1. क्या आपने कभी गौर किया है कि पिछले वर्षों में आपके कोई परिचित जो सिर्फ 40-45-50 वर्ष आयु के थे- बिल्कुल फिट थे - व्यायाम भी करते थे - बीपी, कोलेस्ट्रल भी सामान्य बताते थे -उनका अचानक ही हार्ट फेल हो गया था. स्वस्थ दिखते -लगते व्यक्ति का अचानक heart fail ??
2. क्या आपने कभी सोचा है कि हम भारतीय लोग लम्बाई में अमेरिकन, यूरोपियन, आस्ट्रेलियन, अफ्रीकन इन सभी से कम क्यों होते है ?
3. क्या वजह है कि हमारे 17-18 साल के बच्चे भी इन ‘गोरे’ लोगों के 13-14 साल के बच्चों के बराबर होते हैं ? लेकिन हमारे ही भारतीय ‘कजन’ जो यूरोप या अमेरिका में रहते हैं, वो भी सामान्यत: हमसे अच्छी ही लम्बाई के होते हैं ?
4. और क्या वजह है कि हमारे 1-2 पीढ़ी पुराने चाचा-ताऊ-मामा भी हम लोगों से अक्सर लम्बे ही थे?
चलिए, कुछ और सोचते हैं.
आपके घर में कोई है जिसको अक्सर हाथ-पैर या पीठ में दर्द होता है?
आपके दादा-दादी, नाना-नानी अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत करते हैं? सर्दियों में दर्द में घंटों बैठकर उनका दर्द कम हो जाता है, लेकिन शाम ढलते ही रात भर दर्द से कराहते रहते हैं?
क्या आपके परिवार या पड़ोस में कोई बुजुर्ग महिला हैं जो कूल्हे पर हाथ रखे बिना बिस्तर से/कुर्सी से भी नहीं उठ पातीं? या वो जिन्हें 55-60 साल की उम्र में ही किसी walking-stick जैसी मदद की जरूरत होती है?
Well, my dear friends. इन सब सवालों का एक ही जवाब है:- कैल्सियम और Vitamin-D की शरीर में बेहद कमी.
रुकिए, ये मत कहिये कि आप रोज दूध-दही लेते हैं, और कभी-कभी धूप में भी बैठते/खेलते हैं. इसलिए कैल्सियम या विटामिन-D की कमी आपको/ आपके बच्चों/ आपके बुजुर्गों को हो ही नहीं सकती.
सच तो यह है कि मध्यमवर्गीय भारतीयों में 90% से अधिक को विटामिन-D व कैल्सियम की काफी ज्यादा कमी होती है. और उनमें से आधे से अधिक को ये कमी ‘खतरनाक’ स्तर पर होती है.
कुछ व्यक्तिगत उदाहरण : (विश्वास कीजिये ये सब अक्षरशः सच हैं) :
1. मैं खुद ( Shakendra Singh) 2008 से 2013 तक हरेक सर्दियों में 3-4 महीने सिर्फ दोपहर में – वो भी अच्छी धूप में ही घर से निकल पाता था. सुबह और शाम heater के सामने या सिकाई वाली water-bottle के साथ रजाई में रहने को मजबूर. और अक्सर कोहनी, घुटने, एड़ी पर सिकाई करने के बाद गर्म पट्टी बाँधने को भी मजबूर. कई डाक्टरों (orthopaedics M.S./M.D.) को दिखाया- pain-killer और साथ की anti-biotic दवाएं दर्द से राहत देती थीं, लेकिन बीमारी से नहीं. आगरा में एक मित्र डाक्टर हैं Dr Rajesh Gautam. (थैंक्स Rajesh Kumar). फोन पर बात की –बोले- विटामिन-D टेस्ट करा. टेस्ट कराया, कम था, विटामिन-D और Calcium लगातार लिया. अगली सर्दी में दर्द बहुत कम. आराम से शाम को भी evening-walk पर धर्मपत्नी के साथ घूमना भी फिर से शुरू हो गया.
