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FIR लिखने का 9K फार्मूला
हम सभी को कभी न कभी FIR लिखाना ही पड़ जाता है, चाहे खुद के लिये या किसी जानने वाले के लिये। अक्सर लोगो की शिकायत होती है कि उनकी FIR थाने में नहीं लिखी गई, या फिर मजिस्ट्रेट के यहाँ FIR के लिये किया गया आवेदन निरस्त हो गया। इसके तो कई कारण होते है किंतु एक कारण ये भी होता है की आपके लिखने तरीका गलत हो। FIR को कम से कम शब्दों में स्पष्ट और पूरे मामले को लिखना चाहिये क्योंकि न्यायालय में आपका केस इसी आधार पर चलता है। आसान भाषा में FIR को लिखने का तरीका बता रहा हूँ क्योंकि कई बार पढ़े लिखे लोग भी FIR लिखने में गलती कर देते हैं.
सबसे पहले आप एक सादा पेपर ले और उसपर 1 से 9 तक नंबर लिख ले, फिर उन सब के सामने K लिख ले, बस हो गया आपका FIR का मसौदा तैयार... 9K का क्या मतलब होता है आप नीचे पढ़ेंगे तो स्वतः स्पष्ट हो जायेगा।
(1) कब (तारीख और समय) - FIR में आप घटना के समय और तारीख की जानकारी लिखे ।
(2) कहाँ (जगह)- घटना कहाँ पर हुई इसकी जानकारी दे।
(3) किसने - अपराध किस ब्यक्ति ने किया (ज्ञात या अज्ञात) एक या अनेक व्यक्ति उसका नाम पता (यदि जानते हों तो) आदि लिखे.
(4) किसको - किस के साथ अपराध किया गया एक पीड़ित है या अनेक... उन सब का नाम व पता।
(5) किसलिये - यह एक मुख्य विषय होता है इसी से यह पता चलता है की कोई कार्य अपराध है या पुरस्कार देने के लायक कार्य है, इसको निम्न प्रकार समझ सकते हैं-
(अ) क एक ब्यक्ति ख पर गोली चला देता है और ख की मृत्यु हो जाती है, क यहाँ पर दोषी होगा।
(ब) क एक ब्यक्ति ख पर अपनी पिस्तौल तान देता है और ख अपने बचाव में क पर गोली चला देता है जिससे क की मृत्यु हो जाती है। ख हत्या का दोषी नहीं है क्योंकि अपनी आत्मरक्षा करते हुए अगर आप किसी की जान भी ले लेते है तो आप दोषी नहीं होंगे ।
(स) क अपनी कार से ख तो टक्कर मार देता है और ख की मृत्यु हो जाती है, क हत्या का दोषी नहीं है बल्कि उस पर दुर्घटना का केस चलेगा और उसके हिसाब से दण्ड मिलेगा।
(द) क एक पुलिस कर्मी है और वह आतंकवादी संगठन के मुठभेड़ में एक या कई आतंकवादीयो को मार देता है। क हत्या का दोषी नहीं होगा बल्कि उसे पुरस्कार दिया जायेगा।
इससे यह स्पष्ट होता है कि कोई भी कार्य तब तक अपराध नहीं है जब तक की दुर्भावना से न किया गया हो।
(6) किसके सामने ( गवाह)- अगर घटना के समय कोई मौजूद हो तो उनकी जानकारी अवश्य देनी चाहिये।
(7) किससे ( हथियार) - अपराध करने के लिए किन हथियार का प्रयोग किया गया ( पिस्तौल , डंडे, रॉड, चैन , हॉकी, ईट। अगर कोई धोखाधड़ी का मामला है तो आप (स्टाम्प पेपर, लेटरहेड, इंटरनेट, मोबाइल, आदि) की जानकारी जरूर प्रदान करे।
(8) किस प्रकार – अपराध करने के लिए कैसा प्रकार अपनाया गया, उसको लिखे।
(9) क्या किया (अपराध) – इन सभी को मिलकर क्या किया गया जो कि अपराध होता है उसको लिखे।
इस प्रकार आप सब आसानी से FIR को लिख सकते है.
अन्य जानकारी
-- FIR आप जहाँ घटना हुई है उसके अलावा भी भारत के किसी भी थाने में जाकर आप FIR लिखा सकते है।
-- FIR न लिखे जाने के कई कारण होते है, मुख्यतः क्राइम रेट अधिक न हो इस कारण नहीं लिखी जाती है (जो कि गैर कानूनी कारण है)। दूसरा कारण अपराध की सत्यता पर शक होता है, जिस कारण पुलिस FIR लिखने से पहले जाँच करना चाहते है। लेकिन
-- FIR लिखवाना आपका अधिकार है (CRPC 154), अगर थाने में आप की FIR नहीं लिखी जाती है तो आप उनके ऊपर के किसी भी अधिकारी (CO, SP, SSP) से FIR लिखने के लिये बोल सकते है, और वे 1 या 2 दिन में जाँच के लिये लेकर संबंधित थाने को FIR लिखने का निर्देश दे सकते हैं.
आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा... अन्य मित्रों को desicnn.com पर स्थित दूसरे लेखों को पढने के लिए
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FIR लिखने का 9K फार्मूला
हम सभी को कभी न कभी FIR लिखाना ही पड़ जाता है, चाहे खुद के लिये या किसी जानने वाले के लिये। अक्सर लोगो की शिकायत होती है कि उनकी FIR थाने में नहीं लिखी गई, या फिर मजिस्ट्रेट के यहाँ FIR के लिये किया गया आवेदन निरस्त हो गया। इसके तो कई कारण होते है किंतु एक कारण ये भी होता है की आपके लिखने तरीका गलत हो। FIR को कम से कम शब्दों में स्पष्ट और पूरे मामले को लिखना चाहिये क्योंकि न्यायालय में आपका केस इसी आधार पर चलता है। आसान भाषा में FIR को लिखने का तरीका बता रहा हूँ क्योंकि कई बार पढ़े लिखे लोग भी FIR लिखने में गलती कर देते हैं.
सबसे पहले आप एक सादा पेपर ले और उसपर 1 से 9 तक नंबर लिख ले, फिर उन सब के सामने K लिख ले, बस हो गया आपका FIR का मसौदा तैयार... 9K का क्या मतलब होता है आप नीचे पढ़ेंगे तो स्वतः स्पष्ट हो जायेगा।
(1) कब (तारीख और समय) - FIR में आप घटना के समय और तारीख की जानकारी लिखे ।
(2) कहाँ (जगह)- घटना कहाँ पर हुई इसकी जानकारी दे।
(3) किसने - अपराध किस ब्यक्ति ने किया (ज्ञात या अज्ञात) एक या अनेक व्यक्ति उसका नाम पता (यदि जानते हों तो) आदि लिखे.
(4) किसको - किस के साथ अपराध किया गया एक पीड़ित है या अनेक... उन सब का नाम व पता।
(5) किसलिये - यह एक मुख्य विषय होता है इसी से यह पता चलता है की कोई कार्य अपराध है या पुरस्कार देने के लायक कार्य है, इसको निम्न प्रकार समझ सकते हैं-
(अ) क एक ब्यक्ति ख पर गोली चला देता है और ख की मृत्यु हो जाती है, क यहाँ पर दोषी होगा।
(ब) क एक ब्यक्ति ख पर अपनी पिस्तौल तान देता है और ख अपने बचाव में क पर गोली चला देता है जिससे क की मृत्यु हो जाती है। ख हत्या का दोषी नहीं है क्योंकि अपनी आत्मरक्षा करते हुए अगर आप किसी की जान भी ले लेते है तो आप दोषी नहीं होंगे ।
(स) क अपनी कार से ख तो टक्कर मार देता है और ख की मृत्यु हो जाती है, क हत्या का दोषी नहीं है बल्कि उस पर दुर्घटना का केस चलेगा और उसके हिसाब से दण्ड मिलेगा।
(द) क एक पुलिस कर्मी है और वह आतंकवादी संगठन के मुठभेड़ में एक या कई आतंकवादीयो को मार देता है। क हत्या का दोषी नहीं होगा बल्कि उसे पुरस्कार दिया जायेगा।
इससे यह स्पष्ट होता है कि कोई भी कार्य तब तक अपराध नहीं है जब तक की दुर्भावना से न किया गया हो।
(6) किसके सामने ( गवाह)- अगर घटना के समय कोई मौजूद हो तो उनकी जानकारी अवश्य देनी चाहिये।
(7) किससे ( हथियार) - अपराध करने के लिए किन हथियार का प्रयोग किया गया ( पिस्तौल , डंडे, रॉड, चैन , हॉकी, ईट। अगर कोई धोखाधड़ी का मामला है तो आप (स्टाम्प पेपर, लेटरहेड, इंटरनेट, मोबाइल, आदि) की जानकारी जरूर प्रदान करे।
(8) किस प्रकार – अपराध करने के लिए कैसा प्रकार अपनाया गया, उसको लिखे।
(9) क्या किया (अपराध) – इन सभी को मिलकर क्या किया गया जो कि अपराध होता है उसको लिखे।
इस प्रकार आप सब आसानी से FIR को लिख सकते है.
अन्य जानकारी
-- FIR आप जहाँ घटना हुई है उसके अलावा भी भारत के किसी भी थाने में जाकर आप FIR लिखा सकते है।
-- FIR न लिखे जाने के कई कारण होते है, मुख्यतः क्राइम रेट अधिक न हो इस कारण नहीं लिखी जाती है (जो कि गैर कानूनी कारण है)। दूसरा कारण अपराध की सत्यता पर शक होता है, जिस कारण पुलिस FIR लिखने से पहले जाँच करना चाहते है। लेकिन
-- FIR लिखवाना आपका अधिकार है (CRPC 154), अगर थाने में आप की FIR नहीं लिखी जाती है तो आप उनके ऊपर के किसी भी अधिकारी (CO, SP, SSP) से FIR लिखने के लिये बोल सकते है, और वे 1 या 2 दिन में जाँच के लिये लेकर संबंधित थाने को FIR लिखने का निर्देश दे सकते हैं.
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