डाटा स्पीड के नाम पर उपभोक्ताओं को धोखा दे रहीं टेलीकॉम कंपनियां ।
#ग्राहक पंचायत
दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड का विश्लेषण करने वाली संस्था Open Signal के मुताबिक, 4G LTE स्पीड के मामले में भारत 75 देशों में 74वें नंबर पर है। भारत से ज़्यादा बुरे हालात सिर्फ कोस्टा रिका के हैं।
भारत में औसत 4G स्पीड 5.14 Mbps है। जबकि श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों की Rank भी हमसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान 66वें नंबर पर और श्रीलंका 69वें नंबर पर है।
भारत में 4G की औसत स्पीड 5.14 Mbps है जबकि दुनिया भर में 3G की औसत स्पीड 4.4 Mbps है यानी हम दाम तो 4G के दे रहे हैं लेकिन स्पीड लगभग 3G जैसी मिल रही है। वैसे भारत में 3G स्पीड का और भी बुरा हाल है भारत में औसत 3G स्पीड 1 Mbps से भी कम है।
दुनिया भर में 4G कनेक्शन पर डाउनलोड की औसत स्पीड 16.2 Mbps है। जबकि सिंगापुर में ये सबसे ज्यादा 45.62 Mbps है। दूसरे नंबर पर साउथ कोरिया है जहां आप 43.46 Mbps की स्पीड से Data Download कर सकते हैं।
विरोधाभास ये है कि 4G LTE नेटवर्क की उपलब्धता के मामले में भारत दुनिया के Top 20 देशों में शामिल है। भारत इस मामले में 15वें नंबर पर है।
भारत में 4G नेटवर्क की उपलब्धता 81.6 प्रतिशत है। जबकि पहले ये 71.6 प्रतिशत थी।
पिछले कुछ दिनों में भारत में 4G का विस्तार बहुत तेज़ी से हुआ है और इसके लिए एक विशेष कंपनी को श्रेय दिया जा रहा है। हम किसी भी कंपनी का नाम नहीं लेंगे लेकिन आप जानते हैं कि हम किसकी बात कर रहे हैं।
इस कंपनी की 4G Availability यानी उपलब्धता 90 प्रतिशत है और अगर इस कंपनी को हटा दिया जाए तो भारत में बाकी Telecom Operators मिलकर भी 60 प्रतिशत 4G Availability ही दे पा रहे हैं।
Open Signal की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 4G उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने का नुकसान ये हुआ है कि भारत में 4G की स्पीड घट गई है। क्योंकि Internet पर Traffic बढ़ गया है और Infrastrucure में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है।
Telecom Regulatory Authority of India के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में पिछले साल सितंबर में Average Data Usage 236 MB प्रति महीना था जो दिसंबर में बढ़कर 884 MB हो गया।
लेकिन भारत में Internet की स्पीड बढ़ने की बजाय घटी है। भारत में 4G नेटवर्क की स्पीड पिछले 6 महीने में औसतन 1 Mbps कम हुई है।
TRAI के मुताबिक कुछ Subscribers की Data स्पीड 10 Kbps से भी नीचे चली जाती है।
FACEBOOK की एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि अगर भारत में हर व्यक्ति की पहुंच इंटरनेट तक हो जाए..तो भारत की अर्थव्यस्था को 67 लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा।
Study के मुताबिक भारत में इस वक्त करीब 46 करोड़ लोगों की पहुंच इंटरनेट तक है और इनमें से करीब 37 करोड़ लोग मोबाइल फोन पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और करीब 21 करोड़ लोगों के पास 4G कनेक्शन है।
Study में कहा गया है कि अगर मोबाइल फोन कंपनियां DATA plans के दामों में 66 प्रतिशत की कटौती कर दें तो भारत के हर 5 में से 4 व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे। पिछले कुछ दिनों में कंपनियों ने अपने Data Plans को सस्ता भी किया है। लेकिन अब Internet पर Traffic ज्यादा हो गया है। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को High Speed Internet नहीं मिल पा रहा है।
यहां हम आपको Mbps के नाम पर हो रहे धोखे के बारे में बताना चाहते हैं। ज्यादातर कंपनियां अपना Data प्लान ये कह कर बेचती हैं कि उनकी Internet Speed 15 Mbps, 30 Mbps, 40 Mbps या इससे भी ज्यादा है। लेकिन कंपनियां जिस Mbps की बात कर रही हैं वो Megabit per second है। Megabit per second इंटरनेट की स्पीड मापने की बहुत छोटी यूनिट है। Mbps सुनकर ज़्यादातर लोगों को लगता है कि कंपनियां Megabyte per second की बात कर रही हैं। लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है।
जब कोई कंपनी आपको 30 Megabit per second की स्पीड देने का वादा करती है तो वो दरअसल सिर्फ 3.625 Megabyte per second की स्पीड ही दे रही होती है। यानी टेलीकॉम कंपनियां आपको शब्दों के जाल में उलझाकर भी धोखा दे रही हैं।
वादे के मुताबिक इंटरनेट स्पीड नहीं दिए जाने पर ग्राहकों को इस संबंध में ट्राई को शिकायत दर्ज कराना चाहिए ।
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