of Jammu and Kashmir
बैंकिंग लोकपाल के पास ऑनलाइन शिकायत कैसे करें –
आप चाहे तो ऑनलाइन भी अपनी शिकायत बैंकिंग लोकपाल के पास कर सकते हैं | आप नीचे बताए गए आसान से स्टेप्स को फॉलो करके Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं |
सबसे पहले आपको भारतीय रिजर्व Bank की ऑफिशियल वेबसाइट https://secweb.rbi.org.in/BO/precompltindex.htm पर जाना होगा |जब साइट पर पहुंचने के पश्चात आपको नीचे दिखाए गए स्क्रीन शॉट की तरह वेब पेज को होगा | यहां पर आपसे सबसे पहले पूछा जाएगा | कि क्या आपने Bank में लिखित रूप में शिकायत किए यदि की है | तो Yes और नहीं की है | NO दोनों में से एक पर क्लिक करें |
अगले पेज में आपके सामने एक फॉर्म ओपन होगा | जिसमें आपको Bank का नाम अकाउंट नंबर , कंप्लेंट नेम , कंप्लेंट करने वाले की ईमेल ID , कंप्लेंट करने वाले का पता मोबाइल नंबर , शिकायत की PDF फाइल अपलोड करने के लिए कहा जाएगा |
यहां पर सभी जानकारी सही-सही भरना है | और उसके पश्चात आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना है |जैसे ही आप सबमिट करेंगे आपको शिकायत Banking Ombudsman / बैंकिंग लोकपाल के पास पहुंच जाएगी | और समस्या का समाधान किया जाएगा|

Saturday, April 27, 2019

GOBER DHAN SINGH RTI ACTIVIST

TWITTER

Can u pls explain @ArvindKejriwal ji why ur wife Sunita Kejriwal is having 3 voter ids with her ? 1 from Delhi , 1 from UP and 1 from Bengal .

Before pointing finger on other first u should come clean .@BJP4Delhi @ManojTiwariMP @GautamGambhir @siddharthanbjp

Tuesday, April 23, 2019

उत्तर पुस्तिका जाँचने वाले के पद के बारे में, चाहे आर.टी.आई के माध्यम से ही, जानना चाहते हैं

Dear Members, You all have been a student once in your life in any Universities, Institutes, Collages and Schools. Then Did you ever thought,
who has checked your answer sheets,
Whether he is capable of checking your answer sheets or not,
Whether is he associated with your University or not,
Whether is he specialist in teaching the subject he is checking the answer sheets or not ?
and What's his qualifications?
Like and Comment "YES" if you have been a student, have faced the wrong marking and failed circumstances and want to know only name and designation of Examiner who checked your answer books/sheets and above mentioned queries, under R.T.I Act also and show your interest as Large Public interest.
Share this post with your friends, do comments and be part of this campaign To STOP illegal ruling of Teachers, Examiners, Interviewers and Higher Authorities on students, even for future of your own Children to ask these questions as parents and to ask this under Right to information Act because this doesn't include in misbehavior of your children and students with their Masters.
प्यारे सदस्यों, आप सभी जीवन में एक बार किसी विश्वविद्यालय, संस्थान, महाविद्यालय और पाठशाला छात्र रहे होंगे। तब कभी आपने सोचा,
कौन आपकी उत्तर पुस्तिका जाँचता है?
क्या वह आपकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने में सक्षम है या नहीं?
क्या वह उस विश्वविदयालय में ही पढ़ाने वाले हैं या नहीं?
क्या वह उस उत्तर पुस्तिका के विषय में विशेषज्ञ हैं, जिसे वे जांच रहे हैं या नहीं?
और क्या उनकी पढ़ी गयी योग्यता उसी विषय से संबन्धित है या नहीं?
यदि आप कभी भी छात्र रहे हैं और आपने गलत नंबर देने और फ़ेल किए जाने की परिस्तिथियों का सामना किया है और आप ऊपर लिखे प्रशनों सहित उनका नाम और उत्तर पुस्तिका जाँचने वाले के पद के बारे में, चाहे आर.टी.आई के माध्यम से ही, जानना चाहते हैं तो हमारे इस पोस्ट को अधिक से अधिक LIKE, Comment "YES" and Share कीजिये और बड़ा public समर्थन दीजिये ताकि अध्यापकों, परीक्षकों, निरीक्षकों, साक्षात्कारों और उच्च अधिकारियों की छात्रों के साथ अवैध सत्ता समाप्त की जा सके।
अपने बच्चे के भविष्य का ध्यान रखते हुए और ये प्रश्न पूछने की सूचना का अधिकार के लिए अधिनियम के माध्यम से आगे बढ़िए क्योंकि आपका और आपके बच्चो का और छात्रों का गुरु के बारे में पूछना बुरा आचरण में नहीं आता ।

