RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में प्रेषित अपील को आयोग में शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज कर बिना जाँच करे RTI ACT के असंगत सूचना आयुक्त द्वारा सिविल मुक़दमे की तरह की जारी अवैधानिक कार्यवाही को स्थगित कराये जाने के सम्बन्ध में
RTI Complaint
x
RTI Complaint
x
Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
12:45 am (35 मिनट पहले)
12:45 am (35 मिनट पहले)
webmaster.upic, psecup.adminref, Dmawas
प्रेषक :-अशोक कुमार गोयल, गणेशपुर रहमानपुर, चिनहट , लखनऊ-226028
पत्रांक 53(16)/धरना 27.5.16, दिनांक 15-03-2017
सेवा में,
श्री जावेद उस्मानी
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ,
उत्तर प्रदेश सूचना आयोग,
गोमती नगर , लखनऊ-226010
प्रेषक :-अशोक कुमार गोयल, गणेशपुर रहमानपुर, चिनहट , लखनऊ-226028
पत्रांक 53(16)/धरना 27.5.16, दिनांक 15-03-2017
सेवा में,
श्री जावेद उस्मानी
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ,
उत्तर प्रदेश सूचना आयोग,
गोमती नगर , लखनऊ-226010
RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत प्रेषित अपील पत्रांक 53/धरना-27.09.2016, दिनांक 30-09-2016 पर अभी तक सुनवाई की नोटिस तामीली न कराया जाना और जन सूचना अधिकारी द्वारा स्वयं संतोष जनक सूचना देने के स्थान पर सूचना के रूप में निम्न स्तर के अधिकारिओं से प्रकट आख्या का अग्रसारण किये जाने की आयोग द्वारा स्वयं जाँच किया जाना -
महोदय,
उक्त सम्बन्ध में कृपया निम्न प्रकार अवगत हों-
1)-उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने RTI ACT 2005 की धारा 18, 19 एवं 20 मे प्राप्त शक्ति का प्रयोग करके उक्त अपील पर जाँच करके अभी तक अपीलकर्ता को स्वविवेक से सुनवाई मे उपस्थित होने की नोटिस तामीली नही करायी है I
2)-उक्त अपील पर अपीलानुसार सूचना आयुक्त महोदय द्वारा स्वयं जाँच कर धारा की बध्यकरी नोटिस तामीली अभी तक नही करायी गयी है और उ ही अपीलकर्ता को आयोग द्वारा वांछित दिलाते हुए आयोग का कारण लिखित निर्णय RTI ACT की धारा 4(1)(घ) व 19(9) के आदेशात्मक प्रावधानानुसार नही दिया जाना है I जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) मे नागरिकों को दी गयी आज़ादी का अतिक्रमण हैl
3)-उक्त अपील मे प्रश्नगत सूचना ACT की धारा 5(1) के आदेशात्मक प्रावधान के असंगत नामित जन सूचना ने स्वयं सूचना उपलब्ध नही करायी है बल्कि अपने पत्र संख्या व-475/838/16, दिनांक 29.12.2016, जो आवेदक को आवेदन प्रेषण की तिथि से करीब125 दिन बाद उपलब्ध कराया गया है, में सूचना के रूप में अपने से निम्न अधिकारी क्षेत्राधिकारी गोमती नगर, लखनऊ व प्रभारी निरीक्षक की आख्या के अपठनीय पत्र सूचना के रूप में उपलब्ध कराये हैं I इस प्रकार श्री शशि शेखर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकाल/ जन सूचना अधिकारी, लखनऊ द्वारा सूचना की विषय वस्तु नस्ट किया जाना स्पष्ट अलोक में है
3)-आयोग किस नियम के तहत, उक्त अपील पर जाँच न अब तक धारा 20 के प्रव्धानुसार जाँच लंबित है और सूचना दिलाते हुए अपील का विनिश्चय नही किया गया है, के सम्बन्ध मे सुनवाई की नोटिस तामीली कर अपीलकर्ता को बताया नही गया है I इससे सुस्पस्ट होता है कि पिक एंड चूज की नीति से चयनित सूचना आयुक्तों के लिये इस ACT का कोई भी नियम बाध्यकारी नही है और बिना किसी जाँच के व बिना सूचना दिलाये ही उक्त अपील का विधि के असंगत विनिश्चय किया जाना भी नियत है I
अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त प्रकार सुनवाई को रोक (नाट प्रेस) दिया जाये जब तक नियमतः चयनित योग्य अभियार्थियो का सूचना आयुक्तों के पद पर चयन नही हो जाता है I
अपीलकर्ता
(अशोक कुमार गोयल)
उक्त सम्बन्ध में कृपया निम्न प्रकार अवगत हों-
1)-उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने RTI ACT 2005 की धारा 18, 19 एवं 20 मे प्राप्त शक्ति का प्रयोग करके उक्त अपील पर जाँच करके अभी तक अपीलकर्ता को स्वविवेक से सुनवाई मे उपस्थित होने की नोटिस तामीली नही करायी है I
2)-उक्त अपील पर अपीलानुसार सूचना आयुक्त महोदय द्वारा स्वयं जाँच कर धारा की बध्यकरी नोटिस तामीली अभी तक नही करायी गयी है और उ ही अपीलकर्ता को आयोग द्वारा वांछित दिलाते हुए आयोग का कारण लिखित निर्णय RTI ACT की धारा 4(1)(घ) व 19(9) के आदेशात्मक प्रावधानानुसार नही दिया जाना है I जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) मे नागरिकों को दी गयी आज़ादी का अतिक्रमण हैl
