Tuesday, January 30, 2018

peta loons






This is only during the SALE period wherein we charge 5% GST on the discounted price, not the MRP. For values over 1000/-, the GST charged is 18% on apparel, however, we only charge our customers 5%. Post sale, there will be no GST on bills as MRP is inclusive of tax.
Replying to 
Sir discounted price is also revised MRP n hence inclusive of tax. National Commission has already adjudicated on the matter. It is unfair trade practices.



fee charge by public school

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जागो पेरंटस जागो

जागो पेरंटस जागो
स्कूलो के संबंधी अति जरूरी वाते;
* CBSE बोर्ड का यह नियम और हिदायत है के कोई भी स्कूल किसी भी रूप में कैपिटेशन फीस या डोनेशन नही ले सकता । ऐसा करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द तक हो सकती है।
देखे CBSE Rule-11.1
* कोई भी स्कूल अगर कैपिटेशन या डोनेशन फीस लेता है तो वह अपराध है ओर उसे लिए पैसे का 10 गुना जुर्माना तक लगाया जा सकता है।
देखे CBSE Rule 11.1(ii)
* सभी स्कूल under society registered होते हैं ओर Community Service के तहत चलाऐ जाते है इसलिए यह Income का जरीया नही है।
देखे CBSE Rule 19.1(ii)
* इस में कनून के तहत स्कूल की किसी भी शिकायतो के संबध मे पेरेंट्स की कमेटी बनाना लाज़मी होता है।
देखे: CBSE Rules 42.3(v)
* स्कूल NCERT की मंजूर शुदा कितावे ही लगाऐगा।
देखे CBSE Rule 15.1(d)
* माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से CWP No. 20545 की याचिका मे 08.11.2014 के एक आदेश मे पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग की प्रसीपल सेकटरी मेङम अंजलि भावरा (IAS) की ओर से कोर्ट मे दायर ऐफिडेविट दे कर कहा कि रिटायङ अमर दत की देखरेख मे फीस रैगुलरेटरी कमेटी का गठन कर दिया गया है।
* दत्ता कमेटी की ओर से हाल ही मे "बाल भारती स्कूल, लुधियाना" को 2011-12 से अव तक मानकों से ज्यादा फीस, ऐनुएल चार्जज (3.Crore 74 lac) को लौटाने के आदेश दिए गऐ है।
यदि आपके स्कूल की ओर से कोई ऐसे पैसे लिए गऐ है तो आप अपनी शिकायत अपनी रसीद के साथ CBSE के साथ इस address पर भेज सकते है।
Justice Amar Dutt Committee
Room No.23,
2nd floor.Block -F,
Vidya Bhawan.
Phase-8, SAS Nagar,
Mohali (Pb.)
Fax: 0172-3070836
e-mail: accicell.psebmohali@yahoo.in
CBSE, New Delhi
"Shiksha Kendra"
2, Community Center,
Preet Vihar,
Delhi-11092,
Fax: 011-22515826
e-mail: cmm-cbse@nic.in,
Vice Chairman
Punjab school Education Board,
Mohali.
"जागो पेरटस जागो"
स्कूलो संबधी जारी हुए फैसले देखने के लिए कृप्या नीचे दिए लिंक को क्लिक करे व लाईक व शेयर करे।
www.facebook.com/jagosangrurparents
ऊपर दिए सभी सरकूलरो को पड़ने के लिए क्लिक करे:
Jatinder Jain
Social & RTI Activist
9417601110

