Monday, December 30, 2019

jago grahak jago

Akhil Bhartiya Grahak Panchayat
is right now carrying out activities for
Awakening Consumers at large.
Particularly approaching
Schools and College Students,
Teachers, Principles and also Trustees,
explaining them the importance about;
-Consumer Awareness,
-On-line Fraud,
-Precautions for online Purchases
-Misleading Medical Treatment,
-Adulterated Milk,Sweets and Food Items,
-Misrepresented facts I'm Social Media,
-Misleading Advertisement in TV, Newspapers,
-Duplicate Supply of Goods,
-Hidden T&C in Loan Agreement,
-Fraud in Travels & Tours.
We give live Examples,
We tell how to escape from such traps,
We guide for Legal Remedy, if needed,
We counsel for Procedures to follow,
Today glob economy is dependent on
GRAHAK.
But Grahak is ignored and is
non welcomed class,
if he asks question,
raises voice and
demand his right.
We are there to provide all assistance to help Consumers.
We welcome them, respect them.
Because society needs
Educated,
Alert &
Aware CONSUMER FORCE
to stand against
Malpractices by some traders,hospitals,merchants and corporate institutes and Houses.
Today we had programm on
CONSUMER CONNECT
@Ahmedabad
Sankalp International School,Nikol
Where we reiterated all above issues before students,teachers and Principal.
Thanks to
Bipinbhai and Ankitbhai and
Sankalp Campus

Saturday, December 28, 2019

bottel craft

No photo description available.

bharat

भारत विकासन परिषद विवेका  नंद  शाखा    सन 1996  से  नगर में   कार्य  कर रही है पिछले कई  बर्षों  में परिषद्   ने निःशुल्क नेत्र  शिवर, रक्त दान  शिविर  , निशुल्क पेयजल  जल  व्यस्था गरीब कन्यायों के  विवाह  हेतु वर्तन एवं  वस्त्रों  की  व्यस्था करना  स्कूलों  के  माध्यम  से  छात्रों  के  बीच प्रति  बर्ष   भारत को जानो  प्रतियोगिता  का  आयोजन  करना , समूहगान , रंगोली  प्रतियोगिता , निबंध  प्रतियोगिता  भाषण प्रतियोगिता , पर्यावरण  संरछण हेतु  नगर में  वृछारोपण करना इसी  क्रम  में कल भोली स्थित ईंट भट्टे पर जरुरत मंदों को परिषद शाखा की महिला  सदस्यों  के  द्वारा कंबल एवं ऊनी  कपड़ों का  वितरण कर बहुत ही सराहनीय  कार्य  किया  गया   है इस  नेक  कार्य में नगर के  लोगो  से  विनम्र  आग्रह  है कि  आप यदि कोई  आर्थिक  सहयोग  करना  चाहते है  या  कपडे  बर्तन  स्टेशनरी जूते  आदि   जरुरत मंदों  तक  पहुंचना   चाहते  तो  संस्था  के   सदस्यों से  संपर्क  कर  सकते  है हमारी  संस्था  कोई  भी  सरकारी  अनुदान  नही  लेती  सभी  जनहित  के  कार्य  समाज  के  सहयोग  से  ही  चलते  है  इसमें  आपका  सहयोग  समाज के ज़रुरत मंदों  तक  पहुंचना  के लिए  बहुत  आबश्यक  है   

Friday, December 27, 2019

कंजूमर कनेक्ट कार्यक्रम"

कानपुर प्रांत  में 15 से 30 दिसंबर तक
ग्राहक जागरण पकवाड़ा अंतर्गत
"कंजूमर कनेक्ट कार्यक्रम" विश्वविद्यालय और उच्चतर विद्यालयोके छात्र-छात्राओं के समक्ष कर रहे है।
आज  उच्चतर विद्यालय के
कक्षा 11 और 12 वीं के छात्रों के सामने ग्राहक जागरण, ग्राहक सावधानी और ग्राहको के अधिकार और फर्ज के बारे में बातचीत हुई।
वर्तमान समय में ग्राहकों को किस किस प्रकार से व्यापारी और मोल में धोखा हो सकता है और आधुनिक उपकरणों के माध्यम से किस प्रकार से धोखाधड़ी हो रही है ऐसी घटनाओं कीजानकारी शेयर की।
कुलदीप तिवारी 
सह प्रांत संगठन मंत्री 
अखिल भारतीय ग्राहक पंचयात

मशरूम की खेती सम्बंधित सभी जानकारी

Image may contain: food
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कुन्दन पुर  मशरुम फार्म
किसी को बटन मशरुम चाहिए तो हमसे सम्पर्क करें
मो.9412572326
मशरूम की खेती सम्बंधित सभी जानकारी

Tuesday, December 10, 2019

post office complent

dear sir 
i have urgent need your kind help regarding my said greavence we make a payment request after my mother ,s death .we do  complete all leagel formulates as per rule and we meet  personally the acount officer and post master but they ignore my request  .now eleven more month have been passed but  no action taking til date . so please solve my sad greavence sir ji we enclosed all correspondence regarding my greavence.
       