Tuesday, April 16, 2019

RTI लिखने का तरीका


RTI लिखने का तरीका -
👉🏿RTI मलतब है सूचना का अधिकार - ये कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।जिसका उपयोग करके आप सरकार और
किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है।परंतु आज मैं आप को इस के बारे में कुछ और रोचक जानकारी देता हूँ -
👉🏿RTI से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछकर सूचना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
👉🏿RTI से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है।
👉🏿RTI से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
👉🏿RTI में कौन- कौन सी धारा हमारे काम की है।
👉🏿धारा 6 (1) - RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
👉🏿धारा 6 (3) - अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है। तो वह विभाग
इस को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
👉🏿धारा 7(5) - इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
👉🏿धारा 7 (6) - इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है
तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
👉🏿धारा 18 - अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
👉🏿धारा 8 - इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
👉🏿धारा 19 (1) - अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है।तो इस
धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
👉🏿धारा 19 (3) - अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी
अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।
👉🏿RTIकैसे लिखे?
इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI लिख लें
...................................
सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
अधिकारी का पद / जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम.............
विषय - RTI Act 2005 के अंतर्गत .................. से संबधित सूचनाऐं।
अपने सवाल यहाँ लिखें।
1-..............................
2-...............................
3-..............................
4-..............................
मैं आवेदन फीस के रूप में 20रू का पोस्टलऑर्डर ........ संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं..............है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के
समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
नाम:....................
पता:.....................
फोन नं:..................
हस्ताक्षर...................
ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।
👉🏿अब मित्रो केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 20 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है।
👉🏿हर राज्य का RTI शुल्क अगल अलग है जिस का पता आप कर सकते हैं।
👉🏿जनजागृति के लिए जनहित में शेयर करे।
👉🏿RTI का सदउपयोग करें और भ्रष्टाचारियों की सच्चाई /पोल दुनिया के सामने लाईये
कृपया इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुपो में ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करे और RTI को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी और प्रभावी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे

ELECTION COMMISON

Image may contain: text

No photo description available.

