Wednesday, November 29, 2017

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रेलवे में खाने-पीने की ये रही पूरी प्राइस लिस्ट, सफर करते समय रखें अपने साथ, खराब खाने की भी कर सकते हैं शिकायत

ई दिल्ली। रेलवे की तरफ से सफर के दौरान जाने वाले खाने और पीने के सामान के भाव का पता नहीं होने की वजह से आपने कई बार खाना सर्व करने वालों को तय कीमत से ज्यादा पैसे चुकाए होंगे। कई बार खाना सर्व करने वालों ने भी आपको ज्यादा भाव बताकर आपसे ज्यादा पैसे वसूले होंगे। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आपको रेलवे मे दिए जाने वाले खाने-पीने के सामान के पूरी प्राइस लिस्ट पता होना जरूरी है, आज हम आपको इसी प्राइस लिस्ट के बारे में जानकार दे रहे हैं।
जनता खाना या जनता मील
रेलवे में सबसे सस्ता खाना जनता मील है जिसे जनता खाना के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय रेल के मुताबिक जनता मील में 7 पूरी और आलू की सब्जी के साथ 15 ग्राम आचार का पैकेट दिया जाता है। रेलवे प्लेटफॉर्म पर इसकी कीमत 15 रुपए और ट्रेन के अंदर 20 रुपए निर्धारित है। किसी भी यात्री से इससे अधिक पैसे वसूलना गैर कानूनी है।
शाकाहारी खाना
रेलवे के शाकाहारी खाने के तहत 150 ग्राम चावल पुलाव या जीरा राइस या प्लेन राइस दिया जाता है। साथ में 2 परांठे या 4 चपाती और 5 पूरी दी जाती है। सब्जी में 100 ग्राम मिक्स वेज तथा 150 ग्राम दाल या सांबर दिए जाने का नियम है, इसके अलावा 100 ग्राम दही या फिर 40 ग्राम मिठाई साथ में दी जाएगी। इनके अलावा 15 ग्राम आचार का पैकेट और 250 मिलीलीटर पैक किया हुआ पानी भी साथ में दिए जाने का नियम है। रेलवे प्लेटफॉर्म पर शाकाहारी खाने की कीमत 45 रुपए और ट्रेन के अंदर 50 रुपए फिक्स है। कोई भी फूड वेंडर इससे अधिक कीमत नहीं वसूल सकता।
गैर-शाकाहारी खाना
गैर-शाकाहारी खाने में मिक्स वेज को छोड़ बाकी सबी चीजें शाकाहारी खाने की तरह ही है, बस मिक्स वेज की जगह इसमें 2 अंडों की करी दी जाती है। रेलवे प्लेटफॉर्म पर इसकी कीमत 50 रुपए और ट्रेन के अंदर 55 रुपए निर्धारित की गई है।
शाकाहारी नाश्ता
शाकाहारी नाश्ते में 100 ग्राम के 2 वेज कटलेट, 10 ग्राम बटर के साथ 2 ब्रेड स्लाइस और 15 ग्राम टोमेटो केचप दिए जाने का नियम है। अगर यह नहीं है तो इसकी जगह 4 इडली जिनका मिलाकर वजर 200 ग्राम होना चाहिए, 4 उड़द के बड़े जिनका वजर 120 ग्राम होना चाहिए और साथ में 50 ग्राम चटनी दिए जाने का नियम है। इडली की जगह उपमा या पोंगल भी दिया जा सकता है। रेलवे स्टेशन पर इस नाश्ते की कीमत 25 रुपए और ट्रेन के अंदर 30 रुपए निर्धारित की गई है।
गैर-शाकाहारी नाश्ता
गैर-शाकाहारी नाश्ते में दो ब्रेड स्लाइस के साथ 10 ग्राम बटर, 2 अंडे, और टोमेटो केचप दिये जाने का नियम है, गैर-शाकाहारी नाश्ते की कीमत रेलवे स्टेशन पर 30 रुपए और ट्रेन के अंदर 35 रुपए निर्धारित की गई है।
चाय, कॉफी और पानी
रेलवे में सामान्य चाय और कॉफी की कीमत प्लेटफॉर्म और स्टेशन पर 7 रुपए है, वहीं कॉफी पॉट की कीमत 15 रुपए है। पानी की बात करें तो 1 लीटर वाली रेल नीर की कीमत 15 रुपए और 500 मिलीलीटर वाली रेलनीर की कीमत 10 रुपए निर्धारित है।
ज्यादा भाव वसूलने या खराब खाने की शिकायत
अगर रेलवे स्टेशन या ट्रेन के अंदर आपको खराब क्वॉलिटी का खाना दिया जाता है या खाने के तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं तो इसके लिए टोलफ्री नंबर 1800-111-321 पर शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा 9717630982 पर एसएमएस से भी शिकायत की जा सकती है।

