Friday, May 19, 2017

चलती ट्रेन में आरक्षित बोगी से मोबाइल चोरी, फोरम ने रेलवे पर लगाया 50 हजार हर्जाना

चलती ट्रेन में आरक्षित बोगी से मोबाइल चोरी, फोरम ने रेलवे पर लगाया 50 हजार हर्जाना
ग्राहक पंचायत
दुर्ग. चलती ट्रेन की आरक्षित एसी बोगी से मोबाइल चोरी के मामले में उपभोक्ता फोरम ने रेलवे के खिलाफ आदेश पारित किया है। आदेश के मुताबिक अब रेलवे को बुजुर्ग को मोबाइल की कीमत के साथ 50 हजार रुपए हर्जाना भी देना होगा। आरक्षित बोगी से चोरी को सेवा में कमी का परिणाम मानते हुए फोरम ने यह आदेश पारित किया है।
बिजली विभाग के सेवानिवृत्त ईई ने लगाया परिवाद
चोरी की घटना व इससे हुई परेशानी से आहत विद्युत नगर निवासी बिजली विभाग के सेवानिवृत्त ईई राधेश्याम अग्रवाल ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद लगाया था। जिसमें बताया गया था कि वे 12 नवंबर 2015 को दुर्ग व इलाहाबाद के बीच नवतनवा एक्सपे्रस के सेकंड एसी में सफर कर रहे थे। इस दौरान किसी ने उनका 8600 कीमत की मोबाइल पार कर दिया।
कटनी जीआरपी में रिपोर्ट
इसकी सूचना उन्होंने सतना रेलवे स्टेशन में लिखित रूप से टीटीई और कोच अटेंडेंट को दिया, लेकिन दोनों ने ध्यान नहीं दिया। इस पर उन्होंने कटनी जीआरपी में रिपोर्ट भी दर्ज कराई।
ईई ने यह किया था दावा
ईई ने बताया था कि वह मोबाइल तकिए के पास रखकर सोया था। चूंकि वे आरक्षित बोगी में थे इसलिए कोच में कोई भी गैर जरूरी आदमी नहीं आए यह सुनिश्चित करना रेलवे की जिम्मेदारी थी। ईई ने इसे सेवा में कमी करार देते हुए रेलवे जीएम, डीआरएम और स्टेशन मास्टर को पक्षकार बनाया था।
रेलवे का बचाव में यह जवाब
मामले में रेलवे का कहना था कि आरक्षित बोगी में टीटीई व अटेंडेंट के अलावा कोई नहीं जा सकता। चूंकि परिवादी ने तकिया के नीचे मोबाइल रखा था यह उनकी लापरवाही है। वहीं रेलवे में किसी भी कीमती सामान के साथ बिना बुकिंग यात्रा प्रतिबंधित है। इसलिए वे मोबाइल के गायब होने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
फोरम ने यह दिया फैसला
फोरम ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मामले को सेवा में कमी का माना और इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराते हुए मोबाइल की कीमत 8600 रुपए लौटाने के अलावा मानसिक क्षति के लिए 50 हजार हर्जाना देने का आदेश पारित किया।

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