पांच पत्ती काढ़ा बनाने की विधी

पांच पत्ती काढ़ा बनाने की विधी
किसी भी फसल में अगर कीट-पतंग लगने की शुरूवात हो गयी है तो पहली खुराक के रूप में पांच पत्ती का काढ़ा बनाकर छिड़काव किया जाता है। पांच प्रकार के पत्ते जिसमें नीम, आक, धतूरा, बेसरम, सीताफल की पत्तियों को पांच लीटर देसी गाय के गोमूत्र में भरकर मिट्टी के बर्तन में रख दें। इसे छानकर 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ फसल में इसका छिड़काव करने से फसल में कीट-पतंग नहीं लगेंगे।
लहसुन आधारित जैविक कीटनाशक
लहसुन, अदरक, हींग का छिड़काव करने से कीटपतंग मरते नहीं हैं। इसके छिड़काव के बाद इसकी गंध से फसल में कीट पतंग लगते नहीं हैं।
दशपर्णी अर्क बनाने की विधि
दशपर्णी अर्क का उपयोग फसल में लगने वाले सभी प्रकार के रस चुसक और सभी इल्लियों के नियंत्रण के लिए किया जाता है। 200 लीटर पानी, दो किलो गाय का गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, दो किलोग्राम करंज के पत्ते, दो किलोग्राम सीताफल के पत्ते, दो किलोग्राम धतूरा के पत्ते, दो किलोग्राम तुलसी के पत्ते, दो किलोग्राम पपीता के पत्ते, दो किलोग्राम गेंदा के पत्ते, दो किलोग्राम नीम के पत्ते, दो किलोग्राम बेल के पत्ते, दो किलोग्राम कनेर के पत्ते, 500 ग्राम तम्बाकू पीसकर या काटकर, 500 ग्राम लहसुन, 500 ग्राम पीसी हल्दी, 500 ग्राम तीखी हरी मिर्च, 200 ग्राम अदरक या सोंठ।
एक प्लास्टिक के बर्तन में सभी सामग्री मिलाकर जालीदार कपड़े से बांधकर 40 दिन छाया में रख दें। सुई की दिशा में सुबह शाम हिलातें रहें। इसका फसल में छिड़काव करने से रस चुसक और इल्लियाँ नहीं लगेंगी।
नीम आधारित कीटनाशक की निर्माण विधि
नीम आधारित कीटनाशक बनाने के लिए 10 लीटर गोमूत्र में 3 किलोग्राम नीम की पत्ती की चटनी, 2 किलोग्राम आक के पत्तों की चटनी, 2 किलोग्राम सीताफल पत्ते की चटनी, 2 किलोग्राम धतुरा के पत्ते की चटनी, 2 किलोग्राम बेशरम के पत्ते की चटनी को एक मिट्टी के बर्तन में डालकर आग में तबतक उबालें जबतक चार उबाले न आ जाएं।
आग से उतारकर 48 घंटे छाँव में ठंडा होने के लिए रख दें। इसके बाद कपड़े से छानकर 15 लीटर पानी में आधा से एक लीटर तक कीटनाशक मिलाकर स्प्रे करे।तनाछेदक कीटों से बचाव के लिए इसी में आधा किलोग्राम हरी तीखी मिर्च की चटनी और 500 ग्राम देसी लहसुन की चटनी मिलाकर कीटनाशक बनाये।
फफूंदनाशक दवा की निर्माण विधि
खट्टी छाछ में दो दिन के लिए एक तांबे का टुकड़ा डालकर रखा रहने दें, दो दिन बाद इस छाछ की आधा लीटर मात्रा को 15 लीटर पानी में खूब अच्छी तरह मिलाकर फसल में छिड़काव करें। इससे फसल में फफूंदनाशक नहीं लगेगी।
फसल को वायरस से ऐसे बचाएं
पौधों को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए पूरे फसल चक्र में तीन बार एक लीटर देशी गाय के दूध में 15 लीटर पानी, 50 ग्राम हल्दी प्रति टंकी के हिसाब से स्प्रे करें। इसके अलावा पानी में हींग, हल्दी मिलकर फसल की जड़ों में ड्रिन्चिग करने से वायरस नहीं लगेगा।
फेरोमेन ट्रैप और स्ट्रिकी ट्रैप से फसल में नहीं लगते कीट पतंग
प्रभावी कीट नियंत्रण के लिए स्वनिर्मित लाईट ट्रैप, फेरोमेन ट्रैप और स्ट्रिकी ट्रैप का उपयोग करने से फसल में कीट नहीं आते हैं। फेरोमेन ट्रैप में मादा का लेप करने से इसकी गंध से कीट मर जाते हैं। एक एकड़ में 10 फेरोमेन ट्रैप या फिर 10 पीले रंग के स्ट्रिकी ट्रैप में गिरीस का लेप लगाने से कीट उसी स्ट्रिकी ट्रैप में चिपक जायेंगे।

सांसदसदस्यों की सैलरी, अलाउंस और अन्य सुविधाएं एक नज़र में.

और अमीर सांसद है कितने? यदि वरुण की और उनकी गणित को मानें तो नब्बे प्रतिशत.
जहां एक तरफ अधिकतर सांसद वेतन वृद्धि की बात कर रहे हैं वहीं वरुण की ये राय तारीफ़ के काबिल है. सबसे अच्छी बात ये कि उन्होंने ये नहीं कहा कि हर एक सांसद को सैलरी छोड़ देनी चाहिए. बल्कि उन्होंने स्पेसिफिकली अमीर सांसदों की बात की है. मगर जैसे ही उनका ये क़ाबिल-ऐ-तारीफ़ बयान आया, हमारे मन में एक प्रश्न आया कि – आखिर सांसदों की सैलरी है कितनी. होने को तो इस वक्त हर सांसद के ऊपर हर महीने तीन लाख रूपये के लगभग खर्च होते हैं. लेकिन हो सकता है कि ये कॉस्ट टू कंपनी हो और सांसदों की टेक होम सैलरी कुछ अलग हो.
तो हमने चेक किया और हमें एक सरकारी आर्टिकल हाथ लगा – सदस्यों की सैलरी, अलाउंस और अन्य सुविधाएं एक नज़र में.
अब ये 2014 का डॉक्यूमेंट है और सुविधाजनक तो ये होता कि आपको इस डॉक्यूमेंट का लिंक दे दें. लेकिन आपको भाषा तो पता ही है इन डॉक्यूमेंट्स की, तो हमने पूरे एफर्ट कर लिए हैं और महत्तम-आसान भाषा में आपके लिए लेकर आए हैं – सदस्यों की सैलरी, अलाउंस और अन्य सुविधाएं एक नज़र में.
इस डॉक्यूमेंट के शुरुआत में लिखा है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 106 में यह प्रावधान है कि संसद के दोनों सदन के सदस्यों को वेतन और भत्ते प्राप्त करने का अधिकार होगा जो कि समय-समय पर संसद द्वारा निर्धारित किया जा सकता है.
मतलब कि खुद ही अपना वेतन बढ़ाने का अधिकार खुद ही के पास! बहरहाल हमको तो ये जानना है कि आखिर वेतन है कितना तो ‘नागरिक शास्त्र’ से सीधे ‘कॉमर्स’ पर आते हैं:

# वेतन और अलाउंस

वेतन – INR 50,000.00 प्रति माह
दैनिक भत्ता – INR 2000.00 प्रति दिन
संसदीय भत्ता – INR 45,000.00 प्रति माह
ऑफिस एक्सपेंसेज़ – INR 45,000.00 प्रति माह

# टीए (यात्रा भत्ता)

रेल द्वारा – एक मुफ्त गैर-हस्तांतरणीय प्रथम श्रेणी एसी या किसी भी ट्रेन का एग्जीक्यूटिव क्लास + एक प्रथम श्रेणी और एक द्वितीय श्रेणी का किराया.
वायु द्वारा – उन एयरलाइन्स का एक और एक चौथाई हवाई किराया जिसमें संसद सदस्य यात्रा करते हैं.
सड़क मार्ग द्वारा – 16 रुपये प्रति किलोमीटर
और इसके अलावा स्पाउस यानि पति/पत्नी के लिए भी यात्रा भत्ता निर्धारित है.

# आवास

a) ट्रांजिट आवास –
लोक सभा के हर आम चुनाव के बाद, नई दिल्ली में राज्य सरकारों के गेस्ट हाउस/भवन, होटल आदि में नए सदस्यों के अस्थायी रूप से रहने के लिए व्यवस्था की जाती है. इस तरह के आवास को ट्रांजिट आवास के रूप में माना जाता है.
b) नियमित आवास –
प्रत्येक सदस्य कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान फ्लैट या हॉस्टल का हकदार है जिसके लिए उसे किराया देने की आवश्यकता नहीं. और यदि कोई सांसद बंगले के लिए पात्र है तो उसे अनुरोध पर आवास के रूप में बंगले आवंटित किया जाएगा जिसके ‘सामान्य आवास शुल्क’ का भुगतान सांसद को स्वयं करना होगा.
लोक सभा के सदस्य या उनका परिवार सांसद के कार्यकाल समाप्त होने के बाद अधिकतम एक माह की अवधि के लिए सरकारी आवास में रह सकता है. सांसद की मृत्यु की स्थिति में यह अवधि छः माह हो जाएगी.
c) अतिथि आवास –
सांसदों के अतिथि पश्चिमी कोर्ट हॉस्टल, जनपथ में आवास का लाभ ले सकते हैं.
d) अन्य सुविधाएं –
सांसदों को मिलने वाली अन्य आवासीय सुविधाओं में शामिल है –
सोफे कवर और पर्दे प्रत्येक तीन महीने में धोने का खर्च
टिकाऊ फर्नीचर के मद में अधिकतम 60,000 रूपये
गैर-टिकाऊ फर्नीचर के मद में अधिकतम 15,000 रूपये

# टेलीफोन

तीन टेलीफोन –
एक दिल्ली ऑफिस में दूसरा निर्वाचन क्षेत्र के ऑफिस में और तीसरा इन दोनों में से किसी भी स्थान पर. हर फोन से 50,000 लोकल कॉल्स मुफ़्त हैं और इनको एक साथ क्लब भी किया जा सकता है यानी कुल 150,000 लोकल कॉल्स.
दो मोबाइल कनेक्शन –
एक एमटीएनएल मोबाइल फोन का कनेक्शन (दिल्ली के लिए) और एक एमटीएनएल/बीएसएनएल मोबाइल फोन का कनेक्शन (संसदीय क्षेत्र के लिए), और यदि सांसद के एरिया में एमटीएनएल अथवा बीएसएनएल नहीं है तो किसी भी निजी मोबाइल नेटवर्क का कनेक्शन. इन मोबाईल से किए गये कॉल्स टेलीफोन से किए गए कॉल्स में से ही एडजस्ट होते हैं.
यानी कुल 3 टेलीफोन कनेक्शन और 2 मोबाइल कनेक्शन में आपको कुल 150,000 लोकल कॉल्स करने की सुविधा प्राप्त होगी (ऑफ कोर्स यदि आप सांसद हैं.)
3G और 4G सर्विस की सुविधा नहीं है, यानी सांसद को खुद ही इन सेवाओं का भुगतान करना होगा. लेकिन ख़ुशी की बात (सांसदों के लिए) ये है कि 150,000 लोकल कॉल्स में से ही वे 3G और 4G सर्विस भी एडजस्ट कर सकते हैं. और करते ही होंगे. 150,000 लोकल कॉल्स करता कौन है एक महीने में?