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Sunday, November 26, 2017

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शिमला मिर्च उत्पादन विधी

शिमला मिर्च उत्पादन विधी

शिमला मिर्च

हमारे देश मे उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों मे टमाटर एवं शिमला मिर्च (कैपसीकम एनम) का एक महत्वपूर्ण स्थान है। शिमला मिर्च को सामान्यता बेल पेपर भी कहा जाता है। इसमे विटामिन-सी एवं विटामिन -ए तथा खनिज लवण जैसे आयरन, पोटेशियम, ज़िंक, कैल्शियम इत्यादी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा मे पाये जाते है। जिसके कारण अधिकतर बीमारियो से बचा जा सकता है।बदलती खाद्य शैली के कारण शिमला मिर्च की मांग दिन प्रतिदिन बढती जा रही है।

जलवायु और मृदा

दिन का तापमान 22 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड एवं रात्रीकालीन तापमान सामान्यतः 16 से 18 डिग्री सेंटीग्रेड उत्तम रहता है।अधिक तापमान की वजह से फूल झडने लगते है एवं कम तापमान की वजह से परागकणो की जीवन उपयोगिता कम हो जाती है। सामान्यतः शिमला मिर्च की संरक्षित खेती पॉली हाउस  मे कीटरोधी एवं शेड नेट लगाकर सफलतापूर्वक कर सकते है। शिमला मिर्च की खेती के लिए सामान्यतः बलुई दोमट मृदा उपयुक्त रहती है जिसमे अधिक मात्रा मे कार्बनिक पदार्थ मौजूद हो एवं जल निकासी अच्छी हो।

पॉलीहाउस परिचय :-

पॉलीहाउस पारदर्शी आवरण से ढके हुए ऐसे ढांचे होते है जिनमे कम से कम आंशिक या पूर्णरूप से नियंत्रित वातावरण मे फसले पैदा की जाती है। पॉलीहाउस तकनीक का बे-मौसमी सब्जियाँ पैदा करने मे महत्वपूर्ण स्थान है। पॉलीहाउस की खेती के लिए सामान्यतः ऐसी फसलो का चयन किया जाता है। जिनका आयतन कम हो एवं अधिक मूल्यवान हो जैसे खीरा, टमाटर, शिमला मिर्च इत्यादि।

भूमि की तैयारी

पौध रोपण के लिए मुख्य खेत को अच्छी तरह से 5-6 बार जुताई कर तैयार किया जाता है । गोबर की खाद या कम्पोस्ट अंतिम जुताई के पूर्व खेत मे अच्छी तरह से खेत मे मिला दिया जाना चाहिए। तत्पश्चात उठी हुई 90 सेमी चौडी क्यारियाँ बनाई जाती है । पौधों की रोपाई ड्रिप लाईन बिछाने के बाद 45 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए। एक क्यारी पर पौधो की सामान्यतः दो कतार लगाते है।

किस्मों का चयन  :-

प्रमुख किस्मेः कैलिफोर्निया वंडर, रायल वंडर, येलो वंडर, ग्रीन गोल्ड, भारत , अरका बसन्त, अरका गौरव , अरका मोहिनी, सिंजेटा इंडिया की इन्द्रा, बॉम्बी, लारियो एवं ओरोबेल, क्लॉज़ इंटरनेशनल सीडस की आशा, सेमिनीश की 1865, हीरा आदि किस्मे प्रचलित है।

