Thursday, December 7, 2017

फोर्टिस में मरी बच्ची के पिता ने अस्पताल को घुटनों पर ला दिया

बचपन में वो चींटी और हाथी वाली कहानी तो सुने ही होंगे. कैसे एक घमंडी हाथी को एक नन्ही चींटी घुटनों पर ला देती है. जंगल के सारे जानवरों की नाक में दम करने वाले इस हाथी की सूंड में घुसकर वो उसे रुला देती है. कहानी का मजमून ये कि कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. बड़ी चीज है हिम्मत.
हिम्मत दिखाकर आप बड़े-बड़ों को घुटनों पर ला सकते हो. आगे की कहानी भी ऐसी है. अन्याय के खिलाफ लड़ने की ताकत देने वाली.
बात 7 साल की बच्ची आद्या को न्याय दिलाने की है. फोर्टिस हॉस्पिटल में डेंगू से पीड़ित इस बच्ची की मौत हो गई थी जिसके बाद 16 लाख का बिल बनाया गया था. बेटी की मौत में हुई लापरवाही के खिलाफ उसके पिता ने लड़ाई लड़नी चालू की. सामने हाथी जैसा फोर्टिस अस्पताल था, पर आद्या के पिता जयंत सिंह ने हार नहीं मानी. हिम्मत दिखाई, लड़े. अड़ गए. नतीजा सबके सामने है. बेटी के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई का एक कदम और बढ़ चुका है. हरियाणा सरकार की जांच में सामने आया है कि अस्पताल ने कई गलतियां की थीं. सरकार अब फोर्टिस हॉस्पिटल के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करने जा रही है.
ये मौत नहीं, हत्या है’
जयंत की हिम्मत और उनकी मुहिम का ही नतीजा है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इस मामले में एक्टिव हुई. जांच बैठाई गई. पाया गया कि फोर्टिस हॉस्पिटल ने आद्या के मामले में लापरवाही की और जरूरत से ज्यादा बिल लिया. अपने बेकार बयानों से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस बार ढंग की बात की है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि – ये मौत नहीं, हत्या है. जांच में पता चला कि बच्ची को दी गई दवाइयों से 108% तक का मुनाफा कमाया गया. अन्य चीजों पर भी 1737% तक मुनाफा कमाया गया. विज ने ये भी बताया कि जब बच्ची के पिता ने दूसरे अस्पताल जाने की बात कही तो फोर्टिस अस्पताल ने बेसिक प्रोटोकॉल भी नहीं पूरे किए. फोर्टिस ने बच्ची को एडमिट करने के बाद सरकार को भी इस डेंगू केस की जानकारी नहीं दी.

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