2. मेरी धर्म-पत्नीं Ewa Singh कई सालों से घुटने में दर्द की शिकायत कर रही थीं, Calcium की लगातार डोज लेने से दर्द में राहत आई. लेकिन 2012 से उनको एक नई शिकायत शुरू हो गई. बाई छाती में ह्रदय स्थान पर दर्द. शुरू में महीने 20 दिन में कभी-कभार. फिर हर 10-15 दिन में. अपने कस्बे के 2 स्वनामधन्य डाक्टरों (जो heart specialist होने का दावा करते हैं-पर सच में सिर्फ M.D. medicine हैं) को दिखाया, फिर हल्द्वानी के famous heart- specialist ( जिनके पास रोज सिर्फ ह्रदय-रोग से सम्बन्धित ही सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन यह सज्जन भी सिर्फ M.D. medicine ही हैं) के पास 2-3 बार गए, कोई फायदा नहीं, बेवकूफी की हद ये कि 60-100 ब्लडप्रेशर वाली मेरी पत्नी को उन्होंने अन्य दवाओं के साथ खून पतला करने की दवा भी दे दी. तबियत और ज्यादा खराब. फिर हल्द्वानी के ही 2 multi-speciality बड़े हॉस्पिटल्स के 2 heart-specialists और एक Nurologist को भी दिखाया. फिर मुरादाबाद शहर के बहुत बड़े मेडिकल कॉलेज के 1 heart-specialist और 1 Nurologist को भी. सबका बहुत बहुत धन्यवाद, लेकिन कोई फायदा नहीं.
मरता क्या न करता. May 2015 में करीब 1 लाख रुपये साथ ले Apollo Hospital Delhi पहुंचे, (Thanks a lot Dr. Nand Singh). वहां पर कुछ महीने पहले ही UK से एक 62-63 साल के Dr Mahesh Chandra Garg, MBBS, MD, MRCP (U.K.), FRCP (London), FRCP (Glasg.) ने Senior Consultant Cardiology के रूप में join किया था. Dr साहेब ने करीब 35-40 मिनट हमारी सब बात सुनीं, और अंत में मुस्कुराते हुए कहा कि ह्रदय की कोई भी बिल्कुल भी समस्या नहीं है. कि सिर्फ कैल्सियम और विटामिन-D की कमी की वजह से ये दर्द है. विटामिन-D की कमी की वजह से Calcium ह्रदय के पास की मांस-पेशियों में नहीं पहुंचा, इसलिए मांस-पेशियों में दर्द है- ह्रदय में कुछ भी खराबी नहीं. “पर Dr साहेब, मैं तो एक साल के आसपास से विटामिन-D और Calcium ले रही हूँ, फिर दर्द क्यों?”- मेरी पत्नी ने मुझसे भी पहले पुछा. और Dr साहेब का मुस्कुराते हुए जवाब था,-‘’जो समस्या पिछले 10-12 साल में धीरे-धीरे उत्पन्न हुई है वो समाप्त होने में भी 2-3 साल (कम से कम) लेगी”. Dr साहेब के अनुसार विटामिन-D और Calcium दवा नहीं हैं, जिन्दगी भर लेने वाले सप्लीमेंट हैं, जिनका लगभग कोई side-effect भी नहीं है.
300/ रजिस्ट्रेशन फी और 1000/ Dr साहेब की फी देने के अलावा कोई खर्चा नहीं, कोई टेस्ट नहीं, और सबसे बड़ी बात- मेरी पत्नी को ह्रदय की कोई परेशानी नहीं.
3. मेरे बहुत नजदीकी मित्र के 16 साल के बेटे की लम्बाई कम थी, साथ ही कुछ महीने से लगातार हल्का बुखार 99.0-99.5 डिग्री के आसपास. आगरा के अनेकों अच्छे-अच्छे डाक्टरों को दिखाने के बाद निराश गुडगाव ( अब गुरुग्राम) पहुंचे. Medanta Hospital. कई टेस्ट करने के बाद रिजल्ट मिला- सब सही है, सिर्फ कैल्सियम और विटामिन-D बहुत कम है. 6 महीने विटामिन-D और Calcium लिया, लम्बाई लगभग 3 इंच बढ़ गई. बुखार तो 10 -15 दिन में ही सही हो गया.
4. मेरी खुद की ममेरी-बहन एक स्कूल में Teacher हैं. स्कूल से लौटकर कुछ करने का बिल्कुल मन न करे, पैरों-पिंडलियों में बहुत दर्द. मेरे जोर देने पर टेस्ट कराया, विटामिन-D बहुत-बहुत ज्यादा कम. 2-3 महीने की दवा से बहुत आराम.
