Monday, August 28, 2017

राजस्व विभाग द्वारा कानून की अवहेलना करते हुवे आम नागरिको का शोषण

सन्दर्भ संख्या : ट्रेप /८३८ -८४९ x २ दिनांक २८ अगस्त २०१७
माननीय श्री योगी आदित्य नाथ जी ,
मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश , लखनऊ
विषय : राजस्व विभाग द्वारा कानून की अवहेलना करते हुवे आम नागरिको का शोषण
महोदय ,
आम नागरिक हो या किसान सभी के जमीन के विवाद में राजस्व विभाग की अहम् भूमिका होती है और दो पक्षों में हुवे भूमि विवाद में राजस्व विभाग द्वारा की गई भूमि के नाप को ही प्रमाणिक माना जाता है I भूमि को नापने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी ( लेखपाल / कानूनगो ) एक विशेष लोहे की चेन का उपयोग करते है , जिसे प्रचलन की भाषा में जरीब ( सर्वेक्षण चेन / measuring chain ) कहते है I
महोदय , उत्तर प्रदेश शासन के उपभोक्ता संरक्षण एवम बाट - माप की अधिसूचना संख्या 331/84-1-2011-23 बा मा - 2010 दिनांक 01 अप्रैल 2011 की अनुसूची - 9 , नियम 17(1) के अनुसार सर्वेक्षण चेन का वार्षिक सत्यापन एवम स्टाम्पन आवश्यक है , जिस हेतु सरकार ने शुल्क भी तय कर रखा है I
महोदय , हमें प्राप्त एक सूचना के अनुसार राज्य भर में जमीन की पैमाइश में काफी गड़बड़ी हो रही है , इसे ध्यान में रखकर सूचना कानून में हमने २ बार सूचनाए मांगी जिसपर तहसीलदार कोल , अलीगढ के द्वारा दिए गए जबाब 148 दिनांक 25-07-17 एवम 149 दिनांक 26-07-17 ( दोनों प्रतिलिपिया संलग्न ) I
दिए गए जबाब के अनुसार उनके विभाग के पास जमीन पैमाइश हेतु कितनी जरीब है उसका कोई भी रिकार्ड उपलब्ध नहीं I उनके अनुसार उनके पास जो जरीबे है वो सब स्वयं प्रमाणित है जिसे किसी तरह से सत्यापन एवम स्टाम्पन की आवश्यकता नहीं I
महोदय , आज के भ्रष्टाचार के युग में जरीब ( सर्वेक्षण चेन / measuring chain ) के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ से इनकार नहीं किया जा सकता , विशेषकर जब नियमानुसार इनकी प्रमाणिकता हेतु सत्यापन एवम स्टाम्पन ही कभी नहीं किया जाता है I -
महोदय , यही स्थिति सम्पूर्ण प्रदेश में में भी हो सकती है और कही भी किसी भी जिले में जरिबो की वार्षिक सत्यापन एवम स्टाम्पन , बाट-माप विभाग द्वारा नहीं करवाई जाती I
हमारा अनुभव है कि जब भी राजस्व विभाग से सम्बंधित कोई सुझाव / सुधार या शिकायत इनके उच्चतम विभाग बोर्ड आफ रेवेन्यु को भेजा जाता है वह यथा-स्थिति में सबसे निम्नतम ईकाई तहसील / लेखपाल को क्रमवार अग्रेसित होता जाता है , और अंत में दाखिल दफ्तर हो जाता है I जिले के शीर्ष अधिकारी शायद आम जनता के सुझाव या किसी शिकायत को न तो स्वीकार करते है न ही सुनना पसंद करते है I
अतः हमारा आपसे अनुरोध है कि इस विषय को गम्भीरता से लेते हुवे आवश्यक निर्देश जारी करते हुवे सम्पूर्ण मामले की जांच करवाते हुवे दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने की कृपा करे I
धन्यवाद सहित
भवदीय ,
बिमल कुमार खेमानी , संरक्षक
ई विक्रम सिंह , अध्यक्ष , ट्रेप ग्रुप
प्रतिलिपि :
1. श्री अतुल गर्ग ,
राज्य मंत्री , खाद्य एवम रसद विभाग , उत्तरप्रदेश शासन , लखनऊ
2. मुख्य सचिव , उत्तरप्रदेश शासन , लखनऊ
3. अध्यक्ष , राजस्व परिषद् , उत्तरप्रदेश शासन , लखनऊ
4. जिलाधिकारी , अलीगढ
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