# पानी, बिजली

4,000 किलोलीटर पानी और 50,000 यूनिट बिजली सालाना. और जो बिजली पानी नहीं यूज़ हुआ वो अगले साल कैरिड-ओवर हो जाता है.

# चिकित्सा सुविधाएं

सीजीएचएस के तहत जो चिकित्सा सुविधाएं सिविल सेवा के क्लास वन अधिकारियों के लिए उपलब्ध हैं वही चिकित्सा सुविधाओं संसद सदस्यों को भी मिलती है.

# वाहन

एक संसद सदस्य को रूपये 4,00,000/- तक वाहन खरीदने के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में मिलते हैं जिसे किश्तों में वापस करना होता है.

# आयकर लाभ

दैनिक भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता आयकर से मुक्त हैं!

Monday, January 29, 2018

इस लिंक पर क्लिक कीजिए और तुरंत थाने का फीडबैक दीजिए।

सभी साथियों को मेरा नमस्कार।
आज मैं आपको एक विशेष जानकारी देना चाहूंगा,
हो सकता है यह जानकारी आपके पास पहले से हो लेकिन जिस व्‍यक्ति के पास यह जानकारी नहीं है वह व्‍यक्ति अपने अपने संबंधित थाने का फीडबैक देने व पुलिस के व्यवहार एवं कार्यप्रणाली का फीडबैक देने के संबंध में इस जानकारी का इस्तेमाल जरूर करें तथा अन्य पीड़ितों से भी ऐसा करवाएं।
राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर feedback about website/police station का एक ऑप्शन है, उस ऑपशन पर जा कर feedback for police station पर क्लिक कर संबंधित थाने का फीडबैक दिया जा सकता है। इसका लिंक ये है -
इस लिंक पर क्लिक कीजिए और तुरंत थाने का फीडबैक दीजिए।
ये फीडबैक गोपनीय भी रखा जाता है।
उस ऑप्शन पर हम सभी साथियों को हमारे थानों का फीडबैक जरूर देना चाहिए कि हमारे थानाअधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण पीड़ितों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, वह FIR दर्ज करते हैं या नहीं करते हैं जांच कैसे करते है, उनकी कार्यप्रणाली कैसी है, थाने की स्थिति कैसी है इत्यादि ... इत्यादि... जो भी आपको शिकायत है वो बयां की जा सकती है।
उक्त वेबसाइट को SCRB Raj. Police/स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो राजस्थान जयपुर के ईमानदार SP श्री पंकज चौधरी/ Pankaj Choudhary हैंडल करते हैं एवं हमारे द्वारा दिए गए फीडबैक के आधार पर थानों की रैंक तय होती है कि थाना कैसा है और उसी के अनुसार थानों में सुधार किया जाता है।
इस लिए आप सभी लोग राजस्थान पुलिस की वेबसाइट के उक्त लिंक पर जाकर फीडबैक जरूर दें और हर महीने अपने थाने का फीडबैक दें ताकि अगर थाने का व्यवहार औऱ कार्यप्रणाली ठीक नहीं है तो थानों में सुधार लाने में हम मदद कर पाएंगे। ये हमारा कर्तव्य है।
यहाँ फीडबैक जरूर दें तथा अन्य पीडीतों से भी फीडबैक दिलावे तथा इस जानकारी को शेयर जरूर करें
भवदीय
सुमेर लाल शर्मा,

Automatic बिलिंग सिस्टम ठीक करवाया ताकि प्रत्येक ग्राहक को मोके पर ही बिल मिले

सुबह की राम राम इंदौर से .....
इंदौर के राम बाग स्थित गलत प्रेक्टिस करने के लिए बहुचर्चित पेट्रोल पम्प GEE jay and compeney की अनियमितताये खड़े रहकर दूर करवाई ।
Automatic बिलिंग सिस्टम ठीक करवाया ताकि प्रत्येक ग्राहक को मोके पर ही बिल मिले , सेल्स ऑफिसर के नंबर शिकायत के डर के कारण 9 अंको के ही लिखे थे , पूरा नंबर लिखवाया , 500 ml , 1, लीटर , 2 लीटर के माप ग्राहकों के लिए रखवाए , जिससे ग्राहक इनमे भरवाकर भी ईंधन की मात्रा जाँच सके । शिकायत पुस्तिका जो की साल भर से अलमारी की शोभा बड़ा रही थी , बाहर निकलवाई , ताकि परेशान व्यक्ति शिकायत कर सके ,,
आप भी पेट्रोल भरवाते समय इन बातो का ध्यान रखे ।

