Monday, November 20, 2017

गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल में डेंगू पीड़ित बच्ची (7 साल) की मौत के बाद फैमिली से बेहिसाब चार्ज वसूला गया।

नई दिल्ली.गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल में डेंगू पीड़ित बच्ची (7 साल) की मौत के बाद फैमिली से बेहिसाब चार्ज वसूला गया। इस मामले में हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने जांच के ऑर्डर दिए, साथ ही हॉस्पिटल से रिपोर्ट भी मांगी है। कुछ दिन पहले बच्ची के एक जानकार ने ट्विटर पर इसकी शिकायत की थी। अब ट्वीट्स वायरल होने पर सरकार हरकत में आई है। आरोप है कि 15 दिन तक भर्ती रही बच्ची के इलाज के बदले हॉस्पिटल ने करीब 16 लाख का बिल थमाया। इलाज में भी लापरवाही बरती गई। आखिर में 14 सितंबर को बच्ची की मौत हो गई। उधर, हॉस्पिटल ने इलाज में सभी स्टैंटर्ड प्रोटोकॉल फॉलो किए जाने की बात कही है।

नड्डा ने दिया कार्रवाई का भरोसा

- दरअसल, बच्ची के पिता जयंत सिंह के दोस्त ने @DopeFloat नाम के हैंडल से 17 नवंबर को हॉस्पिटल के बिल की कॉपी के साथ ट्विटर पर पूरी घटना शेयर की।
- उन्होंने इसमें लिखा, ''मेरे साथी की 7 साल की बेटी डेंगू के इलाज के लिए 15 दिन तक फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती रही। हॉस्पिटल ने इसके लिए उन्हें 16 लाख का बिल दिया। इसमें 2700 दस्ताने और 660 सिरिंज भी शामिल थीं। आखिर में बच्ची की मौत हो गई।''
- 4 दिन के भीतर ही इस पोस्ट को 9000 से ज्यादा यूजर्स ने रिट्वीट किया। इसके बाद हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने हॉस्पिटल से रिपोर्ट मांगी। नड्डा ने रविवार को ट्वीट किया, ''कृपया अपनी सभी जानकारियां hfwminister@gov.in पर मुझे भेजें। हम सभी जरूरी कार्रवाई करेंगे।''

हॉस्पिटल ने क्या सफाई दी?

- फोर्टिस हॉस्पिटल के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड, अजेय महाराज ने सफाई देते हुए कहा, ''बच्ची के इलाज में सभी स्टैंटर्ड मेडिकल प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस का ध्यान रखा है। डेंगू से पीड़ित बच्ची को गंभीर हालत में हॉस्पिटल लाया गया था। बाद में उसे डेंगू शॉक सिंड्रोम हो गया और प्लेटलेट्स गिरते चले गए। उसे 48 घंटे तक वेंटिलेटर सपोर्टर पर भी रखना पड़ा।''
- ''हमने हॉस्पिटल से जाने से पहले फैमिली को 20 पेज का एस्टीमेटेड बिल दिया था। इसमें लगाए गए सभी तरह के चार्ज बिल्कुल सही थे। फाइनल बिल 15.70 लाख रुपए था।''

सरकार जांच करे ताकि किसी के साथ ऐसा ना हो: पिता

- बच्ची के पिता जयंत सिंह आईटी प्रोफेशनल हैं और दिल्ली के द्वारका में रहते हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, '' बेटी आध्या (7 साल) को डेंगू हुआ था। 30 अगस्त को हमने उसे गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया।''
- ''यहां 15 दिन इलाज के बदले हमें 16 लाख का बिल चुकाने को कहा। डॉक्टरी सलाह पर हम 14 सितंबर को बेटी को हॉस्पिटल से घर ले जाने वाले थे, लेकिन उसी दिन आध्या की मौत हो गई।''
- ''मैं चाहता हूं कि जो चार्ज नियमों के हिसाब से सही हैं, वही लिए जाएं। इस मामले में सरकार से जांच और कार्रवाई की अपील करता हूं, ताकि कोई और मेरी तरह परेशान ना हो। मैंने बेटी के इलाज में पूरी सेविंग लगा दी। रिश्तेदारों से उधार पैसे लिए और 5 लाख का प्रोफेशनल लोन भी लिया।''

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