बीज दर –

सामान्य किस्म – 750-800 ग्राम एवं संकर शिमला – 200 से 250 ग्राम प्रति हैक्टयर रहती है

पौध तैयार करना

शिमला मिर्च के बीज मंहगे होने के कारण इसकी पौध प्रो-ट्रेज मे तैयार करनी चाहिए। इसके लिए अच्छे से उपचारित ट्रेज का उपयोग किया जाना चाहिए। ट्रेज मे मीडिया का मिश्रण जैसे वर्मीकुलाइट, परलाइट एवं कॉकोपीट 1:1:2 की दर से तैयार करना चाहिए एवं मीडिया को भली भांति ट्रेज मे भरकर प्रति सेल एक बीज डालकर उसके उपर हल्का मिश्रण डालकर झारे से हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो मल्च का उपयोग भी किया जा सकता है। एक हेक्टयर क्षेत्रफल मे 200-250 ग्राम संकर एवं 750-800 ग्राम सामान्य किस्म के बीज की आवश्यकता होती है।

रोपाई –

30 से 35 दिन मे शिमला मिर्च के पौध रोपाई योग्य हो जाते है। रोपाई के समय रोप की लम्बाई तकरीबन 16 से 20 सेमी एवं 4-6 पत्तियां होनी चाहिए। रोपाई के पूर्व रोप को 0.2 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम मे डुबो कर पूर्व मे बनाए गए छेद मे लगाना चाहिए। पौधो की रोपाई अच्छी तरह से उठी हुई तैयार क्यारियाँ मे करनी चाहिए। क्यारियो की चौड़ाई सामान्यतः 90 सेमी रखनी चाहिए। पौधो की रोपाई ड्रिप लाईन बिछाने के बाद 45 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए। एक क्यारी पर पौधों की सामान्यतः दो कतार लगाते है।

उर्वरक –

25 टन /है. गोबर खाद एवं रासायनिक उर्वरक मे एनः पीः के: 250:150: एवं 150 किग्रा. / है.
सिंचाई – गर्म मौसम मे 7 दिन तथा ठण्डे मौसम मे 10-15 दिन के अन्तराल पर। ड्रिप इरीगेशन की सुविधा उपलब्ध होने पर उर्वरक एवं सिंचाई (फर्टीगेशन) ड्रिप द्वारा ही करना चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण

शिमला मिर्च की 2 से 3 बार गुडाई करना आवश्यक है। अच्छी उपज के लिए 30 एवं 60 दिनो के बाद गुडाई करनी चाहिए। शिमला मिर्च मे अच्छी उपज के लिए मिट्टी चढाना आवश्यक है यह कार्य 30-40 दिन की अवस्था पर करना चाहिए। रासायनिक दवा के रूप मे खेत तैयार करते समय 2.22 लीटर की दर से फ्लूक्लोरेलिन (बासालिन ) का छिडकाव कर खेत मे मिला देना चाहिए। या पेन्डीमिथेलिन 3.25 लीटर प्रति हैक्टयर की दर से रोपाई के 7 दिन के अंदर छिडकाव कर देना चाहिए।

वृद्धि नियंत्रक –

शिमला मिर्च की उपज बढाने के लिए ट्राइकोन्टानाॅल 1.25 पी.पी.एम (1.25 मिलीग्राम/लीटर पानी ) रोपाई के बाद 20 दिन की अवस्था से 20 दिन के अन्तराल पर 3से 4 बार करना चाहिए। इसी प्रकार एन.ए.ए. 10 पी.पी.एम (10 मिलीग्राम/लीटर पानी ) का 60 वे एवं 80 वे दिन छिडकाव करना चाहिए।

पौधों को सहारा देना –

शिमला मिर्च मे पौधो को प्लास्टिक या जूट की सूतली रोप से बांधकर उपर की और बढने दिया जाना चाहिए जिससे फल गिरे भी नही एवं फलो का आकार भी अच्छा हो। पौधो को सहारा देने से फल मिट्टी एवं पानी के सम्पर्क मे नही आ पाते जिससे फल सडने की समस्या नही होती है।

