Wednesday, March 29, 2017

अमेरिकन केसर उगाये और लाखों कमाए फ्रॉड गर्दी का नया नाम

फ्रॉड गर्दी का नया नाम अमेरिकन केसर!
आजकल चारों तरफ अखबारों में समाचारों में टीवी पर फेसबुक व्हाट्सअप पर खबरें चलायी जा रही हैं के अमेरिकन केसर उगाये और लाखों कमाए। पत्रकार साथियों में होड़ लगी है इसके किसानों से बिना मिले ही बिना जाँच पड़ताल के मोटिवेशनल स्टोरी छापने की।
साथियों की जानकारी के लिए अमेरिकन केसर कुछ और नहीं कुसुम(safflower) है जिसे मप्र महारास्ट्र में करडी के नाम से भी जानते हैं।ये तिलहन वर्गीय फसल है और इसे खाद्य तेल के लिए उगाया जाता है।(सफोला तेल इसी का होता है)
इसी से प्राप्त पुंकेसर(फूल के अंदर वाली पंखुड़ी,ऐसी ही केसर की होती है।)को असली केसर में मिलावट करके वर्षों से बेचा जाता है।ये एक दंडनीय अपराध है(मिलावट)।
इससे प्राप्त फसल यानी बीज बाजार में 3 से साढ़े तीन हजार रुपए कु में बिकते हैं और हमारे पत्रकार साथी कुछ दलालों को प्रोमोट करने पे लगे हैं जो इसका बीज 5 रुपए प्रति या 20 हजार रुपए किलो किसानों को बेचना चाहते हैं।

दरसल इसका कारण ये है कि हमारे पत्रकार साथी आजकल ग्राउंड जीरो पर न जाकर किसानों से रिपोर्ट लिखवा कर मंगा कर छापने में विश्वास करते हैं।
पत्रकार भाइयों आपने तो नँ बढ़ाने के लिए खबर छाप दी पर जो किसान आपकी खबर पढ़ कर लुटेगा उसका नुक्सान कैसे भरोगे।
सरकारी तंत्र का गूंगा पन तो जग जाहिर है पर आपका आलस किसानों को गर्त में डाल सकता है।

आप सब से निवेदन ही किया जा सकता है के फील्ड में जाकर इसकी वस्तुस्थिति पता करें पुनः खबर छापे। किसानों को भृमित होने से बचाये।

किसान भाई इस गोरखधंधे से बचें
ज्यादा जानकारी के लिए 09634865111 पर फोन करे साथी।





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