क्या है उत्तर प्रदेश की गोपालक योजना
यूपी राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सपा सरकार द्वारा कामेधेनु योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन कुछ कमियों की वज़ह से यह योजना सामान्य किसान या पशुपालक तक न पहुंच कर, पूंजीपतियों तक सीमित रह गई। इसलिए इसे एक बार फिर राज्य में शुरु किया गया है लेकिन अब इस योजना के नाम के साथ स्वरुप में भी बदलाव किया गया है। बता दें इस योजना का नाम गोपालक योजना रखा गया है जिसके तहत पशुपालक पांच या दस पशुओं की डेयरी खोल सकते है। हलांकि अभी तक ये योजना जमीनी स्तर पर शुरू नहीं की गई है।
स्कीम की पूरी प्रक्रिया
इस योजना में 10-20 गाय रखने वाले पशुपालको को लाभ दिया जाएगा। योजना में सभी पशुपालको को लाभ दिया जाएगा व इसके तहत पशुपालक 5-10 पशुओं की डेयरी खोल सकते हैं। इस योजना को दो भागों में बांटा गया है। पहला भाग में पांच और दूसरे भाग में पांच पशु खरीदने के लिए धनराशि दी जाएगी।
ऐसा होगा लाभार्थी का यचन
योजना में ऐसे लाभार्थी का चयन होगा, जो पशुपालन में रुचि व अनुभव रखता हो। उसे अपने क्षेत्र के चिकित्साधिकारी को आवेदन तीन फोटोकॉपी देनी होगी। बैंक से लोन के लिए सहमति पत्र देने वालों को वरीयता दी जाएगी। डिप्टी सीवीओ व चिकित्साधिकारी अपनी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को देंगे। इसकी सूची निदेशालय को देनी होगी।
शासन से लक्ष्य मिलने पर चयन समिति द्वारा 10 फीसदी अतिरिक्त लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। डेयरी लगाने में असमर्थ लाभार्थियों के नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल किए जाएंगे। चयन सूची की प्रति निदेशालय को देनी होगी। चयन समिति में सीडीओ अध्यक्ष, सीवीओ सचिव व नोडल अधिकारी सदस्य शामिल हैं।
पशु क्रय
- योजना के तहत, पशु प्रदेश के पशु मेलों से ही खरीदे जाएंगे।
- इनकी खरीद के बाद या खरीदने के दौरान एक बार पुष्टि की जाएगी कि प्रत्येक पशु 10 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन कर सके।
- ये पशु दो माह से अधिक के व्यात के नहीं होने चाहिए।
- पशु रोगमुक्त व स्वस्थ होने चाहिए और उसका बीमा पशुधऩ बीमा के तहत होना चाहिए।
- योजना महत्वपूर्ण जानकारी जिनसे मिलेगा सबको फायदा
- इस योजना में 10 पशुओं के हिसाब से 1.08 लाख की लागत से पशुशाल स्वयं बनानी होगी।
- पशुपालन विभाग आवेदन होने पर बैंक से पहले साल पांच पशुओं के लिए 3.60 लाख रुपए दिए जाएंगे।
- पशुपालक पांच पशु ही पालने चाहते है तो उन्हें दूसरी किस्त नहीं दी जाएगी, यदि वह और पशु पालने चाहते है तो 3.60 लाख रुपए की दूसरी किस्त बैंक से उपलब्ध कराई जाएगी।
- गोपालक योजना की कुल नौ लाख की लागत में 1.80 लाख रुपए पशुपालक को लगाने हैं।
- शेष 7.20 लाख रुपए की धनराशि पर बैंक 40 हजार रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से अनुदान भुगतान देगा।
- पशुपालक केवल पांच पशु ही पालके हैं तो अनुदान की राशि 20 हजार रुपए रुपए प्रति वर्ष अनुदान दिया जाएगा यानि पांच पशु पालने पर एक लाख और 10 पशु पालने पर दो लाख रुपए अनुदान मिलेगा।
- ये राज्य की पहली योजना है जिसके तहत पशुओ को फ्री में दवाई उपलब्ध की जाती है।
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