Thursday, September 12, 2019

RTI APPLICATION

166A, 409, 336 व 120B IPC/ भारतीय दंड संहिता के तहत मेरे विद्यालय के संबंध में एफआईआर दर्ज।
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सिणली जागीर में मैंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की है। वर्तमान मेरे विद्यालय का नाम राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय सिणली जागीर हैं।
मेरे विद्यालय में सरकार द्वारा नया भवन स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ। बजट था लगभग 60 लाख। एक दिन मुझे मेरे एक साथी ने बताया कि हमारे विद्यालय में नये कमरे बन रहे हैं और नीव मे रेत डाली जा रही है तथा सामग्री बहुत ही घटिया स्तेमाल की जा रही है तथा सारे लोग मिले हुए हैं बजट का बंदरबांट करके हड़प रहे हैं और ऐसे घटिया क्लास रूम बन गया तो वह एक दिन गिरेंगे ही गिरेंगे, इसलिए इस कार्य को रुकवाकर ठीक करवाना होगा।
मैं मौके पर गया, शिक्षकों से बातचीत की तथा वहां पर कार्यरत मजदूरों से भी बातचीत की लेकिन कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला और मुझे उम्मीद भी नहीं थी।
फिर मैने फोटोग्राफी की और 20 अक्टूबर 2016 को एक शिकायत दर्ज करवाई। मुझे उम्मीद थी कि भले ही हमेशा जनप्रतिनिधि, नेता व अधिकारी मेरे खिलाफ रहते हो लेकिन इस बार मासूम बच्चों की जिन्दगी का सवाल है इसलिए जनप्रतिनिधि भी मेरी शिकायत मे मेरे फेवर में आएंगे और खराब क्वालिटी के निर्माण को रुकवा कर सही काम करने हेतु पैरवी करेंगे। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। सारे जनप्रतिनिधि, नेता व अधिकारी मेरे खिलाफ हो गए, विशेषकर राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री श्री अमराराम चौधरी जो हमारे पचपदरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी थे तथा हमारे गांव के जनप्रतिनिधि श्री ओम प्रकाश पालीवाल तथा कई अन्य भी।
सभी ने ग्राम पंचायत धारासर, तहसील चौहटन, जिला बाड़मेर निवासी कॉन्टेक्टर का फेवर लिया और मेरी शिकायत की जांच करने वाले अधिकारी और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों को कहा कि इस शिकायत को बंद करो और जैसा काम चल रहा है वह चलने दो। मेरी शिकायत की जांच करने वाले अधिकारीयों व यशवंत चौधरी, सहायक अभियंता (रमसा-बाड़मेर) जो पहले बालोतरा पंचायत समिति में रहा हुआ है और अव्वल दर्जे का भ्रष्ट व्यक्ति हैं जो चंद पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है ने मिलकर मेरी शिकायत की जांच कर ली और सहायक अभियंता (रमसा-बाड़मेर) यशवंत चौधरी ने दिनांक 09/11/2016 को मेरी शिकायत यह कहकर बंद कर दी की मौके पर नीव का कार्य चल रहा है तथा कार्य मापदंड के अनुसार संतोषजनक पाया गया है। अतः शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा झूठी शिकायत की है। उक्त प्रकार से दूषित जांच रिपोर्ट बनाकर मेरी शिकायत को बंद कर दिया। उक्त शिकायत को बंद करने की लीपापोती में दयाराम चौधरी, पूर्व ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफीसर, बालोतरा, सीडीपीओ बालोतरा, मेरे गांव के ग्राम सेवक मोहन सिंह व मेरे गांव के पटवारी नरपत राम आदि ने साइन व रिपोर्ट करने भी खुद को शामिल किया हैं।
चूँकि सभी नेता और अधिकारीगण लॉबिंग किए हुए थे वह बड़े ही कॉन्फिडेंस में थे कि ऐसी कई शिकायतें आती जाती है कुछ नहीं होना है कर दो लीपापोती, और उन्होंने वास्तव में ऐसा कर भी दिया। लेकिन हर बार इतने घृणित, पापयुक्त व अपराधिक कार्यों में किस्मत भी साथ नहीं देती, और हुआ भी वही जिसकी आशंका थी। क्योंकि इस बार ऊपरवाले की कृपा से अच्छी बारिश हुई और हमारे गांव में भी अच्छी बारिश हुई।
मुझे मेरे सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई थी विद्यालय जर्जर अवस्था में पहुंच गया है और स्थिति ऐसी है कि कभी भी गिर सकता है और कोई भी हादसा हो सकता है। मैं मौके पर गया तो वास्तव में विद्यालय जर्जर अवस्था में पहुंच चुका था और मैंने देखा कि पिछले 2 सालों में दो से तीन बार उस विद्यालय की मरम्मत भी कर दी गई है मैंने विद्यालय के शिक्षकों से बात की तो उन्होंने दो-तीन बार मरमत करने की बात स्वीकार की जा चूकी है। वर्तमान में नव निर्मित क्लास के कमरों में शिक्षकों ने बच्चों को बिठाना बंद कर दिया है क्योंकि हादसे की आशंका हर समय बनी रहती है इसलिए ऐसे कमरों में बच्चों को बैठाकर कोई भी शिक्षक रिस्क नही लेना चाहेगा, वह भी तब जब बात अपनी नौकरी की आती है।
इसलिए मैंने परसों दिनांक 09 सितंबर 2019 को पुलिस थाना बालोतरा में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0417/2019 अंतर्गत धारा 166A, 409, 336 व 120B IPC/भारतीय दंड संहिता के तहत FIR दर्ज करवाई है।
एक बात मुझे अच्छे से समझ में आ गई कि यह नेता लोग चंद वोटों के लिए सैकड़ों बच्चों की मौत का सौदा भी कर सकते हैं और यह लोकसेवक गण अपने आकाओं के कहने पर और चंद पैसों के लालच में अत्यंत निम्नतर स्तर तक गिर सकते हैं। आप इस बात का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि उन्होंने रेत से भरी हुई नीव को भी मापदंड अनुसार बता दिया, जैसा कि आप फोटो में देख सकते हैं कि किस तरह घटिया स्तर के पत्थरों पर सूखी रेत डालकर क्लास रूम खड़े कर दिये है। खुदा-न-खास्ता कभी हादसा हो गया तो सैकड़ों बच्चों की जान जाएगी।
मुझे उम्मीद है कि दूषित जांच करने वाले अधिकारियों, रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों कई अन्य फेवर करने वालों तथा कार्यकारी एजेंसी की खैर नहीं।
एक बात और यह है कि मैं जानता हूं कि मेरी इस पोस्ट को काफी सारी लोकसेवक, नेता व जनप्रतिनिधि पढ़ रहे हैं। मैं उनसे एक बात कहना चाहूंगा कि यह मामला बच्चों के जीवन से जुड़ा हुआ मामला है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इस मामले मे अपराधियो का सहयोग नही करें व फालतू की टांग नहीं अड़ाये या किसी भी प्रकार से अड़ंगा डालने का प्रयास नही करें अन्यथा परिणाम काफी काफी गम्भीर हो सकते हैं। जांच मे संदेह उत्पन होने पर इसमें कभी भी उच्च स्तरीय जांच हो सकती हैं।
जय हिंद।
भारत माता की जय।Image may contain: text


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Wednesday, July 31, 2019

ग्राम में ``गरीबी रेखा से नीचे´´ (बी.पी.एल.) के सर्वेक्षण के सम्बंध् में निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करें:

सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी
(विभाग का नाम)
(विभाग का पता)

विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।
 
महोदय,
............................ग्राम में ``गरीबी रेखा से नीचे´´ (बी.पी.एल.) के सर्वेक्षण के सम्बंध् में निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करें:

1. उपरोक्त गाँव में ``गरीबी रेखा से नीचे´´ (बी.पी.एल.) के कितने कार्डधारी हैं? उनकी सूची निम्नलिखित विवरण के साथ उपलब्ध् कराए:
    क. कार्डधारक का नाम
    ख. पिता का नाम
    ग. कार्ड संख्या
    घ. कार्ड पर सदस्यों की संख्या (यूनिट)

2. उपरोक्त कार्डधारियो का ``गरीबी रेखा से नीचे´´ (बी.पी.एल.) का कार्ड किस आधार पर बनाया गया? इस सम्बंध् में कार्डधारी द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज की प्रति उपलब्ध् कराए।

3. उपरोक्त गांव में ``गरीबी रेखा से नीचे´´(बी.पी.एल.) के परिवारों का सर्वेक्षण पिछली बार कब हुआ था? उस सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध् कराएं साथ ही सर्वेक्षण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम व पद बताएं?

4. ``गरीबी रेखा से नीचे´´(बी.पी.एल.) के परिवारो के सर्वेक्षण के समय परिवारो के चयन के लिए क्या मापदंण्ड/मानक बनाए गए है? इस संबध् में समस्त शासनादेशों/नियमों एवं निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध् कराएं।

5. उपरोक्त सर्वेक्षण के उपरान्त क्या कोई पुन: निरीक्षण (रिव्यू) किया गया? यदि हां, तो समस्त दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध् कराएं।

6. पुन: निरीक्षण (रिव्यू) के सम्बंध् में समस्त शासनादेशों/नियमों एवं निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध् कराएं।

7. सर्वेक्षण के दौरान किसी अनियमितता का मामला सामने आया है? यदि हां, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें।

मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्ड धारी हूं इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल. कार्ड नं..............है।

यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।

भवदीय

नाम:
पता:
फोन नं:

संलग्नक: 

पेंशन के भुगतान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद बताएं


सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी
(विभाग का नाम)
(विभाग का पता)

विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।
 
महोदय,
मै वृद्वावस्था/विधवा पेंशन धारक/धारिका हूं। मेरा खाता नंबर ............... है लेकिन .............के बाद से अब तक मुझे पेंशन नहीं मिला/मिली है। इस सम्बंध् में सूचना के अधिकार के तहत निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करें:

1. विभाग/कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले एक साल में मेरे नाम पर कब-कब और कितनी बार वृद्वावस्था/विधवा पेंशन की राशि का भुगतान किया गया है? इसका मासिक विवरण निम्नलिखित ब्यौरों के साथ दें:
क. भुगतान की राशि
ख. भुगतान की तारीख
ग. रजिस्टर के उन पन्नों की प्रमाणित प्रति दें, जहां मेरे भुगतान का विवरण दर्ज हो।

2. आपके रिकॉर्ड के अनुसार...................में कुल कितने लोगों को वृद्वावस्था/विधवा पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि का भुगतान किया जा रहा है? उनकी सूची निम्नलिखित विवरण के साथ उपलब्ध् कराएं:
    क. पेंशन धरक का नाम व पता
    ख. पेंशन धरक की उम्र
    ग. भुगतान की जा रही राशि
    घ. भुगतान का माध्यम (नगद या बैंक खाते के माध्यम से)
    ड. भुगतान किये जाने से सम्बंधित रजिस्टर के पिछले एक साल की प्रमाणित प्रति दें।

3. पेंशन के भुगतान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद बताएं।

4. वृद्वावस्था/विधवा पेंशन का भुगतान वर्ष में कितनी बार किया जाता है? यह भुगतान किस तिथि तक कर दिया जाना चाहिए? वर्ष...............में कब-कब इसका भुगतान किया गया?

5. अगर...............के दौरान मुझे पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उन अधिकारियों/कर्मचारियों का नाम, पद एवं पता बताएं।

6. अपना काम ठीक से न करने और जनता को परेशान करने वाले इन अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? यह कार्रवाई कब तक की जाएगी?

मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्ड धारी हूं इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल. कार्ड नं..............है।

यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।

भवदीय

नाम:
पता:
फोन नं:

संलग्नक:
(यदि कुछ हो)

.विधनसभा/संसदीय क्षेत्र के विधायक/सांसद विकास निधि के सम्बंध् में निम्नलिखित सूचनाएं उपलब्ध् कराएं:

 सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी 
(विभाग का नाम)
(विभाग का पता)

विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।


महोदय,
कृपया..............विधनसभा/संसदीय क्षेत्र के विधायक/सांसद विकास निधि के सम्बंध् में निम्नलिखित सूचनाएं उपलब्ध् कराएं:

1. ...............से ....................के दौरान उपरोक्त निर्वाचन क्षेत्र के विधायक/सांसद के निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि से कराए गए सभी कार्यों से सम्बंधित निम्नलिखित विवरण दें:
क. कार्य का नाम
ख. कार्य का संक्षिप्त विवरण 
ग. कार्य के लिए स्वीकृत राशि
घ. कार्य स्वीकृत होने की तिथि
ड. कार्य समाप्त होने की स्थिति अथवा चालू कार्य की स्थिति
च. कार्य कराने वाली एजेंसी का नाम 
छ. कार्य शुरू होने की तिथि
ज. कार्य समाप्त होने की तिथि
झ. कार्य के लिए ठेका किस दर पर दिया गया  
×ा. कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है
ट. कार्य के रेखचित्र की प्रमाणित प्रति
ठ. इस कार्य को कराने का निर्णय कब और किस आधार पर लिया गया? इससे सम्बंधित निर्णयों की प्रति भी उपलब्ध् कराएं

3. उपरोक्त प्रतिनिधि को वर्तमान वित्त वर्ष में कुल कितनी राशि आवंटित हुई है तथा पिछले वित्त वर्ष से कितनी राशि शेष रही है?

4. उपरोक्त कार्यों में से अब तक कितनी कार्यों के लिए और कुल कितनी राशि स्वीकृत की जा चुकी है। 

5. उपरोक्त कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए और कितनी राशि स्वीकृत होनी है?

मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या 
मैं बी.पी.एल. कार्ड धारी हूं इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल. कार्ड नं..............है।

यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।

भवदीय 

नाम:
पता:
फोन नं:

संलग्नक: 
(यदि कुछ हो)

Monday, July 29, 2019

Sample for Road Cutting / Digging leading to bad road

Sample for Road Cutting / Digging leading to bad road
To

The Public Information Officer
Name of the Public Authority
Full Address
Pin Code

Sub: Request for information under Section-6(1) of RTI Act.

Sir,

Please supply me following information under Right to Information Act with respect to damage caused to below mentioned road.
Details of road about which information is required:
Road Name :
Road Stretch: from ……… to ………… and/or any portion of road, inclusive of stretch of road from ……… to ………..
Area / locality
Period of information: From …….. to ………
Details of information sought:
[1] Certified copies of all applications / requests received by your public authority seeking permission for cutting /digging across road or its footpaths for passage of electric cable, communication cable, pipelines or sewerage lines or for any other purpose, on above road stretch.
[2] certified copies of inspection reports and feasibility reports submitted by the site engineer / supervisor incharge for grant of permission with respect to each of the application seeking permission for road cutting/digging, on above mentioned road.
[3] Certified copy of the permission granted by your public authority in respect of all applications seeking permission for cutting / digging across road or its footpaths for passage of electric cable, communication cable, pipelines or sewerage lines etc on above road.
[4] Certified copy of the terms and conditions stipulated and required to be abided by applicants in execution of road cutting /digging work on above road stretch.
[5] Certified copy of the report of inspection of road by Engineering incharge or Supervisor incharge of your public authority after execution of road cutting / digging work, for which permission was granted in each such case with regard to above road stretch.
[6] Certified copy of the note sheet and decision of competent authority with regard to violation of stipulated conditions by the applicant-executor who undertook the road cutting / digging work, leaving pits on roads or not covering road surface with bitumen layers or cement concrete, in respect of above road stretch, and the punitive action initiated against such persons/agencies.
[7] Please inform me the name, designation, office address and telephone numbers of Officer(s)/Engineer(s) and Supervisors responsible to ensure abidance of stipulated condition by the applicants to whom permission was granted for road cutting / digging on above road stretch.
[8] Certified copy of all communications received by your public authority from Municipal Corporators / Gram Panchayat Members / MLAs / MPs advising your public authority to grant permission for road cutting / digging work on road stretch mentioned above.
[9] Please inform me the name, designation and office address of the officer(s) and staff, whose assistance sought by PIO in deciding and supplying information with respect to this RTI Application.
Application Fee of Rs….. is remitted by Challan and copy attached OR paste Court Fee Stamp OR I am attaching IPO for Rs.10/- payable to the Accounts Officer, …………. payable at ……….. towards RTI Application Fee.
Please send the information to my below address by Registered post.

Yours faithfully,

Signature
Name ………………
Full Address ……………
Pin Code ……………
Date: 

Monday, July 22, 2019

सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द बाड़मेर पुलिस अधीक्षक और बालोतरा पुलिस उप अधीक्षक की विदाई तय है।