कीट एवं व्याधियां

शिमला मिर्च मे कीटो मे मुख्य तौर पर चेपा, सफेद मक्खी, थ्रिप्स , फल भेदक इल्ली एवं तम्बाकू की इल्ली एवं व्याधियों मे चूर्णी फफूंद, एन्थ्रेक्नोज, फ्यूजेरिया विल्ट, फल सडन एवं झुलसा का प्रकोप

समन्वित नाशीजीव प्रबंधन क्रियाएँ –

नर्सरी के समय

1. पौधशाला की क्यारियों भूमि धरातल से लगभग 10 सेमी ऊची होनी चाहिए।
2. क्यारियों को मार्च अप्रेल माह मे 0.45 मि.मी. मोटी पॉलीथिन शीट से ढकना चाहिए। भू-तपन के लिए मृदा मे पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
3. 3 किग्रा गोबर की खाद मे 150 ग्राम  फफूंद नाशक ट्राइकोडर्मा मिलाकर 7 दिन तक रखकर 3 वर्गमीटर की क्यारी मे मिट्टी मे अच्छी तरह से मिला देना चाहिए।
4. पौधशाला की मिट्टी को कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल से बुवाई के 2-3 सप्ताह बाद छिडकाव करे।

मुख्य फसल

पौध रोपण के समय पौध की जडो को 0.2 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम या 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति लीटर पानी के घोल मे 10 मिनट तक डुबो कर रखे।
पौध रोपण के 15-20 दिन के अंतराल पर चेपा, सफेद मक्खी एवं थ्रिप्स के लिए 2 से 3 छिडकाव इमीडाक्लोप्रिड या एसीफेट के करे  माइट की उपस्थिती होने पर ओमाइट का छिडकाव करे।
फल भेदक इल्ली एवं तम्बाकू की इल्ली के लिए इन्डोक्साकार्ब या प्रोफेनोफॉस का छिडकाव ब्याधि के उपचार के लिए बीजोपचार, कार्बेन्डाजिम या मेन्कोज़ेब से करना चाहिए। खडी फसल मे रोग के लक्षण पाये जाने पर मेटालेक्सिल + मैन्कोजेब या ब्लाईटॉक्स का धोल बनाकर छिडकाव करे। चूर्णी फफूंद होने सल्फर घोल का छिडकाव करे।

फलों की तुड़ाई एवं उपज

शिमला मिर्च के फलो की तुडाई हमेशा पूरा रंग व आकार होने के बाद ही करनी चाहिए तथा तुडाई करते समय 2-3 से.मी. लम्बा डण्ठल फल के साथ छोडकर फल को पौधो से काटा जाना चाहिए। वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर संकर शिमला मिर्च की औसतन पैदावार 700-800 क्विंटल प्रति हेक्टयर होती है ।

शिमला मिर्च की प्रति हेक्टेयर कृषि लागत व्यय (रुपये में )

विवरणमात्रा एवं दर प्रति इकाईखर्चा (रु.)
भूमि की तैयारी
जुताई की संख्या02, दर 500/- प्रति घंटा1000
मजदूरों की संख्या06, दर 150/-900
खाद एवं उर्वरक
गोबर की खाद 20 टन, 2 वर्ष में एक बार1000/-प्रति टन,20000
नत्रजन250 किलोग्राम दर 12.40/-3100
फास्फोरस150 किलोग्राम दर 32.70/-905
पोटाश (मृदा परीक्षण के अनुसार )150 किलोग्राम दर 19.88/-2982
मजदूरों की संख्या20, दर 150/-3000
पौधों को सहारा देना (स्टेकिंग)
बॉस एवं वायर31000
मजदूरों की संख्या40, दर 150/-6000
बीज की मात्रा200 ग्राम दर 800/10 ग्राम16000
बुवाई पर मजदूरों की संख्या15, दर 150/-2250
सिंचाई संख्या105000
मजदूर10 दर 150/-1500
निदाई मजदूरों की संख्या40 दर 150/-6000
फसल सुरक्षा
ट्राइजोफॉस
इमीडाक्लोप्रिड
एसीफेट
प्रोफेनोफॉस
मजदूरों की संख्या
2 बार, दर 450/-
2 बार, दर 200/-
2 बार, दर 160/-
2 बार, दर 500/-
16 दर 150/-
900/-
400/-
320/-
1000/-
2400/-
तुडाई (मजदूरों की संख्या )40 दर 150/-6000
कुल लागत114657
कुल आय (औसतन पैदावार 700 क्विंटल प्रति हेक्टेयर)700000
शुद्ध लाभ585343
Source :किसान कल्याण तथा किसान विकास विभाग मध्यप्रदेश

