प्रधानमंत्री फसल बीमा को सरल भाषा में समझे, फसल का बीमा कैसे होगा एवं बीमा राशी कैसे मिलेगी
किसान भाई आप अक्सर यह पूछा करते है की कृषि बीमा कैसे करायें, कंहा करायें| इसके बाद यह भी जानना चाहते है की कोन करता है और कितना प्रीमियम है | सबसे बड़ी बात यह आती है की बीमा कराने पर कितनी राशि मिलेगी तथा कहाँ मिलेगी | किससे सम्पर्क करना पड़ेगा | इन सभी सवालों का जवाब किसान समाधान ने आसान भाषा में लेकर आया | यह सारी जानकारी 2018 के लिए है इसे पढ़कर आप 2018 में अपनी कृषि बीमा करा सकते है |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, पूरी तरह से किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनायी गयी है | इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसनों द्वारा भुगतान की जानेवाली बीमा की किस्तों को बहुत कम रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके | यह योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा | इस योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा |
योजना के लाभ हेतु अनिवार्यतायें
- योजना का लाभ अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों के लिये ही मिलेगा |
- कृषक द्वारा परिस्थितियों की सूचना प्रशासन को दी जाएँ एवं पुष्टि की अधिसूचित जिला प्रशासन द्वारा जारी की जाये |
- अधिसूचना शासन से जारी होने के पूर्व संबंधित कृषक का प्रीमियम बीमा कंपनी में जमा हो |
- योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है अऋणी किसानों को भू – अधिकार पुस्तिका, बुवाई प्रमाण पत्र, प्रस्ताव फार्म, बैंक अकाउंट की जानकारी एवं पहचान पत्र के साथ आवेदन करना होगा |
अंतिम तिथियां :
खरीफ मौसम के लिये अंतिम तिथि 1 अप्रैल से 16 अगस्त तथा रबी मौसम के लिये 15 सितम्बर से 15 जनवरी है |
योजना की विशेषतायें
बीमा राशि जिले के स्वीकृत ऋणमान के बराबर और प्रीमियम बहुत अल्प प्रतिशत |
भोपाल जिले में स्वीकृत ऋणमान के अनुसार बीमा के प्रीमियम की दरें रूपये प्रति हेक्टेयर |
वर्ष 2017 – 18 के लिये ऋणमान
क्र. | खरीफ | ऋणमान | प्रीमियम 2% | अधिसूचना का स्तर |
1. | सोयाबीन | 33000 | 660 | पटवारी |
2. | मूंग / उड़द | 23000 | 460 | जिला स्तर पर |
क्र. | रबी | ऋणमान | प्रीमियम 1.5% | अधिसूचना का स्तर |
1. | गेंहू सिंचाई | 40000 | 600 | पटवारी हल्का |
2. | चना | 30000 | 450 | पटवारी हल्का |
3. | मसूर | 26000 | 390 | जिला स्तर पर |
योजना का लाभ 4 स्थितियों में :-
- बोनी से 15 दिनों तक 75 प्रतिशत पटवारी हल्के में अंकुरण न होने अथवा बोनी की स्थिति न बनने पर कुल बीमित राशि का 25 प्रतिशत उसके बाद पॉलिसी समाप्त |
- अंकुरण से कटाई तक पटवारी हल्के में उत्पादन 50 प्रतिशत से कम होने की आशंका होने पर पहले 25 प्रतिशत शेष अंतिम परिणामों के बाद |
- कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में कटी हुई फसल के चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा के कारण खराब होने पर, 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में हानि होने पर पुरे अधिसूचित क्षेत्र में और 25 प्रतिशत से कम होने पर कृषक स्तर पर |
- ओलावृष्टि , भूस्खलन एवं जल प्लावन के कारण होने वाले क्षति के लिये कृषक स्तर पर भी कटाई प्रयोग के आधार पा बीमा का लाभ |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनातर्गत बीमा दवा प्रक्रिया की संक्षिप्त जानकारी
जोखिम | जोखिम आवरण | फसल अवस्था | हानि पात्रता मानदंड | एप्रोच | हानि मुल्यांकन की प्रक्रिया |
बाघित / निष्फल / रोपण | कम वर्षा या वित्तीय मौसम परिस्थितियां | बुवाई / रोपण न हो पाना / अंकुरण जोखिम | मुख्य फसलों हेतु अधिसूचित बीमा इकाई के 75 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में बुवाई / रोपण न होने पर | एरिया एप्रोच (अधिसूचित बीमित इकाई स्तर पर | जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति द्वारा अधिसुचिना जारी की जनि चाहिए | |
मध्यावधि मौसम प्रतिकूलता | बाढ़, दीर्घकालीन शुल्क मौसम और कठोर सूखे आदि | खाड़ी फसल / कटने से 15 दिन पूर्व की अवस्था | अनुमानित उपज, थ्रेशहोल्ड ऊपज से 50 प्रतिशत कम आने पर | एरिया एप्रोच (अधिसूचित बीमित इकाई स्तर पर) | जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति द्वारा अधिसुचिना जारी की जाकर संयुक्त निरिक्षण हेतु बीमा कंपनी को समय जानकारी उपलब्ध कराई जनि है | |
स्थानीय आपदा | ओलावृष्टि , भूस्खलन एवं जल भराव | खड़ी फसल | जोखिम होने के 72 घण्टों के भीतर कृषक/जिला प्रशासन/ कृषि विभाग /राजस्व विभाग / वित्तीय शाखाओं द्वारा बीमा कंपनी के हेल्पलाइन न. या ईमेल पर | व्यक्तिगत खेत के आधार पर | जोखिम की सुचना देने की तिथि से 12 दिवस के भीतर व्यक्तिगत खेत का निरिक्षण कृषि अधिकारी बीमा कंपनी कृषक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा | |
फसल कटाई पश्चात होने वाली हानि | फसल काटने के 14 दिन बाद तक सूखने हेतु फैलायी गयी फसल पर चक्रवात या बेमौसम वर्षा के कारण हानि | फसल कटाई पशचात | जोखिम होने के 72 घण्टों के भीतर कृषक/जिला प्रशासन/ कृषि विभाग /राजस्व विभाग / वित्तीय शाखाओं द्वारा बीमा कंपनी के हेल्पलाइन न. या ईमेल पर सुचना देने पर | व्यक्तिगत खेत के आधार पर | जोखिम की सुचना देने की तिथि से 12 दिवस के भीतर व्यक्तिगत खेत का निरिक्षण कृषि अधिकारी बीमा कंपनी कृषक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा | |
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