कोई भी खोल सकता है खाता जीरो बैलेंस अकाउंट, ये हैं 7 फायदे

फाइनेंस मिनिस्‍ट्री के हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने के एवज में ग्राहकों से वसूली गई पेनाल्‍टी से 1700 करोड़ रुपए का कमाई की है।
बैंक दावा करते हैं कि आपके खाते को मेंटेज करने के एवज में उनका इंफ्रा और मैन पावर दोनों खर्च होते हैं। इसके एवज में वो चाहते हैं कि आप अपने खाते में एक निश्चित रकम रखें। ऐसा करने पर उनका अकाउंट मेंटेन रहता है और वो इससे वो अपना खर्च निकाल लेते हैं।
अगर आप अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटन नहीं करते हैं तो इसके एवज में वह आपसे पेनाल्‍टी वसूलते हैं। इससे लोगों को अच्‍छी खासी परेशानी तो होती ही है, साथ ही जेब को चपत भी लगती है। लेकिन इससे छुटकारा पाने का एक आसान तरीका जीरो बैलेंस सोविंग अकाउंट है।
सामान्‍य तौर पर ऐसे अकाउंट को बेसिक सामान्य बैंक डिपॉजिट अकाउंट यानी बीएसबीडीए कहा जाता है। ऐसे अकाउंट में मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेंटेन करने की कोई बाध्‍यता नहीं होती है। साथ ही इसमें बहुत से ऐसे फायदे भी मिलते हैं जो सामान्‍य सेविंग अकाउंट की ही तरह होते हैं। आइए जानते हैं जीरो बैलेंस अकाउंट को रखने के फायदों के बारे में…
कोई मिनिमम अमाउंट नहीं
एक रेग्‍युलर सेविंग अकाउंट के मुकाबले BSBDA को काफी पसंद किया जाता है। BSBDA में मिनिमम अकाउंट बैलेन्स की आवश्यकता नहीं होती है। बता दें कि मिनिमम अकाउंट बैलेंस हर बैंक में अलग-अलग होता है। बैलेन्स ना होने पर पेनल्टी लगती है।
सेक्रेंड्री खाते के तौर पर कर सकते हैं यूज
आरबीआई की गाइडलाइन में सभी खाताधारकों को ऐसी सुविधा देना जरूरी किया गया है। ग्राह‍क अपने नियमित सेविंग बैंक अकाउंट को प्रभावी रूप से मैनेज करने के लिए जीरो बैलेंस खाते को सेकंडरी खाते के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक जैसा रिटर्न
BSBDA खातों पर ब्‍याज नियमित सेविंग अकाउंट के बराबर ही मिलती है। खाते में पैसे जमा करवाना, किसी भी एटीएम से पैसे की निकासी, चेक बुक की सुविधा (कई शहरों में भुगतान की सुविधा) और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
कौन खोल सकता है यह अकाउंट
हर बैंक का उम्र और आय का अपना मानदंड होता है। फिर भी, आरबीआई की ओर से सभी बैंकों को उम्र और आय के हिसाब से BSBDA खाता खोलने वालों को बाध्य नहीं करने के लिए कहा गया है।
सीमित लेन-देन की सर्विस
इस बैंक खाते से महीने में 4 बार ट्रांजैक्‍शन किया जा सकता है। इसमें एटीएम से पैसे निकालने, RTGS, NEFT, ब्रांच कैश, स्टेंडिंग इन्सट्रक्शन, ईएमआई जैसी सर्विस भी शामिल हैं। यह बैंक पर निर्भर करता है कि वह अतिरिक्त निःशुल्क निकासी देता है या नहीं। जमा करवाने की कोई सीमा नहीं है।
BSBDA और BSBDA स्माल अकाउंट में अंतर
एक सामान्य BSBDA अकाउंट के लिए केवाईसी ज़रूरी है, लेकिन यदि सरल केवाईसी के साथ खाता खोला गया है तो यह BSBDA स्माल अकाउंट के अंदर आता है। इसमें निम्न प्रतिबंध होते हैं।
  • एक वित्तीय वर्ष में सभी क्रेडिट मिलाकर 1 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • सारे विड्रॉउल और ट्रांसफर मिलाकर 10,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
  • किसी भी समय बैलेन्स 50,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
  •  स्माल अकाउंट शुरू में 12 महीने के लिए वैध होते हैं, जिसे आगे 12 महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए वैध दस्तावेज़ पेश करने होते हैं।
खोल सकते हैं एक ही BSBDA
केवल एक ही खाता खोला जा सकता है। एक पुराना सेविंग अकाउंट बीएसबीडीए में बदला जा सकता है। आप नया भी खोल सकते हैं। एक व्यक्ति एक बैंक में एक ही बीएसबीडीए खाता खोल सकता है। यदि किसी ने नियमित सेविंग अकाउंट खुलवाया हुआ है, तो इसे बीएसबीडीए खुलवाने के 30 दिनों के अंदर बंद करना ज़रूरी है, अन्यथा इसे बैंक 30 दिनों में बंद कर देगा।