प्रतीकात्मक फोटो साभार इंटरनेट प्रतीकात्मक फोटो साभार इंटरनेट बात पते की पेंशन के लिए विधवाएं इस तरह कर सकती हैं ऑनलाइन आवेदन

लखनऊ। सरकार ने पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिलाओं को भरण-पोषण और जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार हर माह तीन सौ रुपये पेंशन देती है। पात्र पेंशनार्थियों को फॉर्म भरने के बाद भी दस्तावेज की फोटो कॉपी लगानी पड़ती है, जिससे उनको असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। विभाग की तरफ से विधवा पेंशन फॉर्म भरने की ऑनलाइन सुविधा इस सरकारी विेबसाइट http://sspy-up.gov.in/ पर शुरू की गई है।
जिससे पात्र महिलाएं ऑनलाइन ही फॉर्म भरकर अपने दस्तावेजों को भी स्कैन कर फॉर्म भेज सकेंगे। इससे सीधे उनका आवेदन संबंधित अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। विभाग पात्र महिलाओं को यह सुविधा देने के प्रयास कर रहा है।
लखनऊ जिला मुख्यालय से उत्तर दिशा में आठ किमी दूर फैजुल्लागंज की रहने वाली गुड़िया शुक्ला (36 वर्ष) बताती हैं, “मेरे पति की मृत्य 2013 में हुई थी। पति की मृत्यु के बाद योजना के लिए फॉर्म भरा था, फिर सारे कागजात की फोटो कॉपी भी जमा किया। फिर कुछ महीने पहले ही ऑनलाइन फार्म भी भरा, लेकिन अभी तक एक बार भी विधवा पेंशन नहीं मिल सकी। मैं जब-जब पता करने जाती हूं तो बार-बार ये कहा जाता है कि अपने कागजों की फोटो कॉपी जमा कर दो, यहां मिल नहीं रहा है।”
वहीं, कानपुर देहात जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर डाढ़ापुर गाँव की रहने वाली रामदेवी (40 वर्ष) बताती हैं, “विधवा पेंशन के लिए 10 बार फॉर्म भर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई पेंशन नहीं आई। प्रधान हर बार सब कागज जमा कराते हैं। जन सुविधा केंद्र में जाकर ऑनलाइन भी फार्म भरा, मगर अब तक कुछ भी नहीं हुआ। जब भी पता करने के लिए अधिकारी के पास जाते हैं तो हर बार मुझसे कागज ले लिए जाते हैं और वापस कर दिया जाता है।”
महिला कल्याण विभाग के राज्य परामर्शदाता पुनीत मिश्रा बाताते हैं, “विधवा महिलाओं पेंशन योजना के फार्म को ऑनलाइन कर दिया गया है। विधवा पेंशन योजना के लिए पात्र महिलाओं के पास आधार कार्ड, बैंक एकाउंट नंबर, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी अनिवार्य कागज होने चाहिए।”


ऐसे मिलता है पेंशन का लाभ

पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। विधवा पेंशन के लिए बीपीएल सूची में महिला का नाम होना चाहिए। सूची में नाम न होने पर महिला के पास बीपीएल या अंत्योदय योजना का कार्ड होना चाहिए। यदि राशन कार्ड या सूची में नाम न हो तो ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय 56,460 रुपये प्रति वर्ष होनी चाहिए।