3)-उक्त अपील मे प्रश्नगत सूचना ACT की धारा 5(1) के आदेशात्मक प्रावधान के असंगत नामित जन सूचना ने स्वयं सूचना उपलब्ध नही करायी है बल्कि अपने पत्र संख्या व-475/838/16, दिनांक 29.12.2016, जो आवेदक को आवेदन प्रेषण की तिथि से करीब125 दिन बाद उपलब्ध कराया गया है, में सूचना के रूप में अपने से निम्न अधिकारी क्षेत्राधिकारी गोमती नगर, लखनऊ व प्रभारी निरीक्षक की आख्या के अपठनीय पत्र सूचना के रूप में उपलब्ध कराये हैं I इस प्रकार श्री शशि शेखर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकाल/ जन सूचना अधिकारी, लखनऊ द्वारा सूचना की विषय वस्तु नस्ट किया जाना स्पष्ट अलोक में है
3)-आयोग किस नियम के तहत, उक्त अपील पर जाँच न अब तक धारा 20 के प्रव्धानुसार जाँच लंबित है और सूचना दिलाते हुए अपील का विनिश्चय नही किया गया है, के सम्बन्ध मे सुनवाई की नोटिस तामीली कर अपीलकर्ता को बताया नही गया है I इससे सुस्पस्ट होता है कि पिक एंड चूज की नीति से चयनित सूचना आयुक्तों के लिये इस ACT का कोई भी नियम बाध्यकारी नही है और बिना किसी जाँच के व बिना सूचना दिलाये ही उक्त अपील का विधि के असंगत विनिश्चय किया जाना भी नियत है I
अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त प्रकार सुनवाई को रोक (नाट प्रेस) दिया जाये जब तक नियमतः चयनित योग्य अभियार्थियो का सूचना आयुक्तों के पद पर चयन नही हो जाता है I
अपीलकर्ता
(अशोक कुमार गोयल)
--
भवदीय,
(अशोक कुमार गोयल)
अध्यक्ष
सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन,
पता :- गणेशपुर - रहमानपुर ,थाना चिनहट, लखनऊ -226028
E-Mail :- akgoel1954@gmail.com
मोबाईल :- 8009444448
Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
अटैचमेंट1:10 am (10 मिनट पहले)
अटैचमेंट1:10 am (10 मिनट पहले)
Governor, cmup, R.K.Girdhar, persinfotech, presidentofind.
इसलिए सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है कि
1-सपा सरकार में पिक एंड चूज /परिवारवाद पर चयन का आधार होने के कारण ये सूचना आयुक्त RTI ACT की मन्शा एवं नियमों के असंगत कार्य कर रहे हैं और अपनी मर्जी से RTI ACT की धाराओ मे भी परिवर्तन कर रहे हैं उदाहरनार्थ उक्त अपील को शिकायत में परिवर्तित कर सिविल मुक़दमे की तरह सुना जा रहा जिसका आशय यही निकलता है कि सूचना आयुक्त की शक्ति इस RTI ACT से अधिक है
2-उक्त सूचना आयुक्तों के अधिनियम विरोधी कृत्य की शिकायत करने पर शिकायत अंततः सूचना आयोग ही भेज दी जाती है किसका परिणाम शून्य होता है और उस सूचन आयुक्त को अपने सुनवाई कक्ष मे अपीलकर्ताओं से ये कहते सुना जा सकता है कि जिससे चाहो शिकायत कर लो मेरा कुछ नही बिगड़ना , जिससे अपीलकर्ता हताश होता है कि उसे सूचना नही मिलनी ये तो सरकार के खास आदमी हैं
3-उक्त प्रकार नागरिकों के सूचना पाने के अधिकारों का सूचना आयोग द्वारा ही हनन किया जा रहा है अतः सुनवाई रोके जाने का औचित्य बनता है
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
कृत कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये
संलग्नक उपरोक्तानुसार
---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
दिनांक: 12 जुलाई 2017 को 12:45 am
विषय: RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में प्रेषित अपील को आयोग में शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज कर बिना जाँच करे RTI ACT के असंगत सूचना आयुक्त द्वारा सिविल मुक़दमे की तरह की जारी अवैधानिक कार्यवाही को स्थगित कराये जाने के सम्बन्ध में
प्रति: webmaster.upic@gmail.com, "psecup.adminref@nic.in" <psecup.adminref@nic.in>, Dmawas Lucknow <dmawaslko@gmail.com>
इसलिए सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है कि
1-सपा सरकार में पिक एंड चूज /परिवारवाद पर चयन का आधार होने के कारण ये सूचना आयुक्त RTI ACT की मन्शा एवं नियमों के असंगत कार्य कर रहे हैं और अपनी मर्जी से RTI ACT की धाराओ मे भी परिवर्तन कर रहे हैं उदाहरनार्थ उक्त अपील को शिकायत में परिवर्तित कर सिविल मुक़दमे की तरह सुना जा रहा जिसका आशय यही निकलता है कि सूचना आयुक्त की शक्ति इस RTI ACT से अधिक है