बाड़मेर पुलिस को पुलिस कहना गलत व अव्यवहारिक होगा। इन्हे आवारा गुंडों का गिरोह कहना उचित होगा। क्योंकि यह लोग महिलाओं की एफआईआर दर्ज नहीं करते, पीड़ितों से दस्तावेज छीन कर सबूत नष्ट कर देते हैं, यह लोग विधिवत कार्रवाई नहीं करते इसलिए आमजन आत्महत्या कर रहा हैं, महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं, पुलिस वाले नशे में धुत होकर थाने में निर्दोष लोगों को बुरी तरह पीटते व प्रताड़ित करते हैं, दारू पीकर उत्पात मचाते हैं। यह लोग इंसान कतई नहीं हो सकते। इन गुंडो ने खाकी वर्दी अवश्य पहन रखी है जैसे बीहड़ के गुंडे पहनते है। सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द बाड़मेर पुलिस अधीक्षक और बालोतरा पुलिस उप अधीक्षक की विदाई तय है।
पुलिस वाले कितने बेशर्म व भावनाविहीन हो गए हैं यह आप इस बात के अंदाज लगा सकते हैं कि आए दिन पुलिस वालों की काली करतूतों का मीडिया भंडाफोड़ कर रहा है, लोग सोशल साइट्स के जरिए विरोध कर रहे हैं, पुलिस के गलत कामों की वजह से लोग आत्महत्या कर रहे हैं, लोग दहशत मे घुट-घुट कर जी रहे हैं फिर भी इन जानवरों में कोई शर्म नहीं है। यह वाकई इंसानों की परिभाषा से बाहर हो गये हैं। इन लोगों में जरा भी शर्म होती तो यह जिस काम की तनखा लेते है, जिस तनखा से अपने परिवार का पेट पालते है, अपने बच्चों को शिक्षा देते है, अपना जीवन जीते है उस कर्तव्य की कुछ तो लाज रखते, कुछ तो शर्म करते। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है।
इसका मूल कारण यह है कि हमारे बाड़मेर जिले के चुने हुए सांसद व विधायकों में ईमानदारी, साहस व अकल की कमी है तथा वह भ्रष्ट है। कोई बजरी चोरी में लिप्त हैं, कोई अवेध शराब व्यवसाय मे लिप्त है, कोई अवैध संपत्ति बनाने में लिप्त हैं, कोई किसी अपराधी के साथ मिला हुआ है, कोई सरकारी जमीनों पर कब्जे करने के कृत्य में लिप्त हैं, कोई ट्रांसफर-पोस्टिंग चाहने वाले लोगों से अवैध रूप से रिश्वतखोरी में लिप्त हैं। यह येन केन प्रकारेण पैसा जमा करना चाहते हैं, ताकि फिर से अगली बार चुनाव में पैसा लुटाकर लोगों को बेवकूफ बनाए और जाति का झुनझुना पकड़ा कर फिर से चुनाव जीते। इन लोगों का यही लक्ष्य व असली चरित्र है। इसी कारण हमारे द्वारा चुनकर विधानसभा व लोकसभा में भेजे गए लोग भ्रष्ट पुलिसवालों की गुंडागर्दी के खिलाफ ईमानदारीपूर्वक आवाज नहीं उठाते, इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए आगे नहीं बढ़ते।
इन लोगों ने अपनी जाति के नाम पर लोगों से वोट तो ले लिए लेकिन अब ये लोग जनता का भला नहीं कर रहे हैं उस जनता में वह लोग भी शामिल हैं जो उनकी जाति के हैं, उनकी गोत्र के हैं, उनके परिवार के भी है।
इसका कारण यह है कि जनता भोली-भाली है तथा जनता की मूर्खता का फायदा उठाकर यह लोग जीत जाते हैं और मौज करते हैं। एक कहावत है कि जब तक मूर्ख जिंदा है तब तक समझदार भूखा नहीं मरेगा।
जिंदा कौम 5 वर्ष तक इंतजार नहीं किया करती लेकिन हमारे देश की भोली-भाली जनता जीते हुए लोगों से अगले 5 वर्षों मे कभी यह सवाल नहीं करती कि :-
चुनाव से पहले आप लोग आते थे और हाथ जोड़कर हमेशा साथ देने का वादा करते थे...अब आप वादाखिलाफी क्यों कर रहे हो ?
आपने हमारे लिए क्या काम किया है ?
इन भ्रष्ट पुलिस वालों के खिलाफ आपने क्या कार्यवाही की है व क्या कर रहे हो ?
बाड़मेर जिले में लोग सरकारी अधिकारियों के अत्याचारों के कारण रोज आत्महत्या कर रहे हैं इसकी रोकथाम के लिए आपने क्या कार्यवाही की है व क्या कर रहे हो ?
पुलिस वाले मामला दर्ज नहीं करते और लोगों को प्रताड़ित करते हैं इसके लिए आपने क्या कार्यवाही की है व क्या कर रहे हो ?
बाड़मेर जिले में भ्रष्टाचार दिन दुगुनी और रात चौगुनी गति से सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रहा है इसकी रोकथाम के लिए आपने क्या कार्यवाही की है व क्या कर रहे हो ?
हालांकि यह सब बातें उन नेताओं को पता होती है लेकिन वह बड़े ही चालाक है। वह आए दिन जहां पर भी रहते है वहां अपने क्षेत्र के सभी अखबारों के ई-पेपर पढ़ते हैं, सोशल साइट्स के जरिए हर घटना पर नजर रखते हैं, मीडिया पर ध्यान रखते हैं, एक दो व्यक्तियों को सिर्फ इसलिए ही बिठाए रखते हैं ताकि वह उन्हे हर चीज की रिपोर्ट देते रहें। लेकिन वह घटने वाली सभी घटनाओं व दुर्घटनाओं में सिर्फ और सिर्फ अपना फायदा देखते हैं। अधिकारियों से सेटिंग रखने के प्रयास में लगे रहते हैं तथा अपने आसपास चमचों का जमावड़ा रखते हैं जो उन्हें नफे-नुकसान के बारे में बताते रहते हैं घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर बताते है और वह उन चमचों मे पूर्ण आस्था रखते हैं। आमजन की बातों, पीड़ाओं व दुख दर्द से उन्हें कोई वास्ता नहीं है तथा आमजन से वह अगले चुनाव से पहले रू-ब-रू होना भी नही चाहते है। क्योंकि उन्हें पता है कि जनता मुर्ख है और ऐसी ही रहेगी। जनता आवाज नहीं उठाती और नेताओं को देखते ही जनता नतमस्तक हो जाती हैं व उनके चरण स्पर्श करती हैं।
जनता भी चुनाव आते ही नेताओं की जाति देखती है, खर्चा देखती है, इसलिए उस गलती का दुष्परिणाम जनता भुगत रही है।
सुमेर लाल शर्मा

Friday, May 31, 2019

ये भक्ति शर्मा हैं..

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ये भक्ति शर्मा हैं..
भारत की 100 प्रभावी महिला में शामिल भक्ति शर्मा अमेरिका से लौटी हैं अब मध्यप्रदेश में एक ग्राम पंचायत की सरपंच है। अपने साथ हमेशा एक पिस्टल रखती हैं। इनके गांव में बहुत सारे खास काम होते हैं, यहां एक सरपंच योजना चलती है.. किसान को मुआवजा मिलता है। हर आदमी का बैंक अकाउंट है और हर खेत का मृदा कार्ड.. कुछ ही वर्षों में इन्होंने अपने गांव की तस्वीर बदल दी है.. पढ़िए इनकी सफलता की कहानी... 
भक्ति शर्मा ने एमए राजनीति शास्त्र से किया है, अभी वकालत की पढ़ाई कर रही हैं। भोपाल जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बरखेड़ी अब्दुल्ला ग्राम पंचायत है। इस पंचायत की सरपंच भक्ति शर्मा के शौक पुरुषों जैसे हैं। इन्हें ट्रैक्टर चलाना, पिस्टल रखना, अपनी गाड़ी से सड़कों पर फर्राटे भरना, किसी भी अधिकारी से बेधड़क बात करना पसंद है। ये अपनी बोलचाल की भाषा में भी जाता है, खाता है, आता हूँ का प्रयोग सामान्य तौर पर करती हैं। इस पंचायत में कुल 2700 जनसँख्या है जिसमे 1009 वोटर हैं। ओडीएफ हो चुकी इस पंचायत में आदर्श आंगनबाड़ी से लेकर हर गली में सोलर स्ट्रीट लाइटें हैं।
“सरपंच बनते ही सबसे पहला काम हमने गांव में हर बेटी के जन्म पर 10 पौधे लगाना और उनकी माँ को अपनी दो महीने की तनख्वाह देने का फैसला लेकर किया। पहले साल 12 बेटियां पैदा हुई, माँ अच्छे से अपना खानपान कर सके इसलिए अपनी यानि सरपंच की तनख्वाह ‘सरपंच मानदेय’ के नाम से शुरू की।”
भक्ति ने कहा, “हमारी पहली ऐसी ग्राम पंचायत बनी जहाँ हर किसान को उसका मुआवजा मिला। हर ग्रामीण का राशनकार्ड, बैंक अकाउंट, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया। इस समय पंचायत का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है। महीने में दो से तीन बार फ्री में हेल्थ कैम्प लगता है। 
भक्ति ने कहा, “हमारी पहली ऐसी ग्राम पंचायत बनी जहाँ हर किसान को उसका मुआवजा मिला। हर ग्रामीण का राशनकार्ड, बैंक अकाउंट, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया। पहले साल में 113 लोगों को पेंशन दिलानी शुरू की, इस समय पंचायत का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है। महीने में दो से तीन बार फ्री में हेल्थ कैम्प लगता है, जिससे पंचायत का हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहे।”
ग्राम पंचायत का कोई भी काम भक्ति अपनी मर्जी से नहीं करती हैं। पंचों की बैठक समय-समय पर अलग से होती रहती है। जब ये सरपंच बनी थीं तो इस पंचायत में महज नौ शौचालय थे अभी ये पंचायत ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है। भक्ति का कहना है, “हमने पंचायत में कोई भी काम अलग से नहीं किया, सिर्फ सरकारी योजनाओं को सही से लागू करवाया है। पंच बैठक में जो भी निर्धारित करते हैं वही काम होता है। ढ़ाई साल में बहुत ज्यादा विकास तो नहीं करवा पाए हैं क्योंकि जब हम प्रधान बने थे उस समय गांव की सड़कें ही पक्की नहीं थी, इसलिए पहले जरूरी काम किए।”
भक्ति ने अपने प्रयासों से अपनी पंचायत को सरकार की मदद से एक बड़ा सामुदायिक भवन पास करा लिया है। भक्ति का कहना है, “आगामी छह महीने में इस भवन में डिजिटल क्लासेज शुरू हो जायेंगी, जो पूरी तरह से सोलर से चलेंगी। इसमें महिलाओं के लिए सिलाई सेंटर, और चरखा केंद्र खुलेगा। किसानों के लिए समय-समय पर बैठकें होंगी, जिससे वो खेती के आधुनिक तरीके सीख सकें। बच्चों के लिए तमाम तरह की गतिविधी होंगी जिससे उन्हें गांव में शहर जैसी सुविधाएँ मिल सकें।”
पंचायत की हर महिला निडर होकर रात के 12 बजे भी अपनी पंचायत में निकल सके भक्ति शर्मा की ऐसी कोशिश है। भक्ति ने कहा, “पंचायत की हर बैठक में महिलाएं ज्यादा शामिल हों ये मैंने पहली बैठक से ही शुरू किया। मिड डे मील समिति में आठ महिलाएं है। महिलाओं की भागीदारी पंचायत के कामों में ज्यादा से ज्यादा रहे जिससे उनकी जानकारी बढ़े और वो अपने आप को सशक्त महसूस करें।”
पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से ग्राम पंचायत में पानी की बहुत समस्या है। पीने के पानी के लिए तो सबमर्सिबल लगा है लेकिन खेती को समय से पानी मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। भक्ति का कहना है, “जिनके पास 1012 एकड़ जमीन है, हमारी कोशिश है वो हर एक किसान कम से कम एक एकड़ में जैविक खेती जरुर करें। बहुत ज्यादा संख्या में तो नहीं लेकिन किसानों ने जैविक खेती करने की शुरुआत कर दी है।”