इस तरह करें आवेदन

किसी भी जन सुविधा केंद्र या इंटरनेट के माध्यम से विभाग की वेबसाइट http://sspy-up.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करें। आवेदन जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आएगा। वहां से यदि आवेदन ग्रामीण क्षेत्र का है तो खंड विकास अधिकारी को और यदि शहरी क्षेत्र का है तो एसडीएम के यहां जांच के लिए भेजा जाता है। वहां से जांच रिपोर्ट में पात्र मिलने पर पेंशन स्वीकृत कर दी जाती है।


अब तक 17 लाख 20 हजार लाभार्थी

विधवा पेंशन योजना उत्तर प्रदेश सरकार के 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार, पेंशनर्स लाभार्थी लगभग 17 लाख 20 हजार हैं। इनमें सामान्य महिलाएं 2.38 लाख, मुस्लिम भागादारी 2.03 लाख, ओबीसी 7.89 लाख, एएसी 4.64 लाख और एसटी 0.10 

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Social Media complaint format for lodging complaint with the police against abusive comment on social media, offensive comment on social media, defamatory comment on social media. Offensive SMS, messages, material on social media.
IMPORTANT TIPS ON SOCIAL MEDIA COMPLAINT FORMAT:
The format of complaint is indicative and you can amend or modify the same depending upon the facts and circumstances of the matter.
Complaint can be lodged with the concerned police station with a copy to the SP/DCP of the area concerned and the Cyber cell of the police if any.
It is better to lodge the complaint by hand on a hard print as the police set up is still not equipped to handle complaints through E-mails, messages.
Give specific details of all the facts and the message/material which is offending.
Get a soft copy or snap shot and and print out of the same and enclose the same along with the complaint.
Seek the help of an expert if required as it is a highly technical matter.
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To
The DCP/SP
Place:
Sub: Complaint under Section 66 A of the IT Act.
Sir,
I am a resident of the address mentioned below and I am constrained to report you the criminal act of abusive comment on social media by the accused person named below who has posted offensive comment on social media against me through computer resource/ (Mobile Phone) which is grossly offensive and has menacing character. The said person very well knows that such information is false and has posted the same for the purpose of causing annoyance, inconvenience, danger, obstruction, insult, injury, criminal intimidation, enmity, hatred and ill will. He is persistently doing such acts by making use of computer resource and communication device (Mobile) for sending such message.
The said person has circulated the said offensive and false material on the internet which is visible at————–( give the details of the web portal or platform where the message has been posted). The offensive material is not only false but frivolous, defamatory, abusive and insinuative and has been done with the intention to insult and libel me and cause a scandal by slandering and slurring my character. This amounts to making defamatory comment on social media and several persons have already asked me about the same believing the same to be true. This has been done with the intention to defame and injure my character and reputation and cause injury to my character. The aforesaid person is liable for prosecution for offensive comment on social media and other offenses.
I request you to take legal action against the said person at the earliest.
A snapshot along with the printout of the said offensive message and material is being enclosed herewith for your perusal and action.
The name and address of the accused person is as under:
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Fathers name:
Address;
Contact No. :
Thanking you,
Yours truly,
Name
Father’s name
Address
Contact number
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drive against defalter

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Saturday, November 25, 2017

public conversion irctc

Actually speaking in common if any government servant found guilty,should be thrown out of the job instead of just suspending the person.then only people will be serious about the work.
There are so many people educated and waiting for jobs.
Let it be any government servant at any post,first implement this then things will change.
Every citizen please except this and ask for implementation.
I find government employees work like beggar or robbers for more money due to their post,if india carry on like this surely it's a economic problem

Railways Authorities have to take hard steps to prevent these kinds of incidents from happening again. Corruption is largely spread in the catering system. Proper monitoring and checks being done by the Railway officials are not trustworthy as they are not genuine. Contractors regularly give bribes to monitoring officers and in return they get clean chit for their crap food. I have never been able to understand that why Railways can't provide quality food to passengers of every class. Not all the people of country travel through Rajdhani or Shatabdi, which by the way are also not providing quality food these days.
A lot of work remains to be done in the catering system.