Image may contain: text

Monday, April 15, 2019

कोई कंपनी कैरीबैग के 3, 10, 13 रुपए मांगे तो ये खबर पढ़वा देना

शॉपिंग के लिए जाते समय अक्सर लोग अपने साथ बैग नहीं ले जाते. चाहे मॉल हो या कोई शॉप. हालांकि ये भी है कि आप हर जगह बैग लेकर चल भी नहीं सकते. शॉपिंग के बाद आपको ख्याल आता है कि बैग तो लाया नहीं. इसके बाद दुकानदार पूछता है सर बैग चाहिए. आप सोचते हैं सामान तो ले ही जाना है, बैग तो लेना ही पड़ेगा. दुकानदार कहता है कि बैग के अलग से पैसे देने होंगे. आप पैसे देते हैं और समान भर कर चल देते हैं. आप कभी सोचते हैं कि बैग के अलग से पैसे क्यों देने पड़े. दिल्ली-एनसीआर में कैरी बैग के दुकानवाले 5 से 15 रुपए तक लेते हैं. कई बार कंपनी उन बैग के जरिए अपने ब्रांड का प्रचार कर रही होती हैं. आप सोचें या न सोचें कि आपसे कैरीबैग के पैसे क्यों लिए जाते हैं. चंडीगढ़ के एक बंदे ने सोचा. उसे बुरा लगा और वह कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट ने उसकी सुनी और ऐतिहासिक फैसला सुना दिया.
मामला क्या है
दिनेश प्रसाद रतूड़ी ने 5 फरवरी को चंडीगढ़ के सेक्टर 22D में बाटा स्टोर से जूता खरीदा. स्टोर ने उन्हें 402 रुपए का बिल थमा दिया. इस बिल में पेपर कैरी बैग के 3 रुपए का बिल भी शामिल था. पेपर बैग पर बाटा अपने ब्रांड का प्रचार कर रहा था. अब ये बात दिनेश प्रताप को अच्छी नहीं लगी. उन्होंने अपने तीन रुपए वापस मांगे. लेकिन स्टोर से 3 रुपए वापस देने से इनकार कर दिया. फिर क्या था. दिनेश कंज्यूमर फोरम चले गए.
कंज्यूमर फोरम में क्या हुआ
दिनेश ने 8 फरवरी को कंप्लेन फाइल की. उन्होंने कहा कि उनसे बाटा इंडिया ने कैरी बैग के तीन रुपए अलग से ले लिए. जबकि इस बैग के माध्यम से बाटा अपने ब्रांड का प्रचार कर रही है. यानी बैग पर ब्रांड का विज्ञापन है. बाटा इंडिया ने दलील दी कि पर्यावरण बचाने के लिए हम पेपर से बने बैग अपने ग्राहकों को देते हैं.
फोरम ने क्या कहा
चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने कहा कि बाटा इंडिया अगर खुद को पर्यावरण एक्टविस्ट समझ रहा है तो ये बैग उसे अपने ग्राहकों को फ्री में देना चाहिए. फोरम ने कहा कि अब से स्टोर से समान खरीदने वालों को फ्री में बैग मुहैया कराएं. फोरम ने ये भी कहा कि गलत तरीके से लिए गए तीन रुपए ग्राहक को लौटाए जाएं. मुआवजा के तौर पर ग्राहक को तीन हजार रुपए दिए जाएं. फोरम ने ये भी कहा कि कानूनी लड़ाई लड़ने में खर्च हुए एक हजार दिनेश को दिए जाएं. फोरम ने बाटा इंडिया को 5000 रुपए उपभोक्ता कानूनी सहायता खाता में जमा कराने को कहा है.
क्या कहना है दिनेश प्रसाद का
दिनेश प्रसाद का कहना है कि ग्राहकों को कैरी बैग मुहैया कराना स्टोर की जिम्मेदारी है. लेकिन मुझे बैग लेने के लिए मजबूर किया गया. मैंने 399 रुपए के जूते खरीदे थे, लेकिन कैशियर ने कैरी बैग के साथ मुझे 402 रुपए का बिल थमा दिया जबकि मैं कैरी बैग लेना नहीं चाहता था. ग्राहकों के पैसे पर बाटा अपने ब्रांड का प्राचर कह रहा था और ये बात मुझे अच्छी नहीं लगी.
कंज्यूमर फोरम के इस फैसले से उन लाखों लोगों को भी फायदा मिलेगा जिन्हें बैग के अलग से पैसे देने पड़ते हैं. साथ ही उन कंपनियों को भी सीख मिलेगी कि जो ग्राहकों के पैसे से बैग पर अपने ब्रांड का प्रचार करती हैं.

Sunday, April 14, 2019

सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :

सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :-
आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं। एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock salt) । सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है। पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है । जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है । वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मदद रूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे, क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है। और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता।
भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है , उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है,
हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियो (अनपूर्णा,कैपटन कुक ) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था ?? खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आओडीन युक्त नामक खाओ , आओडीन युक्त नमक खाओ ! आप सबको आओडीन की कमी हो गई है। ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई । और जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था । उसकी जगह आओडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो और आज तो 20 रूपये को भी पार कर गया है।
दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आओडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया अमेरिका मे नहीं है जर्मनी मे नहीं है फ्रांस मे नहीं ,डेन्मार्क मे नहीं , डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हमने मे आओडीन युक्त नमक खिलाया !(1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया ! उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आओडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया। और शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आओडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आओडीन युक्त नमक भारत मे बिक नहीं सकता । वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया।
आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे ।
सेंधा नमक के फ़ायदे:-
सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है । क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline) क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ।
ये नमक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है । और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास ,व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है। तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ??
सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है ! इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis) का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है।
यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है।
समुद्री नमक के भयंकर नुकसान :-
ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है ! क्योंकि कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आओडीन डाल रही है। अब आओडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है । दूसरा होता है “industrial iodine” ये बहुत ही खतरनाक है। तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है। जिससे बहुत सी गंभीर बीमरिया हम लोगो को आ रही है । ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है।
आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP ) ,डाइबिटीज़, आदि गंभीर बीमारियो का भी कारण बनता है । इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है । जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अमलता बढ्ने से ये सब 48 रोग आते है । ये नमक पानी कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond ) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत इसी प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है ।
ये नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis ) का बहुत बड़ा कारण है समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है ! और बीमारिया जरूर साथ मे मिल जाती है !
रिफाइण्ड नमक में 98% सोडियम क्लोराइड ही है शरीर इसे विजातीय पदार्थ के रुप में रखता है। यह शरीर में घुलता नही है। इस नमक में आयोडीन को बनाये रखने के लिए Tricalcium Phosphate, Magnesium Carbonate, Sodium Alumino Silicate जैसे रसायन मिलाये जाते हैं जो सीमेंट बनाने में भी इस्तेमाल होते है। विज्ञान के अनुसार यह रसायन शरीर में रक्त वाहिनियों को कड़ा बनाते हैं, जिससे ब्लाक्स बनने की संभावना और आक्सीजन जाने मे परेशानी होती है। जोड़ो का दर्द और गढिया, प्रोस्टेट आदि होती है। आयोडीन नमक से पानी की जरुरत ज्यादा होती है। 1 ग्राम नमक अपने से 23 गुना अधिक पानी खींचता है। यह पानी कोशिकाओ के पानी को कम करता है। इसी कारण हमें प्यास ज्यादा लगती है।
निवेदन :पांच हजार साल पुरानी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी भोजन में सेंधा नमक के ही इस्तेमाल की सलाह दी गई है। भोजन में नमक व मसाले का प्रयोग भारत, नेपाल, चीन, बंगलादेश और पाकिस्तान में अधिक होता है। आजकल बाजार में ज्यादातर समुद्री जल से तैयार नमक ही मिलता है। जबकि 1960 के दशक में देश में लाहौरी नमक मिलता था। यहां तक कि राशन की दुकानों पर भी इसी नमक का वितरण किया जाता था। स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता था। समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग होना चाहिए।
आप इस अतिरिक्त आओडीन युक्त समुद्री नमक खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये !! सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आओडीन हर नमक मे होता है सेंधा नमक मे भी आओडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक मे प्राकृतिक के द्वारा भगवान द्वारा बनाया आओडीन होता है इसके इलावा आओडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।।ॐ।।

Saturday, April 13, 2019

bank frad

No photo description available.


No photo description available.

diginity inda

No photo description available.


Send your complaint to -director@dignityindia.org


सीबीएसई स्कूलों द्वारा की जा रही खुली लूट से सावधान रहें

No photo description available.


सीबीएसई स्कूलों द्वारा की जा रही खुली लूट से सावधान रहें
Cbse स्कूलों द्वारा पालको व छात्रों को नए सत्र हेतु बुक लिस्ट दी जा रही है । बुक लिस्ट में c.b.s.e. द्वारा निर्धारित पुस्तको के अतिरिक्त अन्य विषयों की पुस्तकें भी मंगाई जा रही हैं .. स्कूल में वही विषय पढ़ाए जाने चाहिए जो सीबीएसई ने निर्धारित किए हैं . उदाहरण के लिए रतलाम स्थित हिमालय इंटरनेशनल स्कूल द्वारा बच्चों से 11 पुस्तकें मंगाई जा रही हैं , इनमें से 6 पुस्तकें ऐसी हैं जिन्हें सीबीएसई द्वारा निर्धारित नहीं किया गया है ।
सभी 6 पुस्तके प्राइवेट पब्लिशर्स कि हैं . जिनकी कीमत हजारो रुपये है ।इन 6 पुस्तकों को खरीदा जाना बिल्कुल आवश्यक नहीं है । सीबीएसई द्वारा निर्धारित की गई पुस्तकों की जानकारी हेतु एनसीआरटी की निम्न वेबसाइट पर जाकर देखें
छात्र या पालक website पर जाकर कक्षा का नाम डालेंगे तो पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की सूची दिखेगी ।
स्कूलों द्वारा शासन द्वारा तय की गई पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें मंगाने का कारण पुस्तकों में मिलने वाला लाखो रुपये के कमीशन का लालच रहता है ।
स्कूलों द्वारा इस प्रकार से अन्य पुस्तकें मंगाया जाना अवैधानिक होकर नियम विरुद्ध है । इस संबंध में जिले के जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर को शिकायत करना चाहिए । जिससे संबंधित स्कूल पर कार्यवाही सुनिश्चित हो सके ।
आप भी जांच कर लेवे कहीं आपके स्कूल द्वारा भी आपके साथ आर्थिक लूट तो नहीं की जा रही है ।
ज्यादा जानकारी हेतु स्थानीय ग्राहक पंचायत कार्यकर्ताओं से संपर्क कर सकते हैं ।

No photo description available.