मध्यमवर्गीय भारतीयों में 90% से अधिक को विटामिन-D व कैल्सियम की काफी ज्यादा कमी होती है.

1. क्या आपने कभी गौर किया है कि पिछले वर्षों में आपके कोई परिचित जो सिर्फ 40-45-50 वर्ष आयु के थे- बिल्कुल फिट थे - व्यायाम भी करते थे - बीपी, कोलेस्ट्रल भी सामान्य बताते थे -उनका अचानक ही हार्ट फेल हो गया था. स्वस्थ दिखते -लगते व्यक्ति का अचानक heart fail ??
2. क्या आपने कभी सोचा है कि हम भारतीय लोग लम्बाई में अमेरिकन, यूरोपियन, आस्ट्रेलियन, अफ्रीकन इन सभी से कम क्यों होते है ?
3. क्या वजह है कि हमारे 17-18 साल के बच्चे भी इन ‘गोरे’ लोगों के 13-14 साल के बच्चों के बराबर होते हैं ? लेकिन हमारे ही भारतीय ‘कजन’ जो यूरोप या अमेरिका में रहते हैं, वो भी सामान्यत: हमसे अच्छी ही लम्बाई के होते हैं ?
4. और क्या वजह है कि हमारे 1-2 पीढ़ी पुराने चाचा-ताऊ-मामा भी हम लोगों से अक्सर लम्बे ही थे?
चलिए, कुछ और सोचते हैं.
आपके घर में कोई है जिसको अक्सर हाथ-पैर या पीठ में दर्द होता है?
आपके दादा-दादी, नाना-नानी अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत करते हैं? सर्दियों में दर्द में घंटों बैठकर उनका दर्द कम हो जाता है, लेकिन शाम ढलते ही रात भर दर्द से कराहते रहते हैं?
क्या आपके परिवार या पड़ोस में कोई बुजुर्ग महिला हैं जो कूल्हे पर हाथ रखे बिना बिस्तर से/कुर्सी से भी नहीं उठ पातीं? या वो जिन्हें 55-60 साल की उम्र में ही किसी walking-stick जैसी मदद की जरूरत होती है?
Well, my dear friends. इन सब सवालों का एक ही जवाब है:- कैल्सियम और Vitamin-D की शरीर में बेहद कमी.
रुकिए, ये मत कहिये कि आप रोज दूध-दही लेते हैं, और कभी-कभी धूप में भी बैठते/खेलते हैं. इसलिए कैल्सियम या विटामिन-D की कमी आपको/ आपके बच्चों/ आपके बुजुर्गों को हो ही नहीं सकती.
सच तो यह है कि मध्यमवर्गीय भारतीयों में 90% से अधिक को विटामिन-D व कैल्सियम की काफी ज्यादा कमी होती है. और उनमें से आधे से अधिक को ये कमी ‘खतरनाक’ स्तर पर होती है.
कुछ व्यक्तिगत उदाहरण : (विश्वास कीजिये ये सब अक्षरशः सच हैं) :
1. मैं खुद ( Shakendra Singh) 2008 से 2013 तक हरेक सर्दियों में 3-4 महीने सिर्फ दोपहर में – वो भी अच्छी धूप में ही घर से निकल पाता था. सुबह और शाम heater के सामने या सिकाई वाली water-bottle के साथ रजाई में रहने को मजबूर. और अक्सर कोहनी, घुटने, एड़ी पर सिकाई करने के बाद गर्म पट्टी बाँधने को भी मजबूर. कई डाक्टरों (orthopaedics M.S./M.D.) को दिखाया- pain-killer और साथ की anti-biotic दवाएं दर्द से राहत देती थीं, लेकिन बीमारी से नहीं. आगरा में एक मित्र डाक्टर हैं Dr Rajesh Gautam. (थैंक्स Rajesh Kumar). फोन पर बात की –बोले- विटामिन-D टेस्ट करा. टेस्ट कराया, कम था, विटामिन-D और Calcium लगातार लिया. अगली सर्दी में दर्द बहुत कम. आराम से शाम को भी evening-walk पर धर्मपत्नी के साथ घूमना भी फिर से शुरू हो गया.
2. मेरी धर्म-पत्नीं Ewa Singh कई सालों से घुटने में दर्द की शिकायत कर रही थीं, Calcium की लगातार डोज लेने से दर्द में राहत आई. लेकिन 2012 से उनको एक नई शिकायत शुरू हो गई. बाई छाती में ह्रदय स्थान पर दर्द. शुरू में महीने 20 दिन में कभी-कभार. फिर हर 10-15 दिन में. अपने कस्बे के 2 स्वनामधन्य डाक्टरों (जो heart specialist होने का दावा करते हैं-पर सच में सिर्फ M.D. medicine हैं) को दिखाया, फिर हल्द्वानी के famous heart- specialist ( जिनके पास रोज सिर्फ ह्रदय-रोग से सम्बन्धित ही सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन यह सज्जन भी सिर्फ M.D. medicine ही हैं) के पास 2-3 बार गए, कोई फायदा नहीं, बेवकूफी की हद ये कि 60-100 ब्लडप्रेशर वाली मेरी पत्नी को उन्होंने अन्य दवाओं के साथ खून पतला करने की दवा भी दे दी. तबियत और ज्यादा खराब. फिर हल्द्वानी के ही 2 multi-speciality बड़े हॉस्पिटल्स के 2 heart-specialists और एक Nurologist को भी दिखाया. फिर मुरादाबाद शहर के बहुत बड़े मेडिकल कॉलेज के 1 heart-specialist और 1 Nurologist को भी. सबका बहुत बहुत धन्यवाद, लेकिन कोई फायदा नहीं.
मरता क्या न करता. May 2015 में करीब 1 लाख रुपये साथ ले Apollo Hospital Delhi पहुंचे, (Thanks a lot Dr. Nand Singh). वहां पर कुछ महीने पहले ही UK से एक 62-63 साल के Dr Mahesh Chandra Garg, MBBS, MD, MRCP (U.K.), FRCP (London), FRCP (Glasg.) ने Senior Consultant Cardiology के रूप में join किया था. Dr साहेब ने करीब 35-40 मिनट हमारी सब बात सुनीं, और अंत में मुस्कुराते हुए कहा कि ह्रदय की कोई भी बिल्कुल भी समस्या नहीं है. कि सिर्फ कैल्सियम और विटामिन-D की कमी की वजह से ये दर्द है. विटामिन-D की कमी की वजह से Calcium ह्रदय के पास की मांस-पेशियों में नहीं पहुंचा, इसलिए मांस-पेशियों में दर्द है- ह्रदय में कुछ भी खराबी नहीं. “पर Dr साहेब, मैं तो एक साल के आसपास से विटामिन-D और Calcium ले रही हूँ, फिर दर्द क्यों?”- मेरी पत्नी ने मुझसे भी पहले पुछा. और Dr साहेब का मुस्कुराते हुए जवाब था,-‘’जो समस्या पिछले 10-12 साल में धीरे-धीरे उत्पन्न हुई है वो समाप्त होने में भी 2-3 साल (कम से कम) लेगी”. Dr साहेब के अनुसार विटामिन-D और Calcium दवा नहीं हैं, जिन्दगी भर लेने वाले सप्लीमेंट हैं, जिनका लगभग कोई side-effect भी नहीं है.
