हिमाद्री सरकार, कोलकाता
दिल्ली एयरपोर्ट से न्यू यॉर्क जा रहे कपल की फ्लाइट छूटने की जिम्मेदार एयरलाइन से दोनों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया है। कपल को कोलकाता से दिल्ली और फिर दिल्ली से न्यू यॉर्क जाना था। कोलकाता एयरपोर्ट पर उनकी दिल्ली जाने वाली फ्लाइट ही खराब मौसम के चलते डिले हो गई थी, जिसके बाद जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनकी फ्लाइट न्यू यॉर्क के लिए जा चुकी थी। दोनों को अगली फ्लाइट के लिए न सिर्फ लंबा इंतजार करना पड़ा बल्कि दोबारा टिकट के पैसे भी चुकाने पड़े थे। इसके बाद दोनों कंज्यूमर कोर्ट गए थे।
न्यू यॉर्क जाने में हुई परेशानी के अलावा हुए समय और वक्त के नुकसान के चलते कपल ने कंज्यूमर प्रटेक्शन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने सवाल उठाए थे कि फ्लाइट देर से उड़ने का खामियाजा यात्री को क्यों भुगतना पड़े? यह स्पष्ट था कि पीड़ित पक्ष की गलती नहीं थी। पीड़ित पक्ष ने जवाब मांगा कि कोलकाता में फ्लाइट डिले होने के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं, ऐसे में उन्हें टिकट के पैसे दोबारा क्यों चुकाने पड़े और न्यू यॉर्क की फ्लाइट छूटने पर नुकसान क्यों उठाना पड़ा?
क्या है मामला?
10 जनवरी 2014 को बनिबृता पोद्दार को दिल्ली-लंदन जाते हुए न्यू यॉर्क जाना था। दिल्ली से लंदन के लिए उनकी फ्लाइट 1 बजकर 55 मिनट पर, तो वहीं कोलकाता से दिल्ली की फ्लाइट 9 बजकर 50 मिनट पर शेड्यूल थी। कोलकाता से उनकी फ्लाइट खराब मौसम के चलते डिले कर दी गई थी। उन्होंने फौरन एयरलाइन ऑफिस से बात की और किसी और फ्लाइट में उनके जाने की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने एयरलाइन कंपनी से बताया कि अगर उन्हें देर हुई तो उनकी लंदन की फ्लाइट छूट सकती है, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। डिले की गई फ्लाइट से जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनकी लंदन की फ्लाइट छूट चुकी थी।
एयरलाइन ने जवाब में कहा था कि मौसम खराब होगा इसकी कोई पहले से जानकारी नहीं होती और मौसम खराब होना एयरलाइंस की गलती भी नहीं है। एयरलाइन ने कहा था कि ऐसे में उसे जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए। राज्य उपभोक्ता न्यायालय ने एयरलाइन की ओर से दी गई दलीलों को खारिज करते हुए उसे दोषी मानते हुए कार्रवाई की है। श्यामल गुप्ता और उत्पल कुमार भट्टाचार्य ने एयरलाइन को पीड़ित कपल को दो लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट से न्यू यॉर्क जा रहे कपल की फ्लाइट छूटने की जिम्मेदार एयरलाइन से दोनों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया है। कपल को कोलकाता से दिल्ली और फिर दिल्ली से न्यू यॉर्क जाना था। कोलकाता एयरपोर्ट पर उनकी दिल्ली जाने वाली फ्लाइट ही खराब मौसम के चलते डिले हो गई थी, जिसके बाद जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनकी फ्लाइट न्यू यॉर्क के लिए जा चुकी थी। दोनों को अगली फ्लाइट के लिए न सिर्फ लंबा इंतजार करना पड़ा बल्कि दोबारा टिकट के पैसे भी चुकाने पड़े थे। इसके बाद दोनों कंज्यूमर कोर्ट गए थे।
न्यू यॉर्क जाने में हुई परेशानी के अलावा हुए समय और वक्त के नुकसान के चलते कपल ने कंज्यूमर प्रटेक्शन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने सवाल उठाए थे कि फ्लाइट देर से उड़ने का खामियाजा यात्री को क्यों भुगतना पड़े? यह स्पष्ट था कि पीड़ित पक्ष की गलती नहीं थी। पीड़ित पक्ष ने जवाब मांगा कि कोलकाता में फ्लाइट डिले होने के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं, ऐसे में उन्हें टिकट के पैसे दोबारा क्यों चुकाने पड़े और न्यू यॉर्क की फ्लाइट छूटने पर नुकसान क्यों उठाना पड़ा?
क्या है मामला?
10 जनवरी 2014 को बनिबृता पोद्दार को दिल्ली-लंदन जाते हुए न्यू यॉर्क जाना था। दिल्ली से लंदन के लिए उनकी फ्लाइट 1 बजकर 55 मिनट पर, तो वहीं कोलकाता से दिल्ली की फ्लाइट 9 बजकर 50 मिनट पर शेड्यूल थी। कोलकाता से उनकी फ्लाइट खराब मौसम के चलते डिले कर दी गई थी। उन्होंने फौरन एयरलाइन ऑफिस से बात की और किसी और फ्लाइट में उनके जाने की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने एयरलाइन कंपनी से बताया कि अगर उन्हें देर हुई तो उनकी लंदन की फ्लाइट छूट सकती है, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। डिले की गई फ्लाइट से जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनकी लंदन की फ्लाइट छूट चुकी थी।
एयरलाइन ने जवाब में कहा था कि मौसम खराब होगा इसकी कोई पहले से जानकारी नहीं होती और मौसम खराब होना एयरलाइंस की गलती भी नहीं है। एयरलाइन ने कहा था कि ऐसे में उसे जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए। राज्य उपभोक्ता न्यायालय ने एयरलाइन की ओर से दी गई दलीलों को खारिज करते हुए उसे दोषी मानते हुए कार्रवाई की है। श्यामल गुप्ता और उत्पल कुमार भट्टाचार्य ने एयरलाइन को पीड़ित कपल को दो लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा है।
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