ओला से जुड़ने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

OLA कैब का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक ही ख्याल आता है वह टैक्सी का, जी हाँ! ओला कैब टैक्सी बुकिंग की दुनिया में एक चर्चित नाम है. ओला कैब की सबसे बढ़ी खासियत यह है कि यह मोबाईल एप्स की मदद से आसानी से बुक हो जाती है, और मिनटों में टैक्सी ग्राहक के पास पहुच जाती है.
ओला कैब को बुक करने की जितनी सरल प्रक्रिया है उतनी ही सरल उस से जुडने की है, यानि की ओला कैब के साथ व्यवसाय करने की है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं की आप ओला से किस तरह जुड़कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं.
ओला से जुड़ने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट (Important Document for OLA Business)
सबसें पहलें तो आपको बता दे कि आज ओला भारत में 102 कंपनियों में मौजूद है. आपका कैब कंपनियों के साथ जुड़कर अपनी कार के साथ वास्तविक व्यापार करना न केवल एक अच्छा विचार है बल्कि बहुत ही लाभदायक और फायदे का व्यवसाय है.
बता दें कि बिजनेस शुरू करने में आप चाहें तो नई कार लगा सकते हैं या आप अपनी वर्तमान इस्तेमाल की वाणिज्यिक कार को भी लगा सकते हैं, बशर्ते कि वह अच्छी स्थिति में हो. आप या तो एक वाणिज्यिक लाइसेंस वाले चालक रख सकते हैं या फिर आप खुद भी कैब चला सकते हैं, बस अब आपको बिजनेस शुरू करने से पहले इन दस्तावेज को पूर्णरूप से तैयार रखना है.-
पहचान पत्र, पुलिस सत्यापन, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, ड्राइविंग लाइसेंस क्योंकि कंपनी से जुड़ने के लिए यह दस्तावेज़ महत्वपूर्ण होते है.
अब आपके पास सारे दस्तावेज़ है तो आप आसानी से जुड़ सकते है. इसके लिए बस आपको कैब कंपनियों के साथ पंजीकरण के लिए आपको उनसे संपर्क करना होगा चाहे तो आप अपने शहर के ओला कैब आफिस जा सकते है या फिर हेड ऑफिस संपर्क कर सकते है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तामान समय में ओला ने उन सभी शहरों में पहले से ही अपने कार्यालय खोल दिए हैं जिनमे इनका कैब का कारोबार वर्तमान में चल रहा है, लेकिन याद रहे इस व्यवसाय में आगे बढ़ने से पहले आपका एक चालू खाता होना जरुरी है.
वही आपको आयकर और सेवा कर संख्या पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा क्योंकि भारत में इन कैब कंपनियों के साथ काम करने के लिए आवश्यक है. पंजीकरण होने के एक सप्ताह बाद कंपनी आपको एक एप्लिकेशन के साथ एक नया स्मार्टफ़ोन देगी साथ ही आपको निरीक्षण के लिए बुलाएगी.
ओला से कितना कमा सकते हैं (How much earn by OLA)
अब सवाल यह आता है कि इस बिजनेस में आपको इनकम कितनी होगी, तो आइए जानते है कितनी इनकम इस बिजनेस आपकी होगी और कैसे होगी. कंपनी का तो दावा है कि आप हर महीने कैब सर्विस से 45 से 90 हजार रुपए प्रतिमाह तक की कमाई कर सकते हैं.
बता दें कि ओला कंपनी बिल की कुल राशि का केवल 10% कमीशन लेती है, जिसकी गणना ओला ऐप द्वारा स्वयं की जाएगी. खास बात तो यह है कि कंपनी अपने बिजनेस पाट्नर को बोनस भी प्रदान करती है.
कंपनी के अनुसार सबसे व्यस्त समय – (रात 12 बजे से दो बजे और दोपहर दो बजे से रात 12 बजे तक अति व्यस्त समय है) इस समय में की गई यात्रा पर कंपनी को आपको भरपूर बोनस देती है.
ओला से कितना बोनस मिलता है (OLA Bonus)
  • जब आपको न्यूनतम 5 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 5 बुकिंग मिलती है, तो आपको 1700 रूपए एमबीजी (मिनिमम बिजनेस गारंटी) मिलेगा.
  • जब आपको न्यूनतम 7 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 7 बुकिंग मिलती है, तो आपको 2400 रूपए एमबीजी मिलेगा. जब आपको न्यूनतम 0 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 10 बुकिंग मिलती है, तो आपको 2900 रूपए एमबीजी मिलेगा.
  • जब आपको न्यूनतम 0 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 13 बुकिंग मिलती है, तो आपको 3900 रूपए एमबीजी मिलेगा. जब आपको न्यूनतम 0 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 16 बुकिंग मिलती है, तो आपको 4900 रूपए एमबीजी मिलेगा.
  • जब आपको न्यूनतम 0 अति व्यस्त बुकिंग के साथ 18 बुकिंग मिलती है, तो आपको 6400 रूपए एमबीजी मिलेगा.
  • जब आप किसी ग्राहक को हवाईअड्डे तक छोड़ते हैं तो आपको अपने खाते में लगभग 500 रूपए प्रदान किया जाएगा.
  • नोट- यह लेख सिर्फ आपकी जानकारी के लिए लिखा गया है. अधिक जानकरी के लिए आप https://www.olacabs.com/ पर विजिट कर जानकारी प्राप्त कर सकतें है.