Thursday, April 11, 2019

अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट सज्जनसिंह भाटी

अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट सज्जनसिंह भाटी को व 2 अन्य लोगों को दिनांक 08.04.2019 को रात 11:10 बजे पुलिस थाना कोतवाली, जिला बाड़मेर मे दर्ज की गई FIR संख्या 134/2019 मे पुलिस थाना कोतवाली के SHO जब्बरसिंह चारण व जांच अधिकारी रावताराम पोटलिया ने अगले दिन सुबह 09.04.2019 कि सुबह 9:00 बजे सज्जनसिंह को उनके घर से उठा लिया। पुलिस का इरादा था की वह उन्हें कुछ दिन तक गैर हिरासत में रखकर प्रताड़ित करेगी लेकिन पुलिस का सज्जन सिंह को गैर हिरासत में रखने के सपने को पूरा नहीं होने दिया तथा उनकी धर्मपत्नी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर मजिस्ट्रेट द्वारा रिपोर्ट मांगने व मामला SP बाड़मेर के ध्यान मे लाने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
अगले दिन दिनांक 10.04.2019 को सुबह 11:00 बजे ACJM कोर्ट बाड़मेर में सभी को पेश किया और पुलिस ने कहा कि इनसे कुछ बरामदगी बाकी है इसलिए 2 दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए। जिस पर सज्जनसिंह ने इसका विरोध किया और कहा कि क्या बरामद करना चाहते है बताइए ? जिस पर इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ने कहा कि उन्हे मोबाइल बरामद करना है। जिस पर सज्जनसिंह ने कहा कि वह मोबाइल अभी मंगवा कर कोर्ट में ही अपको सुपुर्द कर देते हैं इसलिए पुलिस रिमांड की जरूरत नहीं है।
जिस पर मजिस्ट्रेट ने कहा ठीक है मोबाइल दे दो... और उन्होंने मोबाइल पुलिस को सुपुर्द करवा दिया।
फिर भी पुलिस ने पीसी मांगी तो मजिस्ट्रेट ने कहा कि शाम को 4:00 बजे तक की पीसी ले जाओ और दोपहर 4:00 बजे पेश करो।
पुलिस ने इन्हे 4:00 बजे न्यायालय में पेश किया लेकिन मजिस्ट्रेट महोदय ने बिना पक्ष सुनें, कोर्ट में बैठे बगैर अपने ही अपने चेंबर में बैठकर आईओ को अपने चेंबर में बुलवाया, हमारे सामने आईओ उनके चेंबर में गया और 2 दिन का पीसी दे दिया।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं मजिस्ट्रेटो का और पुलिस अधिकारियों का नेक्सस हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि मजिस्ट्रेटों का घर पुलिस वाले चलाते हैं इसके बदले में पुलिस वाले जो चाहे वह उनसे प्राप्त कर सकते हैं। न्यायपालिका की यह दुर्दशा बहुत ही भयानक परिणामदायक है।
अभी सज्जनसिंह और उनके साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं।
सोचने वाली बात है कि पुलिस दिनांक 08.04.2019 की रात 11:10 से 09.04.2019 की सुबह 9:00 बजे तक 9-10 घंटे में कैसे इस नतीजे पर पहुंच गई थी कि सज्जनसिंह दोषी है ? ऐसा लगता है कि बाड़मेर जिले की पुलिस सीबीआई से भी तेज गति से जांच करती हैं और वह आधी रात को जांच प्रारंभ करती है और सुबह होने तक जांच कंप्लीट कर आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लेती हैं, जबकि सामान्यतः देखा जाता है कि पुलिस कई दिनों तक एफआईआर भी दर्ज नहीं करती और मुलजिम को पकड़ने की तो बात ही कुछ अलग है महीनों, वर्षों तक दोषियों को नहीं पकड़ती और यहां जब बात आरटीआई एक्टिविस्ट की आती है तो पुलिस पूरी तरह से सक्रिय और मुस्तैद नजर आती है। हमें पुलिस की सक्रियता और मुस्तैदी से कोई समस्या नहीं है लेकिन यह सक्रियता और मुस्तैदी सभी मामलों में ऐसी हो तो वह न्यायप्रिय लगती है अन्यथा पक्षपाती साफ नजर आती है।