5. अपने ही कस्बे के एक परिचित की बेटी- उम्र 20 साल, कुछ महीने से अक्सर हल्का बुखार की शिकायत. मैंने तुरंत कहा कि यह समस्या तो एक मित्र के बेटे को भी थी. तुरंत विटामिन-D टेस्ट करवाइए. वही समस्या निकली-वही ईलाज भी. विटामिन-D और Calcium. जल्द ही आराम.
दोस्तों, अगर आपने अब तक मेरी ये post पढ़ी है, तो बहुत-बहुत धन्यवाद. लेकिन मुझे असली ख़ुशी तभी होगी, जब आप लोग अपने घर के सभी दर्द से परेशान लोगों का, सही लम्बाई न पा सकने वाले सभी बेटे/बेटियों का और 45 साल से ऊपर के सभी परिवारी जनों का विटामिन-D टेस्ट करायेंगे. मेरा विश्वास कीजिये, दूध-दही हमारी रोज की विटामिन-D और Calcium की जरूरत का 10वां हिस्सा भी पूर्ण नहीं कर पाता. टेस्ट लगभग 600/ से 1200/ का किसी भी अच्छी लैब से हो जाएगा. जो बन्धु टेस्ट न कराना चाहें ( वो गलती करेंगे-क्योंकि फिर वो तरीके से और लगातार ये विटामिन नहीं लेंगे)- और फिर भी ये विटामिन लेना चाहें, तो अपना whatsapp फोन न. post के नीचे comment में लिखें या मेरे whatsapp फोन न. (0091)- 821 823 3789 पर मुझे लिखें, मैं आपको सब दवा और डोज वहां लिख दूंगा. समस्या/उम्र अगर लिख सकें- तो डोज बताना आसान होगा. और हाँ- न मेरा किसी लैब से कोई रिश्ता/ कमीशन है, न कोई दवा मैं बेचता हूँ. मैं सिर्फ दवा और डोज आपको बता सकता हूँ, जो आपको किसी भी मेडिकल स्टोर से मिल जायेगी. ये सामान्य एलोपैथिक दवाएं (सही कहा जाए तो विटामिन) हैं. आगे आपकी इच्छा कि आप अपने बच्चों की लम्बाई बढ़ाना चाहते हैं या नहीं. जोड़ो-हड्डियों के किसी भी तरह के दर्द से अपने बुजुर्गों को बचाना चाहते हैं या नहीं.
अब अन्त में सबसे शुरू के मेरे आपसे पूछे 3 सवालों का जवाब :
1. कैल्सियम की कमी की वजह से हमारे शरीर में हृदय अपने आप में सूखने लगता है -कमजोर होने लगता है -और अन्य (BP व कोलेस्ट्रल, व्यायाम आदि) सब कुछ सही होने के बावजूद कभी कभी हृदय काम करना बन्द कर देता है. कभी कभी हृदय दो टुकड़ों में टूट जाता है. और अधिकतर ऐसे मामलों में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है.
2. अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया आदि सभी विकसित देशों में सिर्फ डिब्बा-बंद दूध ही बेचा-खरीदा जाता है जिसमे पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D, Calcium और अन्य विटामिन मिलाये गए होते हैं.
3. विटामिन-D और Calcium की शुरू से ही कमी, सही कहा जाए तो बड़ी कमी ही भारतीयों को दुनिया के सभी विकसित देशों से लम्बाई में बहुत छोटा बना देती है.
4. हमारे 1-2 पीढ़ी पुराने चाचा-ताऊ-मामा हम लोगों से अक्सर लम्बे ही होते हैं. वजह- वो लोग अपने बचपन में हमसे बहुत ज्यादा समय धूप में गुजार पाते थे-खेलते थे. और हाँ, हमसे बहुत ज्यादा दूध-दही-घी भी प्रयोग करते थे.
®©®©®©®©®©
ऊपर की पोस्ट व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है. मैं कोई डॉक्टर नहीं हूँ. लेकिन पिछले 8-9 वर्षों का मेरा अनुभव मुझे यह कहने की हिम्मत देता है कि कैल्सियम व विटामिन डी की शरीर को आवश्यकता व जरुरी डोज के विषय में मेरी जानकारी शायद 80% डॉक्टरों से अधिक ही होगी.
आपके किसी प्रश्न /कमेन्ट का स्वागत है.
शाकेन्द्र सिंह.
Whatsapp 821 823 3789