शिकायतो का निराकरण करने के बजाये दबाव बनाकर फर्जी प्रकार से शिकायते बंद कराना यह है निगम रतलाम की कार्यशैली ।
दिनांक 8 जनवरी 2018 को CM हेल्पलाइन पर एक शिकायत दर्ज कराई , जिसमें दीनदयाल नगर में पानी की टंकी के चारों ओर बनाए गए चैंबरों के निर्माण की अनियमितता को बताया इन चैंबरों को सड़क से 1 फीट ऊपर बनाया गया है । तथा जिन्हें खुला छोड़ दिया गया ।
आए दिन इन चैंबरों में दिन में या रात में वाहन चालक टकरा कर गिर रहे हैं कई बार कार इन चैंबरों में गिर चुकी है , किसी की भी जान जा सकती है ।
मेरी शिकायत के संदर्भ में नगर निगम से 11 जनवरी को भूपेंद्र सिंह नामक अधिकारी का फोन आया और मुझे कहा गया कि दो-तीन दिन में इन चैंबरों को ठीक कर दिया जाएगा ।
लेकिन 19 जनवरी तक इन नंबरों पर कोई कार्य नहीं किया गया मैंने 19 जनवरी को मोबाइल सिंह को नगर निगम में संपर्क कर इन चैंबरों को ठीक करने का आग्रह किया लेकिन उनके द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया। तत्पश्चात मैंने पुनः CM हेल्पलाइन पर 10 फरवरी को शिकायत के संदर्भ में सूचित किया तत्पश्चात नगर निगम से आचार्य जी जो कि अपने आप को इंजीनियर बता रहे थे का फोन आने लगा और मुझसे दबाव डालते हुए कहा गया कि मैं शिकायत वापस ले लूं लेकिन चेंबर को ढकने का कोई कार्य नही किया गया। आज दिनांक 20 फरवरी को इंजीनियर आचार्य द्वारा CM हेल्पलाइन की शिकायत पर प्रतिवेदन डाला कि संबंधित शिकायत को निराकरण कर दिया गया है लेकिन वास्तविकता है कि आज तक वह चेंबर खुले पड़े हैं और रोज दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं ।
शिकायत बंद करने के लिए कॉल लगा लगा कर निगम के अधिकारियो ने परेशान कर दिया , लेकिन हमने भी ठान लिया है की निराकरण कराकर ही मानेंगे ।
ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम अधिकारी दीनदयाल नगर के खुले चैंबरों में किसी व्यक्ति की मौत का इंतजार कर रहे हैं । मैं बताना चाहूंगा कुछ दिनों पूर्व दो बत्ती चौराहे पर जिला न्यायालय में पदस्थ जोशी जी अपनी जान से हाथ गंवा चुके हैं जिसमें नगर निगम द्वारा लगाए गए सिग्नलों की टाइमिंग के कारण दुर्घटना होना समझा गया था ऐसे ही आज दीनदयाल नगर में यह खुले बड़े चेंबर किसी की मौत का कारण बन सकते हैं ।
यह भी हो सकता है खुले चैंबरों को पूर्व में ही कागजों में ढक दिया गया हो और उनका पूरा पैसा नगर निगम अधिकारी खा गए हो । मेरा निवेदन है रतलाम की जनता से कि अपने क्षेत्रों में खुले चेम्बरो की और ध्यान देवे , ताकि कोई दुर्घटना घटित ना हो और दबाव बंनाने पर फर्जी प्रकार से शिकायत बंद ना करावे ।
सोमेश वर्मा
रतलाम
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