2-उक्त सूचना आयुक्तों के अधिनियम विरोधी कृत्य की शिकायत करने पर शिकायत अंततः सूचना आयोग ही भेज दी जाती है किसका परिणाम शून्य होता है और उस सूचन आयुक्त को अपने सुनवाई कक्ष मे अपीलकर्ताओं से ये कहते सुना जा सकता है कि जिससे चाहो शिकायत कर लो मेरा कुछ नही बिगड़ना , जिससे अपीलकर्ता हताश होता है कि उसे सूचना नही मिलनी ये तो सरकार के खास आदमी हैं
3-उक्त प्रकार नागरिकों के सूचना पाने के अधिकारों का सूचना आयोग द्वारा ही हनन किया जा रहा है अतः सुनवाई रोके जाने का औचित्य बनता है
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
कृत कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये
संलग्नक उपरोक्तानुसार
---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
दिनांक: 12 जुलाई 2017 को 12:45 am
विषय: RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में प्रेषित अपील को आयोग में शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज कर बिना जाँच करे RTI ACT के असंगत सूचना आयुक्त द्वारा सिविल मुक़दमे की तरह की जारी अवैधानिक कार्यवाही को स्थगित कराये जाने के सम्बन्ध में
प्रति: webmaster.upic@gmail.com, "psecup.adminref@nic.in" <psecup.adminref@nic.in>, Dmawas Lucknow <dmawaslko@gmail.com>
3 अटैचमेंट
Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
अटैचमेंट1:20 am (0 मिनट पहले)
RTI, rti, Governor, cmup, persinfotech
कृपया आयोग द्वारा RTI ACT की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में आयोग को प्रेषित अपील को धारा 18 के अंतर्गत शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज किये जाने एवं RTI ACT की मनसा के विपरीत वर्ष 2013 से सिविल मुक़दमे की तरह सरकारी पक्ष को लाभान्वित किये जाने का संज्ञान लिया जाये और सक्षम एजेंसी से निष्पक्ष जाँच आदेशित की जाये या ये बताया जाये कि किस नियम से इन आयुक्तों के अधिनियम (RTI ACT) विरोधी कृत्यों की शिकायत जाँच एवं निस्तारण योग्य नही होती हैं और वे RTI एक्ट का पालन करने को बाध्य नही हैं
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
कृत कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये
---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
दिनांक: 12 जुलाई 2017 को 1:10 am
विषय: Fwd: RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में प्रेषित अपील को आयोग में शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज कर बिना जाँच करे RTI ACT के असंगत सूचना आयुक्त द्वारा सिविल मुक़दमे की तरह की जारी अवैधानिक कार्यवाही को स्थगित कराये जाने के सम्बन्ध में
प्रति: Governor <hgovup@up.nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, "R.K.Girdhar" <usrti-dopt@nic.in>, persinfotech <persinfotech@nic.in>, presidentofindia <presidentofindia@rb.nic.in>
कृपया आयोग द्वारा RTI ACT की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में आयोग को प्रेषित अपील को धारा 18 के अंतर्गत शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज किये जाने एवं RTI ACT की मनसा के विपरीत वर्ष 2013 से सिविल मुक़दमे की तरह सरकारी पक्ष को लाभान्वित किये जाने का संज्ञान लिया जाये और सक्षम एजेंसी से निष्पक्ष जाँच आदेशित की जाये या ये बताया जाये कि किस नियम से इन आयुक्तों के अधिनियम (RTI ACT) विरोधी कृत्यों की शिकायत जाँच एवं निस्तारण योग्य नही होती हैं और वे RTI एक्ट का पालन करने को बाध्य नही हैं
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
कृत कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये
---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Ashok Goel <akgoel1954@gmail.com>
दिनांक: 12 जुलाई 2017 को 1:10 am
विषय: Fwd: RTI ACT 2005 की धारा 19(3) के अंतर्गत वर्ष 2013 में प्रेषित अपील को आयोग में शिकायत संख्या एस 11, 9376/C/13 पर दर्ज कर बिना जाँच करे RTI ACT के असंगत सूचना आयुक्त द्वारा सिविल मुक़दमे की तरह की जारी अवैधानिक कार्यवाही को स्थगित कराये जाने के सम्बन्ध में
प्रति: Governor <hgovup@up.nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, "R.K.Girdhar" <usrti-dopt@nic.in>, persinfotech <persinfotech@nic.in>, presidentofindia <presidentofindia@rb.nic.in>
No comments:
Post a Comment