सामान्यतः यह देखा जाता है कि जब किसी आरटीआई एक्टिविस्ट के खिलाफ कोई मामला दर्ज होता है तो पुलिस बहुत सक्रिय होती है वही आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा किसी अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाता है तो ऐसा लगता है कि पुलिस मृत प्राय: अवस्था में चल रही है। और वह कम स्टाफ, ज्यादा काम और अपनी व्यस्तता के ऐसे ऐसे बेमिसाल उदाहरण और अकाट्य तर्क बताते हैं कि उनके सामने सीनियर से सीनियर अधिवक्ता के तर्क भी कमतर लगते हैं।
माना कि कोई व्यक्ति RTI कार्यकर्ता है लेकिन RTI कोई क्राइम तो नहीं है। किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई RTI लगाई या शिकायत की जिसके कारण उसने सुसाइड कर लिया, तो क्या आरटीआई लगाने वाले व्यक्ति को या शिकायतकर्ता को दोषी मान लेंगे? वह भी मात्र 9-10 घण्टे में?
मैं मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं तथा उनके परिजनों के साथ मेरी सहानुभूति हैं। लेकिन सोचने वाली बात है कि क्या मरने से किसी समस्या का समाधान होता है। अगर उन्हें किसी ने परेशान किया है और वह अपनी जगह सही है तो दोषियों के विरुद्ध विधिवत कार्यवाही की जा सकती है।
यह भी सभी जानते हैं कि सज्जनसिंह ने कुछ समय पहले माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय से संपूर्ण राजस्थान मे कोऑपरेटिव सोसायटीयों को बैंकों की तरह लेनदेन करने पर रोक लगवा दी थी और सबकी दुकानें बंद करवा दी थी तो फिर वह व्यक्ति किस प्रकार सोसायटी का संचालन कर रहा था।
अखबार में स्पष्ट लिखा है कि मृतक के कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला जबकि पुलिस अब कह रही है कि सुसाइड नोट मिला है।
कोई कैसे मरा, इसकी जांच होना आवश्यक है, जो दोषी हैं उसे बख्शा नही जाना चाहिए, लेकिन पहले यह तो तय किया जाना चाहिए की वास्तव मे हुआ क्या है, वाकई कौन दोषी हैं ? या उसे सिर्फ आरटीआई एक्टिविस्ट और शिकायतकर्ता होने के नाम पर फसाया तो नहीं जा रहा है ?
मैं तो पुलिस से एक ही बात कहता हूं कि सही जांच करना... वरना कहीं ऐसा नहीं हो कि किसी को फंसाने के चक्कर में और किसी को खुश करने के चक्कर में यह कृत्य खुद की नौकरी पर भारी पड़ जाए। फिर कोई नहीं आता बचाव में। यह मैंने महसूस किया है कि पहले तो पुलिस किसी के दबाव में और कहने में आकर मनमर्जी वाला काम कर लेती है और जब खुद पर बन आती है तो जिनके कहने से काम किया होता है वह सब किनारे हो जाते हैं और वह पुलिस अधिकारी मारा मारा मुंह लटकाए हुए हाथाजोड़ी करता हुआ कोर्ट में फिरता रहता है। ऐसे मामलों में पूरी तरह कानूनन सभी पहलुओं की जांच पड़ताल होती हैं अगर सामान्य भाषा में कहा जाए तो बाल की खाल उतरती है। जो चीजें पुलिस वालों ने अपने जीवनकाल में कभी ना तो सीखी है, ना सुनी है, ना पढी है... वह सभी चीजें ऐसे मुकदमों में सामने आती है, उच्च स्तरीय जांच होती है और पुलिस तो गलतियों का पुतला होती है और इसके परिणाम काफी गंभीर होते हैं और भुगतने में भी होंगे...