300/ रजिस्ट्रेशन फी और 1000/ Dr साहेब की फी देने के अलावा कोई खर्चा नहीं, कोई टेस्ट नहीं, और सबसे बड़ी बात- मेरी पत्नी को ह्रदय की कोई परेशानी नहीं.
3. मेरे बहुत नजदीकी मित्र के 16 साल के बेटे की लम्बाई कम थी, साथ ही कुछ महीने से लगातार हल्का बुखार 99.0-99.5 डिग्री के आसपास. आगरा के अनेकों अच्छे-अच्छे डाक्टरों को दिखाने के बाद निराश गुडगाव ( अब गुरुग्राम) पहुंचे. Medanta Hospital. कई टेस्ट करने के बाद रिजल्ट मिला- सब सही है, सिर्फ कैल्सियम और विटामिन-D बहुत कम है. 6 महीने विटामिन-D और Calcium लिया, लम्बाई लगभग 3 इंच बढ़ गई. बुखार तो 10 -15 दिन में ही सही हो गया.
4. मेरी खुद की ममेरी-बहन एक स्कूल में Teacher हैं. स्कूल से लौटकर कुछ करने का बिल्कुल मन न करे, पैरों-पिंडलियों में बहुत दर्द. मेरे जोर देने पर टेस्ट कराया, विटामिन-D बहुत-बहुत ज्यादा कम. 2-3 महीने की दवा से बहुत आराम.
5. अपने ही कस्बे के एक परिचित की बेटी- उम्र 20 साल, कुछ महीने से अक्सर हल्का बुखार की शिकायत. मैंने तुरंत कहा कि यह समस्या तो एक मित्र के बेटे को भी थी. तुरंत विटामिन-D टेस्ट करवाइए. वही समस्या निकली-वही ईलाज भी. विटामिन-D और Calcium. जल्द ही आराम.
दोस्तों, अगर आपने अब तक मेरी ये post पढ़ी है, तो बहुत-बहुत धन्यवाद. लेकिन मुझे असली ख़ुशी तभी होगी, जब आप लोग अपने घर के सभी दर्द से परेशान लोगों का, सही लम्बाई न पा सकने वाले सभी बेटे/बेटियों का और 45 साल से ऊपर के सभी परिवारी जनों का विटामिन-D टेस्ट करायेंगे. मेरा विश्वास कीजिये, दूध-दही हमारी रोज की विटामिन-D और Calcium की जरूरत का 10वां हिस्सा भी पूर्ण नहीं कर पाता. टेस्ट लगभग 600/ से 1200/ का किसी भी अच्छी लैब से हो जाएगा. जो बन्धु टेस्ट न कराना चाहें ( वो गलती करेंगे-क्योंकि फिर वो तरीके से और लगातार ये विटामिन नहीं लेंगे)- और फिर भी ये विटामिन लेना चाहें, तो अपना whatsapp फोन न. post के नीचे comment में लिखें या मेरे whatsapp फोन न. (0091)- 821 823 3789 पर मुझे लिखें, मैं आपको सब दवा और डोज वहां लिख दूंगा. समस्या/उम्र अगर लिख सकें- तो डोज बताना आसान होगा. और हाँ- न मेरा किसी लैब से कोई रिश्ता/ कमीशन है, न कोई दवा मैं बेचता हूँ. मैं सिर्फ दवा और डोज आपको बता सकता हूँ, जो आपको किसी भी मेडिकल स्टोर से मिल जायेगी. ये सामान्य एलोपैथिक दवाएं (सही कहा जाए तो विटामिन) हैं. आगे आपकी इच्छा कि आप अपने बच्चों की लम्बाई बढ़ाना चाहते हैं या नहीं. जोड़ो-हड्डियों के किसी भी तरह के दर्द से अपने बुजुर्गों को बचाना चाहते हैं या नहीं.
अब अन्त में सबसे शुरू के मेरे आपसे पूछे 3 सवालों का जवाब :
1. कैल्सियम की कमी की वजह से हमारे शरीर में हृदय अपने आप में सूखने लगता है -कमजोर होने लगता है -और अन्य (BP व कोलेस्ट्रल, व्यायाम आदि) सब कुछ सही होने के बावजूद कभी कभी हृदय काम करना बन्द कर देता है. कभी कभी हृदय दो टुकड़ों में टूट जाता है. और अधिकतर ऐसे मामलों में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है.
2. अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया आदि सभी विकसित देशों में सिर्फ डिब्बा-बंद दूध ही बेचा-खरीदा जाता है जिसमे पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D, Calcium और अन्य विटामिन मिलाये गए होते हैं.
3. विटामिन-D और Calcium की शुरू से ही कमी, सही कहा जाए तो बड़ी कमी ही भारतीयों को दुनिया के सभी विकसित देशों से लम्बाई में बहुत छोटा बना देती है.
4. हमारे 1-2 पीढ़ी पुराने चाचा-ताऊ-मामा हम लोगों से अक्सर लम्बे ही होते हैं. वजह- वो लोग अपने बचपन में हमसे बहुत ज्यादा समय धूप में गुजार पाते थे-खेलते थे. और हाँ, हमसे बहुत ज्यादा दूध-दही-घी भी प्रयोग करते थे.
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ऊपर की पोस्ट व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है. मैं कोई डॉक्टर नहीं हूँ. लेकिन पिछले 8-9 वर्षों का मेरा अनुभव मुझे यह कहने की हिम्मत देता है कि कैल्सियम व विटामिन डी की शरीर को आवश्यकता व जरुरी डोज के विषय में मेरी जानकारी शायद 80% डॉक्टरों से अधिक ही होगी.
आपके किसी प्रश्न /कमेन्ट का स्वागत है.
शाकेन्द्र सिंह.
Whatsapp 821 823 3789