RTI Plea Reveals Railway Catering Scam, Authorities Deny Claims

RTI Plea Reveals Railway Catering Scam, Authorities Deny Claims

The Logical Indian
May 2nd, 2017
Railway Catering Scam
Courtesy: The Hindu | Image Credit: blogspot starsamachar
The Hindu reported a Right To Information (RTI) appeal filed by activist Ajay Bose on July 2016 which revealed massive corruption in the procurement of food by the catering department of the Central Railways (CR).
As the CR authorities failed to provide him with information on the purchase of food items sought in his RTI application, he filed a first appeal.
“I filed the application in July 2016, but didn’t get a reply from CR. It appeared they wanted to cover something up. I filed an appeal and the appellate authority show-caused the railways asking them to provide details sought by me within 15 days. Despite this, there was no reply even after several months,” said Mr Bose told The Hindu. 

The RTI showed several food items procured at inflated prices

Realizing that the Railways was deliberately ignoring his appeals in an attempt to hide facts, Mr Bose sought a second appeal which revealed that certain food items purchased to stock their warehouse were procured at eye-watering prices.
“This time, I received a reply with details, which were shocking: they purchased 100 grams of curd, which costs ₹25, for ₹972. In fact, the railways had bought most items at costs much than their MRP,” said Mr Bose.

Other items that were purchased at maximum retail price include, boneless chicken at Rs 233 per kg, tur dal and moong dal at Rs 157 per kg, refined oil at Rs 1,253 per litre, and soft drink and water bottles at Rs 59 per bottle. In March 2016, Tata Salt packets of Rs 15 were purchased at Rs 49 per packet.
A few items, however, were purchased at the correct MRPs including samosas, onions, and potatoes.
The RTI application was filed by Mr Bose after he learned about the massive losses incurred by the catering department of the Central Railways.

Stock Mismatch

The data from the RTI appeal also revealed a distribution mismatch – while the railways purchased 250 kgs of flour for Rs 7,680, it claimed to have distributed 450 kgs (90 kg to base kitchen and 360 kg to the IRCTC-run Jan Ahar canteen). Similarly, while only 20 kgs of maida were purchased, 35 kgs was shown as distributed, and 255 kgs of Basmati rice was purchased, but 745 kgs were shown as distributed to the base kitchen and the Kurla-Hazrat Nizamuddin Express.
The Jan Ahar Canteens and stalls at LTT and other stations are running at a loss, according to the Railway authorities, however, the RTI reply paints a different picture.
A senior railway official from New Delhi who has worked closely with CR, said, “This cannot be happening on paper as there are some scandals in the past in which CSTM catering was at fault. Every year, the railways show loss in crores of rupees, and the reason is such scams. These need to be looked into seriously.”

Railways denies the allegations

CR Divisional Railway Manager (DRM) Ravindra Goyal, argued, “This must be a typing error, but I will look into the matter.”
CR also tweeted about the claims, denying the allegations.
The Railways clarified that due to typing errors, kgs were shown as grams in the RTI reply.
The total stock available was also misprinted in the RTI reply because only purchase was shown. However, total stock includes opening stock as well, added CR.
It further suspended the three inspectors from the commercial department who were involved in making the RTI reply.

The Logical Indian Take

Indian Railway Catering and Tourism Corporation (IRCTC) is the world’s fourth-largest network which provides meals to about 11 lakhs passengers daily. Following widespread complaints from passengers about the inflated prices of catering services, IRCTC had tweeted its rate card in March.
While this was a welcome move that helped clear a lot of queries, claims in the RTI reply pointed to corruption within the department.
This angered a many people as the burden of loss is ultimately borne by passengers. When the Railways procures a food item at the maximum retail price, the loss is balanced by increasing fares and decreasing passenger amenities.
This year, the Rail budget was merged with the Finance Budget and the government had announced a hoard of amenities that it plans to provide to passengers. However, the provisions laid down will only be possible if transparency in the services is ensured.
The Logical Indian urges the Central Railways to avoid such glitches in the future as they are misleading and a cause for commotion.
[Note: This article was published earlier and has been updated with the Central Railways reply to the corruption allegations.]