726 रुपए टैक्स काटना बैंक को भारी पड़ गया, फोरम ने लगाया 35 हजार जुर्माना
DURG, CHHATTISGARH,
फिक्स डिपाजिट की राशि में इंकम टैक्स के नाम पर 726 रुपए काटने पर उपभोक्ता फोरम ने एसबीआई बालोद शाखा को सेवा में कमी का दोषी ठहराया।
दुर्ग. फिक्स डिपाजिट की राशि में इंकम टैक्स के नाम पर 726 रुपए अतिरिक्त काटने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने एसबीआई बालोद शाखा को सेवा में कमी का दोषी ठहराया। फोरम मे बैंक प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह परिवादी को 35726 रुपए एक माह के भीतर दे।
कृषि विकास शाखा बालोद
यह राशि शाखा प्रबंधक कृषि विकास शाखा को देना होगा। इस राशि में टैक्स के नाम पर काटी गई अतिरिक्त राशि 726 रुपए, मानसिक कष्ट के लिए 25000 और वाद व्यय 10000 शामिल है। इस मामले में परिवाद बघमरा निवासी प्रतिमा देवागंन 25 साल ने प्रस्तुत किया था। जिस पर सुनवाई के बाद यह फैसला जिला उपभोक्ता फोरम ने सुनाया।
बैंक ने 726 रुपए का हिसाब नहीं दिया
परिवाद के मुताबिक प्रतिमा ने जमा खाते के माध्यम से दो वर्ष के लिए 4.50 लाख रुपए जमा किया था। अवधि पूर्ण होने पर उसे कुल 540309 रुपए मिलना था। 28 सिंतबर 2013 को उसके खाते में केवल 526353 रुपए ही आया। बैंक ने 13230 रुपए काट लिया। पूछताछ करने पर बैंक ने 726 रुपए का हिसाब नहीं दिया।
ऐसे हुआ खुलासा
परिवादी ने जैसे ही टैक्स के नाम पर राशि काटने की जानकारी मिली उन्होंने बैंक से तत्काल फार्म16 ए मांगा। उसे लेकर वह भिलाई स्थित इंकम टैक्स कार्यालय पहुंची। वहां पर खुलासा हुआ कि 31 मार्च 2012 की स्थिति में टीडीएस के रुप में 4282 रुपए जमा होना था। बैक ने राशि तो काटी है लेकिन उसे जमा नहीं किया है। वहीं 31 मार्च 2013 की स्थिति में 8948 रुपए जमा हुआ है। परिवादी ने बैंक में इसकी शिकायत की। इसके बाद बैंक ने 9 अप्रैल 2012 को राशि जमा किया।
नहीं दिया हिसाब
राशि जमा करने की सूचना बैंक ने फोन पर दी। इसके बाद परिवादी ने फिर से पत्र भेज कर 726 रुपए को किस मद में काटी गई है इसकी जानकारी मांगी। बैंक ने पत्र का जवाब नही दिया।
देरी से दिए जवाब को फोरम ने खारिज किया
सुनवाई के दौरान जिला उपभोक्ता फोरम ने पक्ष रखने बैंक को नोटिस जारी किया था। नोटिस 8 अगस्त 2015 को तामिल भी हुआ। जवाब प्रस्तुत करने में बैंक ने दो माह लगा दिया। 16 अक्टूबर 2015 को जवाब मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने जवाब को अस्वीकार कर दिया
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