Tuesday, June 20, 2017

राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ,

प्रेषक :-अशोक कुमार गोयल, गणेशपुर रहमानपुर, चिनहट , लखनऊ-226028
पत्रांक 35 (16)/ मानवाधिकार, दिनांक 17-03-2017
 सेवा में,
श्री जावेद उस्मानी
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ,
उत्तर प्रदेश सूचना आयोग,
गोमती नगर , लखनऊ-226010
विषय :-राज्य सूचना आयुक्त श्री अरविन्द सिंह बिस्ट के समक्ष बिना जाँच के, सिविल मुक़दमे की तरह सुनी जा रही अपील S-3-3274/A/2016 सुनवाई दिनांक 29-03-2017 को, योग्यतम अभ्यर्थियो को चयनित कर सूचना आयुक्त के पद पर आसीन किये जाने तक स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में –
महोदय,
उक्त सम्बन्ध में कृपया निम्न प्रकार अवगत हों-
1)-उक्त उत्तर प्रदेश सूचना आयुक्त द्वारा RTI ACT 2005 की धारा 18, 19 एवं 20 मे प्राप्त शक्ति का प्रयोग सरकार के हिताय उक्त अपील पर जाँच के विधिक दायित्व का निर्वहन नही किया गया है और इस निमित्त तामील नोटिसों में अपीलकर्ता को स्वविवेक से सुनवाई मे उपस्थित होने की नोटिस तामीली नही जा रही है I
2)-उक्त अपील पर अपीलानुसार सूचना आयुक्त महोदय द्वारा स्वयं जाँच कर धारा 20 की बाध्यकारी नोटिस तामीली अभी तक नही करायी गयी है और न ही अपीलकर्ता को आयोग द्वारा वांछित दिलाते हुए आयोग का कारण लिखित निर्णय RTI ACT की धारा 4(1)(घ) व 19(9) के आदेशात्मक प्रावधानानुसार नही दिया जाना है I जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) मे नागरिकों को दी गयी आज़ादी का अतिक्रमण हैl
3)-उक्त कारण से ACT की धारा 5(1) , 7(1) व 7(3) आदि के आदेशात्मक प्रावधानो का खुला उल्लंघन करके पुलिस विभाग के डॉ० अनिल मिस्र, जन सूचना अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, लखनऊ ने स्वयं दोनों बिन्दुओं की सुस्पष्ट सूचना की उपलब्ध नही करायी है और सूचना के रूप में अपठनीय, अधूरी एवं अप्रमाणित प्रतियाँ सूचना के रूप मे उपलब्ध करायी हैं जो विधि मान्य सूचना नही है I
 4)- उक्त सूचना आयुक्त सूचना दिलाने के दायित्व का निर्वहन न करने सर्कार एवं भ्रस्टाचार के हिताय नागरिकों का मानसिक, आर्थिक एवं शरीक उत्पीडन करते आ रहे हैं और इस एक्ट को प्रभावी नही होने दे रहे क्योकि इनका चयन इनकी योग्यता परखे बिना समाजवादी पार्टी के मुखिया का समधी होने की हैसियत से सपा सरकार मे उपहार स्वरूप दिया गया है I जिस कारण इनके क्रिया कलाप एवं व्यवहार इस एक्ट के संगत नही है I ये सूचना दिलाने का नही सूचना मांगने वालों को भगाने/जेल भिजने का काम करते है I
5)- उक्त कारण से आयोग के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त व उत्तर प्रदेश माननीय राज्यपाल से श्री बिस्ट के समक्ष अपीलकर्ता के किसी भी मामले की सुनवाई न कराये जाने का अनुरोध किया जा चूका है क्योकि मांगी गयी सूचना नही मिलती है और ये सरकार के पक्ष में ही अधिनियम विरोध निर्णय देते आ रहे हैं I
6)- उक्त कारन से आयोग/सूचना आयुक्तों द्वारा किया गया कार्यवितरण व शासन द्वारा बनायीं गयी उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली, 2015 (जो केंद्र सरकार/सदन से अनुमोदित नही है) RTI ACT की धारा 22, 28(2), 29 एवं 30 के असंगत हो कर इस ACT के नियमों के क्रियान्वयन मे बाधाकारी है I
अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त प्रकार अधिनियम के असंगत की जा रही औचित्यहीन सुनवाई को रोक (नाट प्रेस) दिया जाये, जब तक नियमतः चयनित योग्य अभियार्थियो का सूचना आयुक्तों के पद पर आसीन नही किया जाता है I
अपीलकर्ता
(अशोक कुमार गोयल)

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