फाइनेंस मिनिस्ट्री के हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने के एवज में ग्राहकों से वसूली गई पेनाल्टी से 1700 करोड़ रुपए का कमाई की है।
बैंक दावा करते हैं कि आपके खाते को मेंटेज करने के एवज में उनका इंफ्रा और मैन पावर दोनों खर्च होते हैं। इसके एवज में वो चाहते हैं कि आप अपने खाते में एक निश्चित रकम रखें। ऐसा करने पर उनका अकाउंट मेंटेन रहता है और वो इससे वो अपना खर्च निकाल लेते हैं।
अगर आप अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटन नहीं करते हैं तो इसके एवज में वह आपसे पेनाल्टी वसूलते हैं। इससे लोगों को अच्छी खासी परेशानी तो होती ही है, साथ ही जेब को चपत भी लगती है। लेकिन इससे छुटकारा पाने का एक आसान तरीका जीरो बैलेंस सोविंग अकाउंट है।
सामान्य तौर पर ऐसे अकाउंट को बेसिक सामान्य बैंक डिपॉजिट अकाउंट यानी बीएसबीडीए कहा जाता है। ऐसे अकाउंट में मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेंटेन करने की कोई बाध्यता नहीं होती है। साथ ही इसमें बहुत से ऐसे फायदे भी मिलते हैं जो सामान्य सेविंग अकाउंट की ही तरह होते हैं। आइए जानते हैं जीरो बैलेंस अकाउंट को रखने के फायदों के बारे में…
कोई मिनिमम अमाउंट नहीं
एक रेग्युलर सेविंग अकाउंट के मुकाबले BSBDA को काफी पसंद किया जाता है। BSBDA में मिनिमम अकाउंट बैलेन्स की आवश्यकता नहीं होती है। बता दें कि मिनिमम अकाउंट बैलेंस हर बैंक में अलग-अलग होता है। बैलेन्स ना होने पर पेनल्टी लगती है।
सेक्रेंड्री खाते के तौर पर कर सकते हैं यूज
आरबीआई की गाइडलाइन में सभी खाताधारकों को ऐसी सुविधा देना जरूरी किया गया है। ग्राहक अपने नियमित सेविंग बैंक अकाउंट को प्रभावी रूप से मैनेज करने के लिए जीरो बैलेंस खाते को सेकंडरी खाते के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक जैसा रिटर्न
BSBDA खातों पर ब्याज नियमित सेविंग अकाउंट के बराबर ही मिलती है। खाते में पैसे जमा करवाना, किसी भी एटीएम से पैसे की निकासी, चेक बुक की सुविधा (कई शहरों में भुगतान की सुविधा) और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
कौन खोल सकता है यह अकाउंट
हर बैंक का उम्र और आय का अपना मानदंड होता है। फिर भी, आरबीआई की ओर से सभी बैंकों को उम्र और आय के हिसाब से BSBDA खाता खोलने वालों को बाध्य नहीं करने के लिए कहा गया है।
सीमित लेन-देन की सर्विस
इस बैंक खाते से महीने में 4 बार ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। इसमें एटीएम से पैसे निकालने, RTGS, NEFT, ब्रांच कैश, स्टेंडिंग इन्सट्रक्शन, ईएमआई जैसी सर्विस भी शामिल हैं। यह बैंक पर निर्भर करता है कि वह अतिरिक्त निःशुल्क निकासी देता है या नहीं। जमा करवाने की कोई सीमा नहीं है।
BSBDA और BSBDA स्माल अकाउंट में अंतर
एक सामान्य BSBDA अकाउंट के लिए केवाईसी ज़रूरी है, लेकिन यदि सरल केवाईसी के साथ खाता खोला गया है तो यह BSBDA स्माल अकाउंट के अंदर आता है। इसमें निम्न प्रतिबंध होते हैं।
- एक वित्तीय वर्ष में सभी क्रेडिट मिलाकर 1 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।
- सारे विड्रॉउल और ट्रांसफर मिलाकर 10,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
- किसी भी समय बैलेन्स 50,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
- स्माल अकाउंट शुरू में 12 महीने के लिए वैध होते हैं, जिसे आगे 12 महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए वैध दस्तावेज़ पेश करने होते हैं।
खोल सकते हैं एक ही BSBDA
केवल एक ही खाता खोला जा सकता है। एक पुराना सेविंग अकाउंट बीएसबीडीए में बदला जा सकता है। आप नया भी खोल सकते हैं। एक व्यक्ति एक बैंक में एक ही बीएसबीडीए खाता खोल सकता है। यदि किसी ने नियमित सेविंग अकाउंट खुलवाया हुआ है, तो इसे बीएसबीडीए खुलवाने के 30 दिनों के अंदर बंद करना ज़रूरी है, अन्यथा इसे बैंक 30 दिनों में बंद कर देगा।
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