Thursday, May 30, 2019

Tobacco and lung health" विषयक सेमिनार

ग्राहकपंचयात भरथना शाखा  द्वारा  -2019 के अवसर पर दिनांक 29.05.2019 को "Tobacco and lung health" विषयक सेमिनार का आयोजन आदर्श नगर स्थित बलोदय बिद्या मंदिर स्कूल   में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में KGMU से पल्मोनरी विभाग के हेड डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी जी ने बहुत सी जानकारियां दी एवं उपस्थित संस्थाओं के लोगों को अपने आस पास के क्षेत्र को तम्बाकू मुक्त बनाने की शपथ भी दिलवाई ।कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये अमित श्रीवास्तव जी को बहुत बहुत सुबह कामनाएं भैया को बहुत बहुत बधाई 💐💐, आमंत्रण और सम्मान के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया💐💐

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Wednesday, May 29, 2019

ग्राहक पंचायत ने आज फिर एक पीड़ित ग्राहक को दिलवाया उसका हक!

ग्राहक पंचायत ने आज फिर एक पीड़ित ग्राहक को दिलवाया उसका हक!
ग्राहक पंचायत जिला नीमच ने आज फिर एक पीड़ित ग्राहक को उसका दिलवाने में सफलता प्राप्त की।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला नीमच से सचिन समीर ने बताया की नीमच के रहवासी सुरेंद्र शर्मा जो कि बी एस एन एल में कार्यरत है,का मोबाइल वन प्लस 5टी का डिस्प्ले 3 महीने पहले ख़राब हो गया था, जिसके लिए सुरेंद्र जी ने रिजनर्सिस सर्विस सेन्टर इंदौर को सुधारने के लिए दिया था। सर्विस सेंटर पर सुरेंद्र जी से 13000 रुपये मोबाइल सुधारने हेतु लिए गए थे।जब मोबाइल ग्राहक सुरेंद्र शर्मा ने सर्विस सेंटर से वापस लिया तो मोबाइल का मदर बोर्ड सर्विस के दौरान खराब हो गया था,जिसके विषय मे उन्होंने कंपनी और सर्विस सेंटर दोनो को अवगत कराया।
परन्तु ग्राहक की कोई सुनवाई नही हुई,तब ग्राहक सुरेंद्र शर्मा ने ग्राहक पंचायत जिला नीमच के उपाध्यक्ष सचिन समीर से मिल कर अपनी समस्या के बारे में अवगत कराया जिसके लिए ग्राहक पंचायत जिला नीमच ने सर्विस सेन्टर को पत्र के जरिये ग्राहक की समस्या को जल्द सुलझाने का आग्रह किया जिसमें सर्विस सेंटर ने ग्राहक पंचायत का समर्थन करते हुए ग्राहक का मोबाइल का मदरबोर्ड सुधार के निशुल्क दिया और कार्य मे देरी के लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया कि हमेशा ग्राहक के हित के लिए खड़े रहेंगे।
उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी शाश्वत पाटीदार ने दी।
यदि आप भी अपने आसपास इस प्रकार की अनियमितता दिखे तो उसके खिलाफ आवाज़ उठाएं या ग्राहक पंचायत को निम्न नंबरों पर संपर्क करें-
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