Wednesday, April 3, 2019

ASCI found these advertisements in violation with their Guidelines

D. Shivakumar, chairman, ASCI was quoted saying, “Being a self-regulatory organisation in advertising, ASCI’s efforts have always been towards protecting the interest of consumers. In order to create mass consumer awareness about objectionable advertisements, Ministry of Information and Broadcasting (MIB) issued an advisory for a scroller to be carried by all TV broadcasters in support of self-regulation for grievance against objectionable advertisements that refer to ASCI. With more and more TV channels carrying the ASCI WhatsApp number 77100 12345 in a scroller, there has been over a tenfold increase in consumers reaching out to ASCI. The impact of this scroller is evident from this consumer video testimonial.”
Some of the major brands that were found in violation of the ASCI guidelines included:
  1. Dabur India Ltd (Dabur Amla Hair Oil) : Endorsed by the Bollywood beauty Kareena Kapoor Khanthe advertisement claims “Asli Amla, Dabur Amla” was considered to be misleading by implication. To add the advertisement make a reference to a green bottled normal gooseberry oil and claimed two times superiority in its comparison. Also, the use of phrases like “Sasta Amla” and “Mann ki shakti” in the advertisement was misleading and in violation of the ASCI guidelines for celebrities in Advertising. 

2. Gujarat Co-Operative Milk Marketing Federation Ltd (Amul Milk): The household known f&b brand’s advertisement claimed “Fresh Har Pal”, which was not only substantiated but also misleading by ambiguity. As per CCC and FSSAI, the shelf life of pasteurised milk is limited and claiming it to be fresh always is misleading.

3. Johnson & Johnson Private Limited (Benadryl): The advertisement’s claim of “50 Years Doctor’s Trust” and Voice over claim, “Pachchaas saaloon se doctoron ka bharosa”, was found to be inadequately substantiated and misleading by ambiguity. To note was the survey they relied upon for the claim, was conducted in the year 2012 which interviewed doctors that had less than 20 years of clinical experience.

4. Make my trip India Private LTD (Make My Trip): The advertisement claim made by the leading online travel company was that of “Zero cancellation offer” on hotel bookings under makemytrip.com which was found misleading by omission of a qualifier that the offer is subject to terms and conditions. In the TVC, the claim offer, “Zero cancellation charge on Hotel Bookings” was qualified via disclaimer to mention that T&C apply, however the position of the above disclaimer was not correctly placed in the advertisement, hence violating the Clause IV of the ASCI Guidelines for Disclaimers
5. NIMS Heart Foundation: The advertisement’s claim, “The prime heart care centre in South Kerala with the highest success rate” was not substantiated with supporting data, or any third-party validation.
6. Indigo Paints Pvt. Ltd (Indigo Dirtproof & Waterproof Exterior Laminate): The advertisement claimed of being “the first in India to introduce dust and water resistant properties” in the voiceover, “India ka pehla paint jo dhool mittee aur paani dono ko roke” which was not conclusively proven. The advertiser did not provide any test conducted on their finished product, or any comparative data of their product versus other products in the same category, to prove their above mentioned claim hence making it misleading by exaggeration.

Tuesday, April 2, 2019

bank greavence

Yogi M. P. Singh
Date of Receipt
14/07/2018
Received By Ministry/Department
Financial Services (Banking Division)
Grievance Description
Why is the working style of State Bank of India cryptic and mysterious in regard to services to consumers. Account Number 00000034645721675 Branch MIRZAPUR CITY Account Name MAHESH PRATAP SINGH CIF No. 88167135558 IFS Code SBIN0012731 
Demand draft of two hundred was sought from state bank of India in order to pay the fee for renewal of driving licence but when RTO Mirzapur denied accepting the DD and consider an offline request for renewal of driving licence, then the applicant had no option except to encash the returned demand draft to the account opened in the state of India.
It is most unfortunate that the applicant had submitted the Demand draft two weeks earlier to city branch Mirzapur of state bank of India in order to encash it into the account of the applicant as aforementioned but the concerned bank staffs still procrastinating on the matter instead of taking any concrete action. Think about the gravity of the situation that Demand draft issued by state bank of India couldnt be encashed by it into the account of the applicant within two weeks and suppose that if the matter is of the other bank, how much time will be taken by the state bank of India 
Such is the position of our premium bank, think about the other banks. Earlier state bank of India took more than one months in issuing demand draft and latter 21 days when the application was made repeatedly. Normally banks provide demand draft next day of a request or on the same day. It is most surprising that still, few are claiming to provide good governance. 
With this communication, scanned copy of the demand draft and denial letter of the RTO Mirzapur is attached in the PDF form. Please take a glance at the attached document. 
With these few letters, I end the representation with expectations that concerned will take seriously in order to reform and overhaul its dilapidated dealings causing both physical and mental pain to consumers. For this applicant shall ever pray you all for kind support. 

Yours sincerely
Yogi M. P. Singh Mobile number-7379105911
Mohalla Surekapuram, Jabalpur Road, District-Mirzapur, Uttar Pradesh, India.