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HOM SAAZ


Crown Interiorz Mall,
Sector 35,
Faridabad-121001
Dear Sir,
I had a visit to your show room at Crown Interiorz in connection with purchase of few items which were being offered on 40% sales discount.
It was surprising to see that you have been charging tax extraa on the discounted prices and in view of charging tax extra, the effective discounts were not as was being advertised. I was also shocked to see that the advertisement says "VAT Extra" as attaced herewith. It was a shock to have come across such an advertisement as the regime of VAT is no longer existing for the past more than six months.
Further, I was told by your cashier (was told name as Mr. Harsh Batla) that there is a notification to charge taxes on the discounted sales. The undersigned requested for a copy of the notification but he could not produce the stated notification despite request. It was promised by him that the said notification would be sent to me by email, the id for which was shared. It is regret to mention that the same has not been received by me till the time of writing this mail.
In case I fail to receive the copy of the notification by 6 PM today i.e 27th January 2018, it shall be presumed that there is no such notification and the taxes being charged are in violation of MRP rules and appropriate authorities would be requested to initiate the appropriate action as may be applicable including refund of the amount to the consumers as might have been charged. It is worthwhile to inform you that Hon'able National Commission has already adjudicated on the matter as unfair business practice in case the taxes are being charged over and above on discounted MRP.
In view of above, I request for
1. a copy of the notification as stated by you for charging of VAT on discounted MRP
2. Stop immediately charging the taxes VAT or GST on such sales in case there is no such notification of Govt. of India.
3. Arrange refund to the consumers from whomsoever it has already been charged in case there is no such notification as above
You are requested to kindly confirm the same by 6 PM today failing which I would be compelled to report the matter to the appropriate authorities as well as any other action that may be deemed fit including misleading of the consumers . Please confirm the same by return mail.
With kind regards
S.K.SK Virmani
"
State Consumer HelpLine

Sunday, January 28, 2018

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मुनाफाखोरी रोकने हेतु जीएसटी काउंसिल द्वारा नेशनल एंटी प्रोफिटीयरिंग अथॉरिटी का गठन किया ।

मुनाफाखोरी रोकने हेतु जीएसटी काउंसिल द्वारा नेशनल एंटी प्रोफिटीयरिंग अथॉरिटी का गठन किया ।
जीएसटी के तहत माल और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को कर की दरों में कमी अथवा इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ग्राहकों तक उसी अनुपात में मूल्य में कमी के रुप में अवश्य पहुंचाना चाहिए । GST में कमी के परिणास्वरूप व्यापारियों द्वारा यदी वस्तुओं सेवाओं , खाद्य पदार्थों के दामों में कमी नहीं की जाती है तो नेशनल एंटी प्रोफिटीयरिंग अथॉरिटी निम्नलिखित आदेश दे सकती है ।
 कीमतों में कमी
 जुर्माना लगाना
 आपूर्तिकर्ता के पंजीकरण का निरस्तीकरण
 ग्राहक को मूल्य में कमी के रूप में नहीं पहुचाये गए लाभ के बराबर राशि की 18% ब्याज दर के साथ वापसी ।
पीड़ित ग्राहक अगर मुनाफाखोरी की प्रकृति राष्ट्रीय स्तर की हो तो एंटी प्रोफिटीयरिंग की केंद्रीय स्टैंडिंग कमेटी के सामने और स्थानीय प्रकृति की हो तो राज्य स्क्रीनिंग कमेटी के सामने अपना शिकायती आवेदन निर्धारित प्रपत्र में फाइल कर सकता है । एंटी प्रोफिटीयरिंग का आवेदन पत्र
goo.gl/e6tnsG पर उपलब्ध है ।
स्थानीय प्रकृति की शिकायतों हेतु संपर्क सूत्र - 📞
श्री राजेश बहुगुणा
स्पेशल कमिश्नर , स्टेट टैक्स
0731
2547031
0731
2547385
rajesh.bahuguna@mptax.mp.gov.in
Commissioner,
गांधी हाल इंदौर - 452 007.
राष्ट्रीय स्तर की शिकायतो हेतू
श्री अतुल सक्सेना
कमिश्नर , GST
0755
2550754
0755
2552675
auditbhopalgst
@gmail.com
178, भाग्य भवन महाराणा प्रताप नगर जोन- 11 भोपाल
- 462 011.
( उपरोक्त शिकायत नंबर मध्य प्रदेश हेतू)
अन्य राज्यों के शिकायत नंबर हेतू url goo.gl/eYJXnK पर क्लीक करें ।
*मुनाफाखोरी के खिलाफ आंदोलन में बनें भागीदार*
व्यापारियों द्वारा मुनाफाखोरी किए जाने पर ग्राहक बंधु स्थानीय ग्राहक पंचायत कार्यकर्ताओं को भी सूचना दे सकते है ।
ज्ञात हो कि ग्राहक पंचायत की मांग पर ही जीएसटी काउंसिल द्वारा एंटी प्रोफिटीयरिंग अथॉरिटी का गठन किया गया था
-
अ. भा. ग्राहक पंचायत ग्वालिय

Saturday, January 27, 2018

अलीगढ नगर निगम का नाम तो अब घोटाला निगम ही रख देना चाहिए

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Online Fraud by E-commerce

Internet has become a necessity of living but also it brings the risk of being victimised by thousands of attractive schemes and propositions.
We give below the details of a fraud being conducted by an #Ecommerce Company in collision with #DMA/DSA of #SBI Cards.
I get a call on my mobile, Callers introduces himself as call from SBI credit card deptt. He tells the card no, name & address to gain confidence. Then he says that SBI is offering a life time discount of 20 % on all purchases if a payment of 6500/- is made. Being consumer organization decided to gain the experience and catch hold of culprits involved in these online frauds.
We Sent acceptance and allowed for the debit of 6500/-. No confirmation thereafter from their side and even SBI CC online system. Then started discussion with SBI customer care Nodal officer & Appellate but did not get response. We finally raised a complaint with #CMD, with a threat to file an FIR if all details of the company to whom payment has been credited are not provided to us. Extensive Correspondence finally revealed that the DSA called on behalf of an online company New Bazaar. Tried to call the company on the phone no. given on website www.newbazar.in (which has closed down now), some lady speaks and says that her husband has gone to the fields. Then tried to book a product on COD as did not want to lose further money. Got No response. Tried after 3 months, still the same.
We then wrote to concerned Police station, but no response. Finally had to approach the #commissioner and cyber-crime branch, Delhi & NCR with lot of continuous persuasion the FIR was field and investigation proceeded.
Persuaded for one year when the crime branch got hold of the person involved in Lucknow. Finally the case was settled with recovery of payment due to us and also damages. Thanks to the efforts of cyber-crime branch.
This is being placed on Social Media so as to make people aware that:
  • Be careful with SPAM calls from DMA/DSA. Our Government is not able to do anything or protect the consumer.
  • Be careful in taking membership of online marketing or E-commerce companies.
  • Our Government is not serious enough of catching those who give fake details on websites.
  • In case any of you or your associate friend relative has invested in the membership of New Bazar, then please file your complaint /FIR with cyber-crime and seek redressal.
  • May write to us and we will try our best to get the relief. #cybercrime #newbazar #onlinefraud

In a landmark decision, Maharashtra IT Secretary asks Bank of India to pay Rs3.50 lakh to online fraud victim

In a landmark decision, Maharashtra IT Secretary asks Bank of India to pay Rs3.50 lakh to online fraud victim
In a significant order that will bring relief to all those who are victims of online frauds, the Secretary of Information Technology (IT) in Maharashtra has asked Bank of India to pay Rs3.50 lakh to a victim of online fraud. As per the IT Act, 2000 and a notification issued on 25 March 2003, IT Secretaries of every State and Union Territory in India act as 'Adjudicating Officer' in their respective State or Union Territory.
 
In a recent order, VK Gautam, IT Secretary, who is also Adjudicating Officer under the IT Act in Maharashtra, held that Bank of India owns, controls and operates sensitive personal data of its customers but failed to implement reasonable security practices and procedures leading to loss to complainant Nirmalkumar Athawale from Kamptee, near Nagpur. Holding Bank of India liable for violation of Section 43A of the IT Act, the IT Secretary asked it to pay Rs2.50 lakh towards wrong transactions and Rs1 lakh as legal charges and compensation for causing mental harassment.
 
The case is from 2015, when Mr Athawale found that Rs3 lakh were withdrawn from his joint account at Bank of India's Vaishali Nagar, Kamptee branch. He lodged a complaint against this unauthorised withdrawal with the Bank branch and also with the Police. 
 
Through its internal mechanism, the Bank was able to recover only Rs50,000 out of the Rs3 lakh withdrawn from Mr Athawale's account. Under guidance from Adv Mahendra Limaye, a Cyber Legal Consultant from Nagpur, Mr Athawale filed a civil suit before the IT Secretary. 
 
After hearing both the sides Mr Gautam, the IT Secretary held that the Bank has not only erred but also committed serious security breach by providing single customer identification code (CID) for two accounts with different constitutions besides providing net banking facility without any request from the customer. The Bank also failed to send messages for withdrawal of Rs3 lakh to Mr Athawale. 
 
"(The) Bank has caused serious compromise with reasonable security practises," the IT Secretary said while holding Bank of India guilty under sections 43A, G, and H of IT Act. He asked the Bank to pay Rs2.50 lakh towards wrong transactions charged on Mr Athawale's account and Rs1 lakh towards legal charges and for causing mental harassment.
 
As per IT Act, the Adjudicating Officer (IT Secretary) has sole jurisdiction for adjudicating on any contravention of IT Act 2000/8 and to award compensation to those who have suffered a loss of less than Rs5 crore. The Adjudicating Officer has power of a Civil Court in resolving cybercrime cases.